रुड़की में जहरीली शराब से अब तक हुई 34 की मौत, 33 गंभीर
हरिद्वार जिले के पांच गांवों में जहरीली शराब पीकर मरने वालों की संख्या 34 पहुंच गई है। 48 से ज्यादा लोग अब भी अस्पतालों में भर्ती हैं। इनमें 33 की हालत गंभीर बताई जा रही है।
रुड़की, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के पांच गांवों में जहरीली शराब पीकर मरने वालों की संख्या 34 पहुंच गई है। प्रभावित गांवों से बीमारों का अस्पताल पहुंचने का सिलसिला शनिवार को भी जारी रहा। 48 से ज्यादा लोग अब भी अस्पतालों में भर्ती हैं। इनमें 33 की हालत गंभीर बताई जा रही है। इधर, इन गांवों में दूसरे दिन भी सन्नाटा पसरा रहा। इधर, सरकार ने मृतक आश्रितों को दो-दो लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये आर्थिक सहायता देने को एलान किया। इससे पहले कुछ सुबह आश्रितों ने मुआवजे की मांग को लेकर सुबह शव ले जाने से मना कर दिया था।
झबरेड़ा थाना क्षेत्र के बाल्लुपुर, जहाजगढ़, भलस्वागाज, बिंड और खरक गांव में गुरुवार शाम से जहरीली शराब से मरने वालों का सिलसिला शुरू हुआ, जो अब तक जारी है। इन गांवों के 34 लोगों की अभी तक मौत हो चुकी है। इन सभी ने बाल्लुपुर और बिंड गांव से कच्ची शराब खरीदी थी। इन दोनों ही गांवों में लंबे समय से कच्ची शराब का धंधा चल रहा था। पुलिस, प्रशासन और आबकारी विभाग के कारिंदे इस तरफ आंखें मूंदे रहे। इतनी बड़ी संख्या में मौत होने के बाद इन गांवों में जिम्मेदारों की कदमताल दिखी।
शनिवार सुबह सिविल अस्पताल में मृतकों पोस्टमार्टम शुरू हुआ। आठ शवों का पोस्टमार्टम हुआ ही था कि तभी भीम आर्मी के कुछ नेता आकर कार्रवाई का विरोध करने लगे। उनके साथ कुछ परिजन भी थे। भीम आर्मी कार्यकर्ता मृतक आश्रितों को दस लाख रुपये मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग करने लगे। इसके चलते तीन घंटे पोस्टमार्टम की प्रक्रिया बाधित रही। हालांकि, बाद में परिजनों ने खुद को इस मांग से अलग कर लिया, तब जाकर पोस्टमार्टम शुरू हो पाया।
जहरीली शराब पीने से हुई इन मौतों के चलते रुड़की इलाके के प्रभावित गांवों में किसी परिवार का चिराग बुझ गया तो किसी मुखिया। कईयों का सुहाग उजड़ गया। उनमें शराब माफियाओं के साथ सिस्टम की सांठगांठ को लेकर गुस्सा है। वे अधिकारियों को कोस रहे हैं कि अगर धंधेबाजों का संरक्षण नहीं होता उनके साथ इस तरह की अनहोनी नहीं घटती।
जहरीली शराब पीने से बीमार 48 से ज्यादा लोगों का देहरादून और हरिद्वार के सरकारी और निजी अस्पतालों में उपचार चल रहा है। सिविल अस्पताल रुड़की में भर्ती 49 लोगों में से 32 की शनिवार सुबह अचानक तबीयत बिगड़ गई। उन्हें एक के बाद एक छाती में दर्द, धुंधला दिखने, सांस लेने में तकलीफ और उल्टी की शिकायत होने लगी। आनन फानन में इन सभी को देहरादून और हरिद्वार के लिए रेफर किया गया। सभी की हालत नाजुक बताई जा रही है।
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