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    उत्तराखंड: राज्य आंदोलनकारियों ने भरी हुंकार, पुलिस के साथ तकरार, 250 पर मुकदमा

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Sun, 08 Aug 2021 11:24 PM (IST)

    राज्य आंदोलनकारियों ने मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। 10 फीसद क्षैतिज आरक्षण और गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने समेत नौ सूत्रीय मां ...और पढ़ें

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    उत्तराखंड: बड़ी संख्या में राज्य आंदोलनकारियों का सीएम आवास कूच।

    जागरण संवाददाता, देहरादून: राज्य आंदोलनकारियों ने मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। 10 फीसद क्षैतिज आरक्षण और गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने समेत नौ सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनकारियों ने मुख्यमंत्री आवास कूच किया। पुलिस ने हाथीबड़कला में बेरिकेडिंग लगाकर रोका तो आंदोलनकारी भड़क उठे और पुलिस के साथ उनकी जमकर नोकझोंक हुई। विरोध स्वरूप वहीं धरने पर बैठे आंदोलनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

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    शाम करीब चार बजे पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर वाहन में बैठा दिया और परेड ग्राउंड ले जाकर निजी मुचलके पर रिहा कर दिया। हालांकि पुलिस ने कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर करीब 250 राज्य आंदोलनकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

    रविवार को दिलाराम चौक पर बड़ी संख्या में राज्य आंदोलनकारी एकत्र हुए। यहां से रैली की शक्ल में सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़े। हाथीबड़कला में पहले से मौजूद पुलिस ने उन्हें बेरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। इस दौरान दोनों पक्षों में जमकर धक्का-मुक्की हुई। जिसमें कुछ आंदोलनकारियों को मामूली चोटें भी आईं। इसके बाद आंदोलनकारी यहीं सड़क पर बैठ गए और मांगों को लेकर नारेबाजी करने लगे।

    राज्य आंदोलनकारियों की मुख्य मांगें

    मुजफ्फरनगर, खटीमा, मसूरी गोली कांड के दोषियों को सजा दी जाए, राज्य आंदोलनकारियों का 10 फीसद क्षैतिज आरक्षण लागू किया जाए, राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों की पेंशन का शासनादेश जारी किया जाए, गैरसैंण को स्थायी राजधानी और प्रदेश में भू-कानून बनाने की मांगें प्रमुख हैं।

    काबीना मंत्री ने किया वादा

    हाथीबड़कला में धरने के दौरान कुछ राज्य आंदोलनकारी निकट ही स्थित काबीना मंत्री गणेश जोशी के आवास पर पहुंच गए और अपनी समस्याओं से अवगत कराया। जिस पर काबीना मंत्री आंदोलनकारियों के बीच धरने में पहुंचे और उन्हें आश्वास्त किया। उन्होंने कहा कि वह खुद भी आंदोलन में शामिल रहे हैं। ऐसे में उन्हें आंदोलनकारियों की पीड़ा पता है। उन्होंने कहा कि वह वादा करते हैं कि जायज मांगों को सरकार अवश्य पूरा करेगी। वह सोमवार शाम सात बजे आंदोलनकारियों के मुद्दों को मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगे और उन्हें पूरा करने का आग्रह करेंगे।

    हरीश रावत-प्रीतम सिंह की जुगलबंदी ने भरा जोश

    कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह हाथीबड़कला में राज्य आंदोलनकारियों का समर्थन करने पहुंचे। दोनों की जुगलबंदी ने आंदोलनकारियों में जोश भर दिया। हरीश रावत ने कहा कि वे आंदोलनकारियों का दर्द अच्छी तरह समझते हैं। इसलिए उनकी मांगों को पूरा करने के लिए वह हर प्रकार से उनके साथ खड़े हैं। कहा कि यदि आंदोलनकारियों की मांगें पूरी नहीं हुईं तो वह भूख हड़ताल कर प्राण तक गंवाने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार के समय ही आंदोलनकारियों के अधिकारों की बात उठती रही। जबकि, भाजपा सरकार ने आंदोलनकारियों की हमेशा अनदेखी की। प्रीतम सिंह ने कहा कि यदि कांग्रेस की सरकार 2022 में शासन में आती है तो आंदोलनकारियों को आरक्षण, शेष आंदोलनकारियों का चिह्नीकरण, गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाना आदि उनकी प्राथमिकता होगी।

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