उत्तराखंड किसान मोर्चा ने रुड़की में बुलाई महापंचायत, कहा - 'अब सरकार से होगी आर-पार की लड़ाई'
उत्तराखंड किसान मोर्चा 9 अक्टूबर को रुड़की में महापंचायत करेगा। इसके लिए गांवों में बैठकें की जा रही हैं। किसान नेता गुलशन रोड ने कहा कि सरकार किसानों को जाति-धर्म के नाम पर बांट रही है। जिलाध्यक्ष महकार सिंह ने कहा कि किसानों के गन्ना मूल्य नहीं बढ़े और भारी बारिश से फसलें बर्बाद हो गईं लेकिन मुआवजा नहीं मिला। अब आर-पार की लड़ाई होगी।

जागरण संवाददाता, रुड़की। उत्तराखंड किसान मोर्चा ने 9 अक्टूबर को रुड़की के जामुन रोड पर होने वाली महापंचायत को लेकर जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया है। बीस से अधिक गांव में रविवार को मोर्चा के पदाधिकारियों ने बैठक कर किसानों को महापंचायत के बारे में जानकारी दी। साथ ही ऐलान किया कि यह महापंचायत निर्णायक होगी या तो बड़ा आंदोलन होगा या फिर सरकार को किसानों की मांग को मानना पड़ेगा।
रविवार को खेड़ाजट, नारसन, हथियाथल, देवपुर, मानकपुर, चुड़ियाला समेत बीस से अधिक गांव में उत्तराखंड किसान मोर्चा के पदाधिकारी पहुंचे। खेडा जट गांव में आयोजित पंचायत में राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलशन रोड ने कहा कि किसानों को सड़क पर आने का कोई शौक नहीं है वरन उनकी मजबूरी है। देश का किसान प्रताड़ित है।
सरकार धर्म एवं जाति के नाम पर किसान को बांटकर राज कर रही है। किसान की समझ में अाने लगा है कि एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे। इसलिए इस पंचायत में जिले का किसान जुट रहा है। जाति एवं धर्म से ऊपर उठकर किसान एकजुट होकर इस पंचायत की तैयारियों में है। किसी भी कीमत पर किसान का शोषण अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
9 अक्टूबर की पंचायत एतिहासिक होगी। इसलिए सभी किसानों को पंचायत में आना है। जिलाध्यक्ष महकार सिंह ने कहा कि सरकार छोटी-छोटी बातों पर तो गौर कर रही हैं, लेकिन किसान के बकाया गन्ना मूल्य पर बोलने को तैयार नहीं है। विधायकों का वेतन एवं पेंशन बढ़ाने की बात अाई तो सर्वसम्मति से बढ़ोत्तरी कर ली गई, लेकिन किसान के गन्ने के दाम दो साल से नहीं बढ़े है।
अत्यधिक वर्षा से किसानों की गन्ने, धान, चारे की फसल बर्बाद हो गई लेकिन सरकार को दिखाई नहीं दे रहा है। अभी तक किसी भी किसान को मुआवजा तक नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि अब आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी। इस मौके पर आलम, अब्दुल गनी, राजबीर सिंह, राजपाल सिंह, पवन प्रधान आदि मौजूद रहे।
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