पिता की बेइज्जती का बदला लेने को कर दी युवक की हत्या Haridwar News
अलीपुर गांव में युवक की हत्या पिता के अपमान का बदला लेने के लिए गई थी। पुलिस ने एक नामजद के साथ उसके तीन सहयोगियों को गिरफ्तार कर हत्या का खुलासा किया है।
हरिद्वार, जेएनएन। अलीपुर गांव में युवक की हत्या पिता के अपमान का बदला लेने के लिए गई थी। पुलिस ने एक नामजद के साथ उसके तीन सहयोगियों को गिरफ्तार कर हत्या का खुलासा किया है। देशी तमंचा व खाली खोखा भी बरामद हुआ है। एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय ने बहादराबाद थाने में पत्रकार वार्ता कर हत्या के कारणों से पर्दा उठाया।
बहादराबाद थानाक्षेत्र के गांव अलीपुर निवासी सईद हसन का बेटा आरिफ सोमवार को आम के बाग में रखवाली कर रहा था। उसी दौरान गोली मारकर आरिफ की हत्या कर दी गई थी। आरिफ के भाई तारीक ने पड़ोसियों पर हत्या का आरोप लगाते हुए रियासत, शराफत, परवेज, नावेद, जावेद और जुबेर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
एसओ गोविंद कुमार के नेतृत्व में पुलिस ने छानबीन करते हुए नावेद को हिरासत में ले लिया। सख्ती से पूछताछ में उसने बहादराबाद निवासी दोस्त शोएब, सलमान व फरमान के साथ मिलकर हत्या की बात कुबूल की। पुलिस ने दबिश देकर नावेद के तीनों दोस्तों को भी गिरफ्तार किया।
एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय ने बताया कि रविवार को सबमर्सिबल पाइप पर ट्रैक्टर उतरने पर दोनों परिवारों के बीच झगड़ा हुआ था। आरिफ ने दूसरे पक्ष के घर जाकर लड़ाई की और ट्रैक्टर की लाइटें भी फोड़ दी थी। दोनों पक्षों में सुलह कराने के लिए बुलाई गई पंचायत में आरिफ ने रियासत की बेइज्जती करते हुए कहा था कि उसे 10 जूते मारने पर ही विवाद खत्म होगा।
हालांकि बाद में आपसी सहमति से विवाद खत्म हो गया था। नावेद के मन में पिता की बेइज्जती का बदला लेने की चिंगारी सुलग रही थी। सोमवार को दोस्तों के साथ अलीपुर पहुंचा और बाग में तमंचे से गोली मारकर आरिफ की हत्या कर दी। पुलिस ने तमंचा बरामद कर लिया।
पत्रकार वार्ता में सीओ सदर डा. पूर्णिमा गर्ग भी उपस्थित रहीं। पुलिस टीम में एसओ गोविंद कुमार, बाजार चौकी प्रभारी रणजीत तोमर, शांतरशाह चौकी प्रभारी अशोक कुमार, उपनिरीक्षक सतीश शाह, कांस्टेबल सुनील राठी, मनीष चौधरी, दिनेश चौहान, प्रेम सिंह व बारुदत्त शामिल रहे।
नमाज अदा करते ही सिर में मारी गोली
पुलिस की पूछताछ में नावेद ने बताया कि एक बाइक पर वह अपने दोस्त शोएब और दूसरी बाइक पर सलमान व फरमान सवार थे। योजना के तहत सलमान व फरमान को बाग से कुछ दूर ही रोक दिया गया। नावेद और शोएब आगे चले गए। ताकि कोई खतरा आने पर बाइकें आपस में बदलकर अलग-अलग रास्तों से भाग निकलें।
एसओ बहादराबाद गोविंद कुमार ने बताया कि बाग में आरिफ नमाज अदा कर खड़ा हुआ था कि तभी नावेद और शोएब वहां पहुंच गए। नावेद ने उसके सिर पर तमंचा सटाकर गोली मार दी और फरार हो गए।
दोस्त की खातिर पहुंच गए जेल
हत्या में शामिल चारों आरोपित पेशे से ऑटो ड्राइवर हैं। पड़ताल में आया है कि नावेद गरम दिमाग है, उसने जनवरी में तमंचा खरीदा था। आरिफ पक्ष से झगड़े में पिता की बेइज्जती होने के बाद वह दोस्तों के पास पहुंचा और उन्हें पूरी कहानी बताई। नावेद का कहना था कि उसे अपने पिता की बेइज्जती का बदला लेना है। दोस्ती की खातिर तीनों उसके साथ चल पड़े। हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि तीनों दोस्तों को यह अंदाजा नहीं था कि वह आरिफ को जान से ही मार देगा।
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औरों को भी जेल भेजने की मांग
आरिफ के परिवार का आरोप है कि रियासत पक्ष के बाकी नामजद लोग भी साजिश में शामिल रहे हैं, इसलिए उनको भी गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस का कहना है कि जांच में नावेद, शोएब, सलमान व फरमान की भूमिका सामने आई है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि गलत तरीके से किसी को जेल नहीं भेजा जाएगा।
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