मनसा व चंडी देवी मंदिर में दर्शन व्यवस्था सुधारने के लिए नई योजना, एआई कमैरों से होगी श्रद्धालुओं की गिनती
हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर में भगदड़ के बाद प्रशासन सतर्क है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए एआई कैमरे लगाए जाएंगे और मंदिरों की क्षमता का वैज्ञानिक आकलन होगा। जिलाधिकारी ने मंदिर समिति पुलिस और वन विभाग की संयुक्त बैठक बुलाकर सुव्यवस्थित दर्शन व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए हैं ताकि भविष्य में किसी भी हादसे से बचा जा सके।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। रविवार को मनसा देवी मंदिर के सीढ़ी मार्ग पर मची भगदड़ हादसे के बाद अब प्रशासन श्रद्धालुओं की सुरक्षा और दर्शन व्यवस्था को लेकर बेहद गंभीर हो गया है। मनसा देवी और चंडी देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की क्षमत का आंकलन वैज्ञानिक तरीके से होगा, इसके साथ ही एआइ कैमरों के जरिये श्रद्धालुओं की गणना भी होगी।
सोमवार को जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने मनसा देवी और चंडी देवी मंदिर परिसर की भीड़ नियंत्रण और व्यवस्थाओं को सही करने के लिए निर्देश जारी किए।
मंदिर में दर्शन व्यवस्था सुधारने के लिए आयोजित होगी संयुक्त बैठक
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि मंदिर में श्रद्धालुओं की गणना के लिए एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) बेस्ड सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। ताकि श्रद्धालुओं की रियल टाइम निगरानी हो सके और भीड़ बढ़ने से पहले ही नियंत्रणात्मक कदम उठाए जा सकें।
मंदिर परिसर की क्षमता के अनुसार ही मिलेगी एंट्री
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि चंडी देवी और मनसा देवी मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की अधिकतम रुकने की क्षमता का वैज्ञानिक अध्ययन कराया जाए। इससे यह तय किया जा सकेगा कि एक समय में कितने श्रद्धालु मंदिर में मौजूद रह सकते हैं और दर्शन व्यवस्था कैसे चरणबद्ध और नियंत्रित ढंग से की जा सके। ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की अफरा-तफरी या हादसे की आशंका न रहे।
संयुक्त बैठक से तय होंगी आगे की व्यवस्थाएं
श्रद्धालुओं की सुरक्षा, मंदिर में दर्शन लाइन की संरचना और आपात व्यवस्थाओं को लेकर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने निर्देश दिए हैं कि मंदिर समिति, पुलिस, वन विभाग और जिला प्रशासन की एक संयुक्त बैठक जल्द से जल्द आयोजित की जाए। इस बैठक में मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुव्यवस्थित आवाजाही, प्रवेश-निकास की दिशा, प्रतीक्षा स्थल, प्राथमिक चिकित्सा और भीड़ नियंत्रण से जुड़ी कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
जिलाधिकारी ने मंदिर समिति और पुलिस प्रशासन मिलकर ऐसी योजना तैयार करने को कहा, जिसमें श्रद्धालु बिना धक्का-मुक्की, शांतिपूर्ण व नियंत्रित ढंग से दर्शन कर सकें।
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