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    Haridwar: 25 साल से भारत में रह रहा बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार, दो दिन पहले गुजरात के भरूच से पहुंचा था कलियर

    By Jagran NewsEdited By: Vinay Saxena
    Updated: Wed, 27 Sep 2023 07:29 PM (IST)

    कलियर पुलिस और खुफिया विभाग की टीम को कलियर में चल रहे उर्स में बांग्लादेशी नागरिक के पहुंचने की सूचना मिली थी। बांग्लादेशी नागरिक अब्दाल साहब दरगाह के पास बन रहे सरकारी अस्पताल के पास ठहरा था। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला है कि आरोपित बांग्लादेशी नागरिक दो दिन पहले ही गुजरात के भरूच से कलियर में भीख मांगने आया था।

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    कलियर में चल रहे उर्स से बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार।- सांकेत‍िक तस्‍वीर

    कलियर (हरिद्वार), संवाद सूत्र। हरिद्वार जिले के कलियर में चल रहे उर्स से खुफिया विभाग और पुलिस टीम ने एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया है। आरोपित के पास से दो सौ रुपये से अधिक की नकदी बरामद हुई है। पूछताछ में पता चला है कि आरोपित बांग्लादेशी नागरिक दो दिन पहले ही गुजरात के भरूच से कलियर में भीख मांगने आया था। आरोपित के पास से किसी तरह के भारतीय दस्तावेज बरामद नहीं हुए हैं। बांग्लादेशी नागरिक पर विदेशी पासपोर्ट अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

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    कलियर पुलिस और खुफिया विभाग की टीम को कलियर में चल रहे उर्स में बांग्लादेशी नागरिक के पहुंचने की सूचना मिली थी। बांग्लादेशी नागरिक अब्दाल साहब दरगाह के पास बन रहे सरकारी अस्पताल के पास ठहरा था। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने अपना नाम शेख अब्दुल रफीक (48) निवासी ग्राम मोनी, जिला बागेरहाट, बांग्लादेश बताया। पूछताछ में शेख अब्दुल रफीक ने बताया कि वह वह गुजरात के भरूच से दो दिन पहले ही यहां आया था।

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    आरोपित ने पूछताछ में बताया कि वह वर्ष 1998 में बांग्लादेश के बेनापुर बार्डर को पार करके भारत की सीमा में दाखिल हुआ था। करीब ढाई साल तक वह कोलकाता में रुका था। इसके बाद वह गुजरात आ गया और वहां रहने लगा। एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह ने बताया कि बांग्लादेशी नागरिक पर विदेशी पासपोर्ट अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

    दिव्यांगता से नहीं जाता था शक

    कलियर: आरोपित बांग्लादेशी नागरिक दिव्यांग है। उसका एक पैर नकली है। दिव्यांग होने और भीख मांगने के कारण उस पर किसी का शक नहीं जाता था। इसका फायदा उठाकर वह लंबे समय से भारत में रह रहा था।

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