Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भोलेनाथ को करें प्रसन्‍न, राशि के अनुसार ऐसे करें पूजा

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Fri, 24 Feb 2017 05:11 AM (IST)

    महाशिविरात्रि का पर्व 24 फरवरी को है। महाशिवरात्रि ऐसा पर्व है जिस दिन शिव शंकर की पूजा-करने से ग्रह दोष समाप्त हो जाते हैं। महाशिवरात्रि चाहे श्रावण की हो या फिर फाल्गुन की।

    भोलेनाथ को करें प्रसन्‍न, राशि के अनुसार ऐसे करें पूजा

    हरिद्वार, [जेएनएन]: देवों के देव महादेव की पूजा-अर्चना से सकल मनोरथ पूर्ण हो जाते हैं। महाशिवरात्रि ऐसा पर्व है जिस दिन शिव शंकर की पूजा-करने से ग्रह दोष समाप्त हो जाते हैं। महाशिवरात्रि चाहे श्रावण की हो या फिर फाल्गुन की। दोनों का सार एक ही है भोलेनाथ की उपासना और आराधना करने का। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
     
    श्रावण और फाल्गुन दोनों महीने भगवान शिव शंकर की पूजा-अर्चना के नाम होते हैं। दोनों महीनों की महाशिवरात्रि पर्व पर शिवालयों में जलाभिषेक किया जाता है। इस बार फाल्गुन की महाशिवरात्रि शुक्रवार को पड़ रही है। इसके चलते भोले के भक्त शिवालयों में जलाभिषेक करने को लालायित हैं। आशुतोष की ससुराल होने के नाते धर्मनगरी में इस पर्व पर शिवालयों में आस्था का सैलाब उमड़ेगा। 
     
    शास्त्रों में बताया गया है कि इस पर्व पर शिव शंकर की पूजा-अर्चना करने से ग्रहों का प्रभाव भी समाप्त हो जाता है। इसके लिए शास्त्रों पर पूजन की शास्त्रीय विधि भी सुझाई गई है। ज्योतिषाचार्य पंडित शक्तिधर शास्त्री बताते हैं कि महाशिवरात्रि का व्रत और पूजन सर्वश्रेष्ठ है। बताया कि अलग-अलग राशि के जातक अलग-अलग विधियों से पूजा करें तो सभी प्रकार के ग्रहों का प्रभाव मिट जाता है। 
     
    राशि अनुसार क्या चढ़ाएं 
    मेष - पंचामृत और फूल भगवान आशुतोष को अर्पित करें। 
    वृष - दुग्ध और सफेद पुष्प चढ़ाएं। 
    मिथुन - शहद के साथ बेलपत्री चढ़ाएं 
    कर्क - दुग्ध में काले तिल व शहद डालकर चढ़ाएं। 
    ङ्क्षसह - लाल रंग के पुष्प व दूध अर्पित करें। 
    कन्या - पीले-लाल रंग के पुष्प व जल चढ़ाएं। 
    तुला - दूग्ध में काले तिल व शक्कर डालकर अर्पित करें। 
    वृश्चिक - दुग्ध के साथ चंदन, तुलसी व बेलपत्र भी चढ़ाएं। 
    धनु - सरसों के पुष्प व जल अर्पित करें। 
    मकर - दुग्ध में लाल रंग के पुष्प व शहद डालकर अर्पित करें। 
    कुंभ - गुड़ और काले तिल मिलाकर जल चढ़ाएं। 
    मीन - पंचामृत, बेलपत्र व पुष्प अर्पित करें।