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    Uttarakhand Forest Fire: आग पर काबू पाएगा अर्ली वार्निंग सिस्टम, अब तक जुड़े लगभग 21 हजार लोग

    Updated: Fri, 11 Apr 2025 05:00 AM (IST)

    Uttarakhand Forest Fire उत्तराखंड के जंगलों में लगने वाली आग पर अब अर्ली वार्निंग सिस्टम से काबू पाया जाएगा। मौसम विभाग से मिलने वाले पूर्वानुमान के आ ...और पढ़ें

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    Uttarakhand Forest Fire: जंगलों में अग्नि नियंत्रण के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम। जागरण आर्काइव

    राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून। Uttarakhand Forest Fire: समय के साथ चलने में ही समझदारी है। लंबी प्रतीक्षा के बाद आखिरकार वन विभाग को इसका अहसास हुआ है। जंगलों में लगने वाली आग पर नियंत्रण के लिए तकनीकी का बेहतर ढंग से उपयोग इसकी बानगी है। इसी कड़ी में अर्ली वार्निंग सिस्टम विकसित किया गया है।

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    इसके तहत मौसम विभाग से मिलने वाले पूर्वानुमान के आधार पर संवेदनशील क्षेत्र चिह्नित कर वहां वन कर्मियों को अलर्ट किया जा रहा है, ताकि आग लगने पर तत्काल इसे बुझाया जा सके। इसके अलावा फारेस्ट फायर एप और फायर अलर्ट सिस्टम से अब तक 20,900 व्यक्तियों को जोड़ा जा चुका है। इससे अग्नि दुर्घटनाओं की तत्काल जानकारी मिल रही है और अग्नि नियंत्रण में रिस्पांस टाइम कम हुआ है।

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    राज्य में हर साल ही बड़े पैमाने पर आग से वन संपदा को पहुंच रही क्षति चिंता बढ़ा रही है। इसे देखते हुए सरकार ने इस बार आग पर नियंत्रण के लिए इसमें जनसहभागिता सुनिश्चित करने के साथ ही तकनीकी के उपयोग पर जोर दिया।

    अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा के अनुसार फारेस्ट फायर एप और फायर अलर्ट सिस्टम से अग्नि दुर्घटनाओं के साथ ही अन्य जानकारियां विभाग को मिल रही हैं। इनका तत्काल समाधान हो रहा है। उन्होंने बताया कि मौसम विभाग से मिलने वाले पूर्वानुमान के आधार पर संवेदनशील क्षेत्र का आकलन किया जा रहा है। साथ ही पिछले वर्षों के आंकड़ों के आधार पर फायर डेंजर रेटिंग कर वहां वनकर्मियों को मुस्तैद किया जा रहा है। इसके बेहतर परिणाम आए हैं।

    जंगलों में लगने वाली आग पर नियंत्रण में जनसहभागिता बढ़ाने को ग्राम वनाग्नि प्रबंधन समितियों को 30-30 हजार की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है तो चीड़ की पत्तियों के एकत्रीकरण के लिए 10 रुपये प्रति किग्रा की दर तय की गई है। यही नहीं, अग्नि नियंत्रण में तकनीकी का बेहतर उपयोग किया जा रहा है। हम हर तरह के प्रयास कर रहे हैं, जिनके सार्थक परिणाम आएंगे। -आरके सुधांशु, प्रमुख सचिव वन

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