Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Haridwar Kumbh Mela 2021: आनंद अखाड़े ने युद्ध कौशल से की धर्म रक्षा, पढ़िए पूरी खबर

    Haridwar Kumbh Mela 2021 श्री पंचायती आनंद अखाड़े का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है। अखाड़े की स्थापना 855 ईस्वी में मध्यप्रदेश के बरार नामक स्थान पर हुई थी। सूर्य नारायण भगवान इस अखाड़े के ईष्ट देव हैं। इसे निरंजनी अखाड़े का छोटा भाई भी कहा जाता है।

    By Sunil NegiEdited By: Updated: Mon, 29 Mar 2021 09:43 PM (IST)
    Hero Image
    श्री पंचायती आनंद अखाड़े का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है।

    अनूप कुमार, हरिद्वार। Haridwar Kumbh Mela 2021 श्री पंचायती आनंद अखाड़े का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है। अखाड़े की स्थापना 855 ईस्वी में मध्यप्रदेश के बरार नामक स्थान पर हुई थी। सूर्य नारायण भगवान इस अखाड़े के ईष्ट देव हैं। इसे निरंजनी अखाड़े का छोटा भाई भी कहा जाता है। यह अखाड़ा कुंभ आदि पर्वों पर निरंजनी अखाड़े के साथ अपनी पेशवाई निकालता है और शाही स्नान में शामिल होता है। वर्तमान में आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आनंद अखाड़ा सामाजिक क्रियाकलापों में बढ़-चढ़कर भाग लेता है और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को वहन करने में सबसे आगे रहता है। अखाड़ा दशनामी संन्यास परंपरा का पूरा पालन करता है। भारत में मुगल सल्तनत काल के शुरू होने से हिंदू धर्म और हिंदू धर्म के मानने वालों को अपमान का सामना करना पड़ा था। अखाड़े के नागा संन्यासियों ने इसके खिलाफ ना सिर्फ आवाज उठाई, बल्कि अपने युद्ध कौशल से भारतीय धार्मिक सनातन परंपरा का निर्वहन किया और उसकी रक्षा भी की। खिलजी साम्राज्य के समय अखाड़े ने हिंदू धर्म रक्षा के बहुत से काम किए और धार्मिक प्रतीक चिन्हों व मठ मंदिरों की रक्षा की।

    यह भी पढ़ें-आनंद अखाड़े की पेशवाई में दिखा नागा संन्यासियों का अवधूती वैभव, तस्वीरों में देखें उत्सव

    वाराणसी में है अखाड़े का केंद्रीय मुख्यालय

    हरिद्वार में इसकी स्थापना विक्रम संवत 912 में हुई थी। इसकी शाखाएं प्रयागराज व उज्जैन में भी हैं। यह अखाड़ा हरिद्वार में श्रवणनाथनगर में स्थित है। अखाड़े का केंद्रीय मुख्यालय वाराणसी में है। अनेक दशनामी नागा संन्यासी इस अखाड़े में हैं और पूरे देश में फैले हुए हैं। हरिद्वार में अखाड़ा की गतिविधियां वर्ष भर संचालित होती हैं। समाजसेवा और धार्मिक खासकर धार्मिक शैक्षिक सेवा में इस अखाड़े की भागीदारी काफी ज्यादा रहती है। नागा संन्यासियों की संख्या में इस अखाड़े में ज्यादा है।

    श्रेष्ठ संन्यासियों ने की थी स्थापना

    कथा गिरि, हरिहर गिरि, रामेश्वर गिरि, देवदत्त भारती, शिव श्याम पुरी, श्रवण पुरी और हेमवन आदि श्रेष्ठ सन्यासियों ने 855 ईस्वी में श्री पंचायती आनंद अखाड़े की स्थापना मध्यप्रदेश के बरार नामक स्थान पर की थी।

    यह भी पढ़ें-जानिए कौन सा अखाड़ा है उच्च शिक्षित संतों से सुशोभित, यहां के संत देश-विदेश में देते हैं लेक्चर

    Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें