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    आज से राजाजी में लीजिये जंगल सफारी का मजा, सैलानियों के लिए खुले टाइगर रिजर्व के गेट

    Updated: Sat, 15 Nov 2025 08:10 AM (IST)

    राजाजी टाइगर रिजर्व आज से पर्यटकों के लिए खुल गया है। अब पर्यटक जंगल सफारी का आनंद ले सकेंगे। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। पर्यटकों की सुरक्षा और वन्यजीवों के संरक्षण का पूरा ध्यान रखा गया है। ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा भी उपलब्ध है।

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    मोतीचूर रेंज गेट पर सैलानियों के स्वागत करते वन क्षेत्राधिकारी महेश सेमवाल व अन्य वनकर्मी

    संवाद सूत्र, रायवाला। जैव विविधता से संपन्न राजाजी टाइगर रिजर्व की पर्यटक रेंजों के गेट शनिवार सुबह सात बजे सैलानियों के लिए खोल दिए गए। मेहमानों के स्वागत के लिए पार्क प्रशासन की ओर से गेटों को आकर्षक ढंग से सजाया गया। मोतीचूर में सुबह सात बजे वन क्षेत्राधिकारी महेश सेमवाल ने रिबन काटकर पर्यटक सीजन की शुरुआत की।

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    इस दौरान आए पर्यटकों का तिलक व फूलमाला भेंटकर स्वागत किया गया। राजाजी टाइगर रिजर्व के गेट प्रतिवर्ष 15 नवंबर को सैलानियों के लिए खोले जाते हैं। अब यहां सैलानी करीब छह माह 15 जून तक जंगल सफारी का लुत्फ उठा सकेंगे। चीला व मोतीचूर रेंज पर्यटकों की सबसे पसंदीदा रेंज हैं। यहां एशियाई हाथी और बाघ अच्छी संख्या में मौजूद हैं। मोतीचूर में कार्बेट टाइगर रिजर्व से पांच बाघों को शिफ्ट भी कराया गया है। यहां इन बाघों को देखा जा सकता हैं।

    दरअसल, राजाजी टाइगर रिजर्व प्राकृतिक सुंदरता और विभिन्न तरह के वन्य जीवों की दुनिया से संपन्न है। पार्क में हाथी, गुलदार, हिरण, चीतल, सांभर, मोर के अलावा कई उन वन्य जीवों व पक्षियों को भी देखा जा सकता है, जो लुप्त होती प्रजाति की श्रेणी में हैं। मुख्य रूप से हाथी संरक्षण के लिए प्रसिद्ध राजाजी पार्क में अब टाइगर भी काफी संख्या में मौजूद हैं। सैलानी इनका दीदार पार्क की चीला व मोतीचूर रेंज में कर सकते हैं।

    डग्गामार वाहन नहीं पा सकेंगे इंट्री

    पर्यटकों की जान से खिलवाड़ करने वाले डग्गामार वाहनों को पार्क में जाने की अनुमति नहीं होगी। वाहनों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। पार्क प्रशासन के मुताबिक केवल टैक्सी नंबर के रजिस्टर्ड वाहन ही पर्यटकों को पार्क के भीतर ले सकेंगे। इसके लिए वाहनों के रजिस्ट्रेशन कराए जा रहे हैं।

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    शुल्क दरों में बदलाव नहीं

    पार्क में प्रवेश के लिए शुल्क इस बार भी बीते वर्ष की भांति रहेंगे। भारतीय पर्यटक से 150 रुपये, विदेशी से 600 रुपये, भारतीय वाहन से 250 जबकि विदेशी वाहन से 500 रुपये प्रवेश शुल्क लिया जाएगा। छात्रों के लिए आधा शुल्क माफ होगा।

    वन विश्राम भवन में एक रात्रि विश्राम शुल्क 1000 रुपये, डिजिटल व्यवसायिक कैमरा शुल्क 500, फीचर फिल्म निर्माण के लिए 100000 रुपये व वृत्त चित्र निर्माण पर 10000 रुपये शुल्क लिया जाएगा।