चंद्रग्रहण पर दोपहर बाद बंद हुए चारधाम समेत सभी मंदिरों के कपाट
चंद्रग्रहण के सूतक के चलते देवभूमि उत्तराखंड में चारधाम समेत सभी मंदिरों के कपाट दोपहर दो बजे बंद कर दिए गए। शुद्धिकरण के साथ हवन-यज्ञ कर दोबारा मंदिर के कपाट खोले जाएंगे।
देहरादून, [जेएनएन]: सदी के सबसे लंबे चंद्रग्रहण के सूतक के कारण उत्तराखंड में बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के अलावा देवप्रयाग, ऋषिकेश और हरिद्वार समेत सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं। सफाई और शुद्धिकरण के बाद कपाट शनिवार सुबह खोले जाएंगे। इसके अलावा हरिद्वार में सांध्यकालीन गंगा आरती दोपहर बाद ही कर ली गई।
बदरीनाथ के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि कपाट बंद करने से पहले कपाट बंद होने से पहले रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने भगवान की आरती के साथ ही शयन आरती के बाद दोपहर बाद कपाट बंद किए। इससे पूर्व करीब 1200 श्रद्धालुओं ने बदरीनाथ के दर्शन किए। इसके अलावा चमोली में जिले में गोपेश्वर के गोपीनाथ मंदिर, रूद्रनाथ ,कल्पेश्वर समेत सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं।
दूसरी ओर केदारनाथ में दर्शनार्थियों की तादाद कम रही। महज 150 यात्री ही केदारनाथ पहुंचे। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के कार्याधिकारी एमपी जमलोकी ने बताया कि बदरीनाथ और केदारनाथ के कपाट दोपहर बाद दो बजे बंद किए गए हैं। उन्होंने बताया कि शनिवार प्रात: सफाई, शुद्धिकरण और हवन-पूजन के बाद कपाट रोज की भांति श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर ब्रह्मकुंड पर प्रतिदिन होने वाली सांध्यकालीन आरती भी समय से पूर्व की गई। श्री गंगा सभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम शर्मा गांधीवादी और महामंत्री राम कुमार मिश्रा ने बताया कि सूतक के चलते गंगा आरती दोपहर बाद दो बजे की गई।
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