Haridwar: राजाजी टाइगर रिजर्व में हाथी सफारी का रोमांच शुरू, पर्यटकों को सैर कराएंगी 'राधा' और 'रंगीली
हरिद्वार के राजाजी टाइगर रिजर्व में लंबे इंतजार के बाद हाथी सफारी फिर से शुरू हो गई है। चीला रेंज में हथिनी राधा और रंगीली पर्यटकों को जंगल में घुमा रही हैं। 15 जून तक सफारी की अनुमति है। सालों बाद हाथी सफारी शुरू होने से पर्यटकों में उत्साह है और चीला पर्यटन क्षेत्र में रौनक लौट आई है। बुकिंग आफलाइन मोड में चीला बुकिंग काउंटर पर होगी।

चील के जंगल में राधा और रंगीली से शुरू हुई हाथी सफारी। जागरण
जागरण संवाददाता, हरिद्वार : राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला रेंज में सोमवार को वह दृश्य साकार हुआ, जिसका पर्यटक वर्षों से इंतजार कर रहे थे। लंबे अंतराल के बाद चीला की वन-पगडंडियों पर हाथियों की सफारी की चाल फिर सुनाई दी।
जब 37 वर्षीय अनुभवी हथिनी राधा और 30 वर्षीय हथिनी रंगीली पर्यटकों को लेकर राजाजी टाइगर रिजर्व के कोर इलाके की ओर बढ़ी। प्रमुख वन संरक्षक की ओर से 15 जून तक सफारी संचालन की अनुमति दी गई है।
राजाजी टाइगर रिजर्व के गेट 15 नवंबर को पर्यटकों के लिए खोले गए थे। अभी तक राजाजी टाइगर रिजर्व की सफारी वाहनों के जरिए हो रही थी।

वर्ष 2018 से पहले राजाजी टाइगर रिजर्व में सफारी होती थी, तीन अगस्त 2018 को उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य में हाथी सफारी पर रोक लगा दी थी। जनवरी 2019 में रोक हटा दी गई। परंतु राजाजी टाइगर रिजर्व में सफारी शुरू होने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा।
कुछ माह पहले चीला में वन मंत्री सुबोध उनियाल ने सफारी शुरू किए जाने को लेकर आदेश दिए। 22 नवंबर को वन विभाग की ओर से हाथी सफारी शुरू करने के विधिवत रूप से निर्देश मिले।

सोमवार की सुबह विधिवत रूप से पूजा अर्चना करने उपरांत वन विभाग की टीम ने हाथी सफारी को औपचारिक रूप से पर्यटकों के लिए खोल दिया।
दोनों हथिनियों से सफारी चीला रेंज के दो निर्धारित रूटों में चीला गेट से मुंडाला होते हुए तीन किलोमीटर सर्किल में और दूसरा ट्रैक चीला से घासीराम होते हुए सर्किल में कराई जा रही है।

इन रूटों पर मोटर वाहन सफारी प्रतिबंधित रहने के कारण हाथी सफारी को अधिक शांत, सुरक्षित और प्राकृतिक अवलोकन के लिए खास माना जा रहा है।
चीला रेंज के रेंज अधिकारी बीडी तिवाड़ी ने कहा कि सफारी के दौरान पर्यटक चीतल, सांभर, मोर, गोल्डन जैकाल, गुलदार, हाइना, बाघ सहित सर्दियों में आने वाले कई प्रवासी पक्षियों का नजदीकी से दीदार कर सकेंगे।

बीडी तिवाड़ी ने बताया कि हाथी सफारी का उद्देश्य पर्यटकों में वन्यजीव संरक्षण, पर्यावरण-जागरूकता और संवेदनशीलता को बढ़ावा देना है। सफारी को पूरी तरह वन नियमों, सुरक्षा प्रोटोकॉल और प्रशिक्षित महावतों की निगरानी में संचालित किया जाएगा।
समय व बुकिंग
- सफारी प्रतिदिन दो पालियों में चलेगी
- सुबह 6:30 से 7:30 बजे तक तथा शाम 2:30 से 3:30 बजे तक।
- बुकिंग केवल आफलाइन मोड में चीला बुकिंग काउंटर पर होगी।
- बुकिंग के लिए इन नंबर पर भी संपर्क कर सकते : 9411568917, 8630823298
हाथी सफारी का शुल्क
- भारतीय पर्यटक-1000,
- विदेशी पर्यटक-3000,
- पांच वर्ष तक के बच्चों के लिए कोई शुल्क नहीं
- बच्चों/विद्यार्थियों-250 (75 प्रतिशत छूट)
- एक हाथी सफारी में तीन पर्यटकों की अनुमति होगी
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