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    हरिद्वार में अधूरा हाईवे बना खतरनाक, लील रहा है जिंदगियां

    By BhanuEdited By:
    Updated: Sun, 26 Feb 2017 07:00 AM (IST)

    हरिद्वार में अधूरा हाईवे लोगों की जिंदगी पर भारी पड़ रहा है। स्थिति यह है कि दो माह में करीब 20 से अधिक लोग असमय काल शिकार हो गए, वहीं करीब 80 से अधिक ...और पढ़ें

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    हरिद्वार में अधूरा हाईवे बना खतरनाक, लील रहा है जिंदगियां

    हरिद्वार, [जेडए सलमानी]: यदि आप देहरादून-मुजफ्फरनगर हाईवे पर सफर कर रहे हैं तो सतर्क होकर ड्राइिंवग करें। यहां अधूरा निर्माण आपकी जरा सी चूक से जान पर बन सकता है। यह हम नहीं, बल्कि वर्ष 2016 में हुई दुर्घटनाओं में हुई मौत के आंकड़े बयां कर रहे हैं। 

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    हरिद्वार में अधूरा राष्ट्रीय राजमार्ग एवं संपर्क मार्गों की बदहाल स्थिति सड़क लोगों की जिंदगी लील रही है। मानकों के अनुसार सड़कों को बनाने का दावा किया जाता है, लेकिन हकीकत में मानकों की अनदेखी किसी से छिपी नहीं है। बदहाल सड़के व गड्ढ़े दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण बन रहे हैं। सिस्टम की लापरवाही के कारण कई घरों के चिराग बुझ गए हैं।  

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    सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ कम करने को लेकर पुलिस प्रशासन की ओर से कोई प्लानिंग नहीं की जा रही है। हरिद्वार की आबादी करीब 22 लाख है। रुड़की एवं हरिद्वार शहर राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे बसा है। यहां दो राष्ट्रीय राजमार्ग है, जिसमें दिल्ली-हरिद्वार एवं दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल हैं। 

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    इन दोनों राष्ट्रीय राजमार्ग में सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। इस बात का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि हरिद्वार में पिछले दो दिन हुई दुर्घटनाओं में चार लोग अपनी जान गवां चुके हैं। जनवरी-फरवरी 2017 की बात की जाए तो अभी दो माह पूरे भी नहीं हुए कि करीब 20 से अधिक लोगों की दुर्घटना में मौत हो चुकी है। साथ ही करीब 80 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। 

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    वर्ष 2015 में 196 व 2016 में 237 की सड़क दुर्घटना में मौत हुई। इन दुर्घटनाओं में कई हाथ व पैर खोने के कारण दिव्यांग की श्रेणी में आ गए। वहीं सीओ यातायात शाहजहां जावेद का कहना है कि अधिकांश मौत का कारण यातायात नियमों का उल्लंघन रहा है। दोपहिया वाहन के चालक वाहन चलाते समय आइएसआइ मार्क का हेलमेट पहने और सतर्क होकर हाईवे पर वाहन चलाएं।

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