हरिद्वार से गंगाजल लेकर लौटे साढ़े चार करोड़ कांवड़ यात्री, छोड़ गए 10 हजार मीट्रिक टन कूड़ा- Photos
Kanwar Yatra 2025 हरिद्वार से गंगाजल लेकर लौटे कांवड़ यात्रियों ने भारी मात्रा में कचरा छोड़ा जिससे गंगा घाटों पर गंदगी का अंबार लग गया। नगर निगम को सफाई में दो-तीन दिन लगेंगे। प्लास्टिक पर प्रतिबंध के बावजूद पॉलिथीन का उपयोग हुआ। शहर के अंदरूनी हिस्सों में भी सफाई व्यवस्था लचर रही। कचरा उठाने के लिए अतिरिक्त सफाईकर्मी तैनात किए गए हैं।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। हरिद्वार से गंगाजल लेकर लौटे साढ़े चार करोड़ कांवड़ यात्री करीब दस हजार मीट्रिक टन गंदगी छोड़ गए। इस गंदगी को साफ कर पहले जैसा बनाने में नगर निगम को कम से कम दो से तीन दिन का वक्त लगेगा। इसके लिए नगर निगम प्रशासन ने व्यापक स्तर पर अभियान भी शुरू कर दिया है।
गंगा घाटों की सफाई को विशेष सफाई महाअभियान भी शुरू किया गया है। इसके लिए नगर निगम प्रशासन की ओर से चार नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं। बुधवार शाम संध्याकालीन गंगा आरती से पहले सुभाष घाट, नाई सोता, बिरला घाट, कांगड़ा पुल आदि की कमोबेश सफाई भी करा ली गई है। गुरुवार सुबह तक सभी गंगा घाटों को चकाचक करने का दावा भी किया जा रहा है।
11 जुलाई से कांवड़ यात्रा विधिवत रूप से शुरू हुई थी। शुरुआती दिनों में कांवड़ यात्रियों की संख्या कम रही, लेकिन कांवड़ यात्रियों ने स्वच्छता का संदेश देने के बजाए जमकर गंदगी फैलाई। कांवड़ यात्रा का आधा पड़ाव पूरा होने के बाद कांवड़ यात्रियों ने खाद्य पदार्थ, प्लास्टिक की बोतल, पालीथिन, पन्नी, कपड़े, जूते-चप्पल आदि सामान कूड़ेदान में डालने के बजाय सड़क और गंगा घाटों पर ही फेंक दिया।
हरकी पैड़ी का संपूर्ण क्षेत्र गंदगी से अटा है। मालवीय घाट, सुभाष घाट, महिला घाट, रोड़ी बेलवाला, पंतद्वीप, कनखल, भूपतवाला, ऋषिकुल मैदान, बैरागी कैंप आदि क्षेत्रों में जगह-जगह शौच करने के चलते दुर्गंध व्याप्त है। नगर आयुक्त नंदन कुमार ने बताया कि श्रावण कांवड़ मेले में 10 हजार से अधिक मीट्रिक टन कूड़ा निकला है। मेले के शुरू के सात दिन औसतन 600 से 700 मीट्रिक टन कूड़ा निकला।
वहीं, 19 जुलाई से डाक कांवड़ शुरू होने के बाद अगले तीन-चार दिन तक रोजाना 1000-1200 मीट्रिक टन कूड़ा निकला। आम दिनों में शहर से रोजाना 250-300 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। कूड़ा उठान और निस्तारण को नगर निगम की टीम युद्ध स्तर पर लगी है। कांवड़ मेला तक के लिए एक हजार अतिरिक्त सफाईकर्मी भी तैनात हैं।
चार नोडल अधिकारी के अलावा 11 मुख्य सफाई निरीक्षकों को नियुक्त किया गया है। जिन्हें अलग-अलग घाटों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सफाई कार्य में 15 ट्रैक्टर ट्रालियां, तीन लोडर, तीन टिपर और आठ सीएनजी वाहन तैनात किए गए हैं। हरकी पैड़ी क्षेत्र से बड़ी मात्रा में कूड़ा उठाया गया है। कूड़ा उठान का कार्य लगातार जारी है। इसमें प्लास्टिक समेत अन्य गंदगी भी शामिल है।
एनजीटी के आदेशों की अवहेलना
हरिद्वार में प्लास्टिक पर प्रतिबंध के बावजूद कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार में पालीथिन और प्लास्टिक का कारोबार जमकर हुआ। धड़ल्ले से गंगा घाटों पर प्लास्टिक की कैन, पन्नी आदि बिकती रही।
रोड़ीबेलवाला, पंतद्वीप समेत समूचे कांवड़ मेला क्षेत्र में प्लास्टिक की बरसाती, बैठने के लिए पालीथिन की चटाई, प्लास्टिक कैन आदि की बिक्री को अस्थायी दुकानें सजी रही, लेकिन पुलिस प्रशासन ने इस ओर कार्रवाई नहीं की। कुछेक स्थानों पर फौरी कार्रवाई कर इतिश्री कर दी गयी।
शहर के अंदरुनी हिस्सों की भी सफाई लचर
हरिद्वार: कांवड़ यात्रा के दौरान शहर के अंदरुनी हिस्सों की सफाई व्यवस्था भी लचर रही। ज्वालापुर रेलवे रोड पर सड़क किनारे दोपहर तक गंदगी पड़ी दिखी। वहीं पीपलान मोहल्ला स्थित ट्रांसफर स्टेशन में भी दोपहर 12 बजे तक बड़ी मात्रा में गंदगी जमा दिखी।
कांवड़ यात्रियों की भीड़ के चलते अपर रोड, मोती बाजार, बड़ा बाजार, अलकनंदा से पंतद्वीप घाट तक कूड़ा वाहनों के संचालन में दिक्कतें पेश आई। हालांकि विभिन्न घाटों पर जमा कूड़े के ढेर को यथासंभव समेटा जा रहा है। हरकी पैड़ी क्षेत्र से बड़ी मात्रा में कूड़ा उठाया गया है। कूड़ा उठान का कार्य लगातार जारी है। रात के वक्त कूड़े का उठान कराया जाएगा। शहर को दोबारा पहले जैसी स्थिति में आने में दो से तीन दिन वक्त लगेगा। कीटनाशकों का छिड़काव भी कराया जा रहा है। -नंदन कुमार, नगर आयुक्त, नगर निगम, हरिद्वार
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