Updated: Sat, 05 Apr 2025 01:38 PM (IST)
खानपुर में प्रस्तावित सिडकुल औद्योगिक क्षेत्र का श्रेय लेने को लेकर प्रणव सिंह चैंपियन और मौजूदा विधायक उमेश कुमार के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। चैंपियन ने कहा कि वह खुद को क्षेत्र का प्रतिनिधि मानते हैं लेकिन असल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खानपुर के असली विधायक हैं। उमेश कुमार ने कहा कि सिडकुल और उप-जिला अस्पताल खानपुर में लगेगा खानपुर का विकास कोई रोक नहीं सकता।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Khanpur News: खानपुर में प्रस्तावित सिडकुल औद्योगिक क्षेत्र का श्रेय लेने की होड़ को लेकर पूर्व विधायक प्रणव सिंह चैंपियन ने बिना नाम लिए खानपुर विधायक उमेश कुमार पर निशाना साधा है।
चैंपियन ने इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो साझा कर दावा किया कि खानपुर विधायक खुद को क्षेत्र का प्रतिनिधि मानते हैं, लेकिन असल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ही खानपुर के असली विधायक हैं।
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मुख्यमंत्री ही यहां के असली विधायक
उन्होंने कहा कि पिछले छह वर्ष के कठिन संघर्षों से खानपुर में सिडकुल के अथक प्रयास किए गए। सात जनवरी 2022 को उन्होंने खानपुर सिडकुल का शासनादेश जारी करवाया गया। पूर्व विधायक प्रणव सिंह चैंपियन ने कहा कि खानपुर के मौजूदा विधायक को जनता ने लोकसभा चुनाव में नकार दिया था।
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2022 के विधानसभा चुनाव में उन्हें 38 हजार वोट मिले थे, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में वह सिर्फ 16 हजार वोटों पर सिमट गए। इससे साबित होता है कि जनता ने उन्हें पूरी तरह से रिजेक्ट कर दिया है। खानपुर का कोई विधायक नहीं है, मुख्यमंत्री ही यहां के असली विधायक हैं।
कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के इन आरोपों पर विधायक उमेश कुमार ने इंटरनेट प्लेटफार्म पर लिखा कि ‘‘सिडकुल और उप-जिला अस्पताल खानपुर में ही लगेगा, खानपुर का विकास कोई रोक नहीं सकता, आभार मुख्यमंत्री जी दोनों बड़ी योजना हेतु वित्तीय स्वीकृति देने का’’।
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उमेश कुमार। जागरण आर्काइव
2022 के विधानसभा चुनाव से शुरू हुई थी तनातनी
दरअसल खानपुर में चैंपियन और उमेश कुमार के बीच तनातनी 2022 के विधानसभा चुनाव से शुरू हुई थी। इस चुनाव में उमेश कुमार ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की थी, जबकि चैंपियन की पत्नी देवयानी सिंह भाजपा के टिकट पर चुनाव हार गई थी। तभी से दोनों के बीच राजनीतिक तनाव बना हुआ है। इस राजनीतिक रंजिश ने 26 जनवरी 2025 को हिंसक रूप ले लिया।
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25 जनवरी को नगर निकाय चुनाव के नतीजे आने के बाद दोनों नेताओं ने इंटरनेट मीडिया पर एक-दूसरे पर टिप्पणी की। इसके बाद विधायक उमेश कुमार अपने समर्थकों के साथ चैंपियन के आवास पर पहुंचे और हंगामा किया। अगले दिन 26 जनवरी को चैंपियन समर्थकों के साथ उमेश कुमार के कार्यालय पहुंचे और वहां फायरिंग कर दी।
पुलिस ने चैंपियन और उनके समर्थकों पर मुकदमा दर्ज किया और देहरादून से चैंपियन को गिरफ्तार किया। वहीं, उमेश कुमार पर भी चैंपियन की पत्नी ने 25 जनवरी की घटना को लेकर मुकदमा दर्ज कराया। कोर्ट में पेशी के दौरान विधायक उमेश कुमार को जमानत मिली, परंतु कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को 51 दिनों तक न्यायिक हिरासत में रहना पड़ा।
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