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    पिरान कलियर उर्स: बरेली से 20 दिन पैदल यात्रा के बाद दरगाह पहुंचा झंडा, देखने को बेताब अकीदतमंद

    बरेली से 20 दिन की पैदल यात्रा के बाद पवित्र झंडा दरगाह कलियर शरीफ पहुंचा। असर की नमाज के बाद सज्जादा नशीं ने झंडे का इस्तकबाल किया और उसे बुलंद दरवाजे पर चढ़ाया जिसे परचम कुसाई कहते हैं। बरेली से शुरू हुई इस यात्रा में रामपुर मुरादाबाद जैसे शहर शामिल थे। दरगाह में झंडे का भव्य स्वागत किया गया और मेला क्षेत्र साबिर के नारों से गूंज उठा।

    By Raman kumar Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 24 Aug 2025 07:49 PM (IST)
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    मोबाइल में तस्वीर कैद करने को बेताब दिखे अकीदतमंद. Jagran

    संवाद सूत्र, जागरण कलियर । बरेली से बीस दिन की पैदल यात्रा करते हुए पवित्र झंडा रविवार को दरगाह पहुंचा। शाम को असर की नमाज के बाद सज्जादा नशीं ने पूरे अदब के साथ झंडे का इस्तबाल किया। इसके बाद झंडे को दरगाह के बुलंद दरवाजे पर चढ़ाया गया। झंडा चढ़ाने की रस्म को परमच कुसाई कहते हैं।

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    झंडे को लेकर रविवार को बरेली की नो मेला मस्जिद से सूफी वसीम साबरी के नेतृत्व में 105 लोगों का दल कलियर पहुंचा। बीस दिन पहले बरेली से शुरू हुई यह यात्रा रामपुर, मुरादाबाद, नजीबाबाद, ज्वालापुर, रहमतपुर से होते हुए पहुंची। इस दौरान विभिन्न स्थानों पर झंडे का स्वागत किया गया व कदम पोशी की गई।

    कलियर में दरगाह के सज्जादा नशीं शाह अली शाह मियां साबरी ने गर्मजोशी और मोहब्बत के साथ झंडे का खैर मख्दम किया। झंडा लानें वालों की खूब आवभगत की गई। कलाम पाक के नारों के साथ साबरी पवित्र झंडे को दरगाह के बुलंद दरवाजे पर परचम कुसाई के रूप में चढ़ाया गया। इसी के साथ मेला क्षेत्र गुले गुलजार हो गया।

    चारों और साबिर साबिर की सदायें गूंजती रही। इस मौके पर नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि सलीम, असद साबरी, सुहेल मिया, प्रधान नोमी मिया, इसत्कार प्रधान और फारुख आदि मौजूद रहे। इस दौरान दरगाह में जबरदस्त भीड़ रही। लोग इन पलों को कैमरे में कैद करने के लिए बेताब दिखाई दिए।