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विश्व की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा कांवड़ मेला शुरू, गंगाजल लेने उमड़े शिवभक्त

विश्व की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा कांवड़ मेला का विधिवत शुभारंभ हो गया। इसके साथ ही गंगाजल लेने के लिए हरिद्वार में शिवभक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो गया।

By BhanuEdited By: Published: Sat, 28 Jul 2018 09:14 AM (IST)Updated: Sat, 28 Jul 2018 09:03 PM (IST)
विश्व की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा कांवड़ मेला शुरू, गंगाजल लेने उमड़े शिवभक्त

हरिद्वार, [जेएनएन]: विश्व की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा कांवड़ मेला का विधिवत शुभारंभ हो गया। हालांकि शिव जलाभिषेक के लिए गंगाजल लेने को कावड़ियों के हरिद्वार आने व जाने का क्रम करीब एक सप्ताह पहले से शुरू हो गया था। 

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कावड़ यात्रा का आरंभ गुरु पूर्णिमा के अगले रोज श्रावण मास की  शुरुआत से मनाया जाता है। इसलिए यात्रा का आरंभ शनिवार की सुबह से विधिवत रूप से हुआ। यात्रा का चरम काल तीन अगस्त को पंचक की समाप्ति के बाद शुरू होगा। पंचक 29 जुलाई से लग रहे हैं। पंचक के दौरान लकड़ी (कास्ट) का सामान न खरीदने की परंपरा है। मान्यता के चलते कांवड़िए इस दौरान कांवड़ खरीदने से परहेज करते हैं।  इसकी वजह से इस समय यात्रा अपनी सुप्त अवस्था में रहती है।   

प्रशासन ने किए पुख्ता इंतजाम 

यात्रा के सुचारु संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने पुख्ता व्यवस्था की है।  करीब 50 किलोमीटर की कावड़ पटरी मार्ग को इसके लिए निर्धारित किया गया है। पूरे मार्ग पर कावड़ियों की सुरक्षा के साथ साथ उनके ठहरने, भोजन, स्वास्थ आदि की सुविधा के लिए जगह-जगह कैंप लगाए गए हैं।  वहीं उनके लिए पूरे रास्ते में शौचालय भी बनाए गए हैं।

इस बार पहली बार उत्तर प्रदेश में भी कांवड़ यात्रा को कांवड़ पटरी मार्ग पर ही चलाया जा रहा है। इससे पहले उत्तराखंड की सीमा के बाद कांवड़िए हाईवे पर चलने लगते थे।कावड़ मेला यात्रा की सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बलों के साथ-साथ उत्तराखंड पुलिस के करीब 7000 अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। 

चंद्रग्रहण के साथ शुरूआत व समापन 

कांवड़ मेला यात्रा का समापन नौ अगस्त को शिव जलाभिषेक के साथ होगा। इस बार कावड़ यात्रा का आरंभ और अंत ग्रहण के साथ हो रहा है। कांवड़ यात्रा का आरंभ शुक्रवार रात पड़े चंद्र ग्रहण के बाद शुरू हुआ।  वहीं यात्रा के समापन के बाद 11 अगस्त को सूर्य ग्रहण पड़ रहा है | ये वस्तुएं हैं प्रतिबंधित 

हरिद्वार के एसएसपी कृष्ण कुमार वीके ने बताया कि इस बार ढाई से तीन करोड़ कावड़ियों के आने की संभावना है। उन्होंने दावा किया कि कांवड़ मेला यात्रा के लिए सुरक्षा समेत सभी बंदोबस्त चाक चौबंद हैं।   उन्होंने बताया कि कांवड़ यात्रा के दौरान आठ फीट से ऊंचे त्रिशूल, बेसबॉल बैट, हॉकी आदि पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध है। डीजे इत्यादि को सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार नियंत्रित आवाज में बजाने की अनुमति है। उन्होंने सभी से सहयोग की अपील करते हुए अफवाहों से दूर रहने और उसे ना फैलाने का आह्वान किया। 

कांवड़ियों के लिए देहरादून शहर और मसूरी प्रतिबंधित 

प्रशासन ने कावंड़ियों के लिए देहरादून और मसूरी में प्रतिबंध लगा दिया है। कावड़िए शहर में प्रवेश न कर पाएं, इसलिए पुलिस ने जगह-जगह बैरिकेट्स लगा दिए हैं। कांवड़ियों से भी पुलिस ने निर्धारित रूट से ही अपनी यात्रा शुरू करने की अपील की है। 

यह है रुट प्लान  

- हिमाचल, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश से विकासनगर चकराता रोड होकर आने वाले कांवडिय़ों व डाक कावड़ के वाहनों को सहसपुर सेलाकुई से शिवालिक कॉलेज मार्ग से नया गांव चौकी, शिमला बाइपास रोड होते हुए शिमला बाइपास चौक, आइएसबीटी, कारगी चौक से दूधली मार्ग होते हुए डोईवाला की ओर डाइवर्ट किया गया। 

- हरिद्वार मार्ग की ओर से देहरादून या अन्य मार्गों की ओर आने वाले कांवड़ियों को डोईवाला, दूधली मार्ग होते हुए कारगी चौक से आइएसबीटी से सहारनपुर रोड, शिमला बाइपास चौक से सभावाला की ओर डाइवर्ट किया।

- सहारनपुर, आशारोड़ी, सहारनपुर रोड से आने वाले कांवडिय़ों के वाहनों को आइएसबीटी से हरिद्वार बाइपास रोड, कारगी चौक से दूधली होकर डोईवाला की ओर डाइवर्ट किया जाएगा। हरिद्वार, ऋषिकेश से सहारनपुर जाने वाले कांवड़ वाहन इसी मार्ग से सहारनपुर जाएंगे।

-कांवड़ियों को किसी भी हालत में मसूरी और देहरादून नगर में नहीं घुसने दिया जाएगा। इसके लिए विभिन्न जगह बैरियर लगाए गए हैं। 

यहां रहेगी बैरियर की व्यवस्था

- शिमला बाइपास चौक, कारगी चौक,  बाइपास चौकी नेहरू कॉलोनी, शिव मंदिर दूधली रोड, शक्ति विहार मोथरोवाला रोड, नंदा की चौकी, झाझरा चौकी के पास, गुरु राम राय इंटर कॉलेज दूधली रोड, सिंघनीवाला डायवर्जन,  डोईवाला चौक। 

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