गुरुकुल ने तैयार किया ऐसा मल्टी फंक्शनल सेंसर, पलभर में नेचर फ्रेंडली और हानिकारक गैसों के बारे में लग जाएगा पता
गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग ने एक मल्टी फंक्शनल सेंसर का प्रोटोटाइप तैयार किया है। यह सेंसर हानिकारक गैस नेचर फ्रेंडली गैस (Nature ...और पढ़ें

रोबिन मल्ल, जागरण, हरिद्वार। अब एक ही सेंसर की मदद से नेचर फ्रेंडली व हानिकारक गैस, हवा की नमी (ह्यूमिडिटी) और पानी में मौजूद अशुद्धियों का आसानी से पता लगाया जा सकता है। दरअसल, गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग ने मल्टी फंक्शनल सेंसर का प्रोटोटाइप तैयार किया है। विवि का यह शोध अब तक 50 से अधिक अंतरराष्ट्रीय शोध जर्नलों में प्रकाशित हो चुका है।
भौतिकी विभाग के विज्ञानियों का मानना है कि यह सेंसर अत्यंत कारगर है। इसकी मदद से खदानों और भूमिगत टनल में मौजूद हानिकारक गैस जैसे हाइड्रोजन सल्फाइड, मीथेन, अमोनिया और कार्बन मोनोआक्साइड का पता लगाया जा सकता है। साथ ही इस मल्टी फंक्शनल सेंसर से वातावरण में मौजूद नेचर फ्रेंडली गैस नाइट्रोजन, आक्सीजन और हाइड्रोजन की मात्रा भी ज्ञात की जा सकती है।
वातावरण में आर्द्रता (ह्यूमिडिटी) को मापने में भी यह सेंसर बेहद प्रभावी है। यानी यह हवा में मौजूद गैसीय जलवाष्प की मात्रा भी बताता है। इसकी मदद से पानी में मौजूद अशुद्धियों की मात्रा का भी सटीक जानकारी होती है। यह एक इलेक्ट्रानिक डिवाइस है जो न्यूनतम 30 डिग्री सेल्सियस तापमान पर भी गैसों की पहचान करने में सक्षम है।
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गुरुकुल की भौतिकी विभाग की ओर से तैयार मल्टी फंक्शनल सेंसर: स्वयं
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इस सेंसर का प्रयोग भूमिगत टनलों और खदानों में किया जा सकता है, जिससे वहां मौजूद मानव जीवन के लिए हानिकारक गैसों का समय रहते पता लगाया जा सके। साथ ही यह औद्योगिक अपशिष्टों से निकलने वाली जहरीली गैसों के परीक्षण में भी उपयोगी है।
विवि का भौतिकी विभाग लंबे समय से इस सेंसर की कार्य क्षमता और गैस मापन की सटीकता पर कार्य कर रहा है। विभाग की ओर से इस विषय पर शोध जारी है। आने वाले समय में यह सेंसर एक साथ कई प्रकार की गैसों की जानकारी देने में उपयोगी साबित होगा।
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प्रो. एलपी पुरोहित, विभागाध्यक्ष भौतिकी विभाग गुरुकुल कांगड़ी।
भौतिकी विभाग का यह शोध अब तक कई अंतरराष्ट्रीय शोध जर्नल में प्रकाशित हो चुका है। यह विश्वविद्यालय और विभाग के लिए बड़ी उपलब्धि है। यह एक मल्टी फंक्शनल सेंसर है जिसकी मदद से वातावरण में उपस्थित हानिकारक गैस, नेचर फ्रेंडली गैस, आर्द्रता और पानी में उपस्थित अशुद्धियों का पता लगाया जा सकता है। विभाग ने इसका प्रोटोटाइप तैयार किया है और वर्तमान में इसकी सटीकता को लेकर शोध जारी है। यह अन्य सेंसरों की तुलना में अधिक प्रभावी है। इसका उपयोग खदानों और भूमिगत टनलों में किया जा सकता है, जिससे हानिकारक गैसों से बचाव संभव हो सकेगा। - प्रो. एलपी पुरोहित, विभागाध्यक्ष भौतिकी विभाग गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय हरिद्वार

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