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उत्तराखंग में डेंगू हुआ विकराल, युवक की मौत; मरीजों का आंकड़ा 13 सौ के पार

उत्तराखंड में डेंगू का डंक विकराल होता जा रहा है। दून में डेंगू के संदिग्ध मरीज की मौत हो गई। वहीं प्रदेश में डेगू मरीजों की संख्या 13 सौ के आंकड़े को पार कर गई है।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 07:31 AM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 07:31 AM (IST)
उत्तराखंग में डेंगू हुआ विकराल, युवक की मौत; मरीजों का आंकड़ा 13 सौ के पार
उत्तराखंग में डेंगू हुआ विकराल, युवक की मौत; मरीजों का आंकड़ा 13 सौ के पार

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में डेंगू का डंक विकराल होता जा रहा है। दून में डेंगू के संदिग्ध मरीज की मौत हो गई। वहीं, प्रदेश में डेगू मरीजों की संख्या 13 सौ के आंकड़े को पार कर गई है। इसके बावजूद इसकी रोकथाम के सरकारी उपाय विफल साबित हो रहे हैं। 

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दून में जिस युवक की उपचार के दौरान मौत हुई उसकी निजी अस्पताल की जांच में डेंगू की पुष्टि हुई थी। वहीं, स्वास्थ्य विभाग इसकी जानकारी होने से इन्कार कर रहा है। अधिकारी डेथ ऑडिट की बात कह रहे हैं। इस तरह से जिले में अब तक डेंगू के लक्षण वाले आठ मरीजों की मौत हो चुकी है। यह अलग बात है कि विभाग इस सीजन में सिर्फ तीन मौत की पुष्टि कर रहा है।

जानकारी के अनुसार गोविंदगढ़ निवासी सिंचाई विभाग के पूर्व एसडीओ के 34 वर्षीय बेटे को सात सितंबर को बुखार होने पर सिनर्जी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चिकित्सकों ने उसकी हालत गंभीर बताई। डेंगू के लक्षण दिखने पर उपचार शुरू करने के साथ ही चिकित्सकों ने उसके ब्लड सैंपल की जांच भी कराई। जाच में युवक में डेंगू की पुष्टि हुई और पता लगा कि प्लेटलेट्स सिर्फ 10 हजार हैं। 

इलाज के बावजूद हालत सुधरने के बजाय और बिगड़ती गई। उसे ब्लीडिंग भी होने लगी। आठ सितंबर को युवक की मौत हो गई। अस्पताल के एमडी कमलकात गर्ग ने मरीज को डेंगू होने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि जब मरीज को अस्पताल लाया गया तो उसके प्लेटलेट्स बहुत कम थे और तेज बुखार था। 

इधर, जिला वैक्टर जनित रोग नियंत्रण अधिकारी सुभाष जोशी ने बताया कि इस मामले की जानकारी अभी विभाग को नहीं मिली है। डेंगू की रिपोर्ट पर आइएमए-सरकारी चिकित्सक आमने-सामने निजी पैथोलॉजी लैब की रिपोर्ट पर आइएमए एवं सरकारी चिकित्सक आमने-सामने आ गए हैं। 

कुछ दिनों पहले कोरोनेशन अस्पताल के सीनियर फिजिशियन डॉ. एनएस बिष्ट ने प्राइवेट डॉक्टरों एवं पैथोलॉजी लैब के गठजोड़ पर प्रहार किया था। यह भी कहा था कि डेंगू को लेकर निजी लैब गलत रिपोर्ट दे रहे हैं। डॉ. बिष्ट के आरोपों पर आइएमए देहरादून शाखा अध्यक्ष डॉ. संजय गोयल ने बयान दिया कि प्राइवेट डॉक्टरों पर अनर्गल आरोप लगाए जा रहे हैं। 

इस पर अब डॉ. एनएस बिष्ट ने पलटवार करते हुए आइएमए अध्यक्ष को खुला पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा है, आपकी भ‌र्त्सना का उत्तर लिखते हुए मुझे कतई हर्ष नहीं हो रहा है। मेरे लिए यह फिर से एक डॉक्टर की मौत देखने जैसा है। डॉक्टर कब मरा। कैसे मरा। मरता तो एक रोगी है। मरना तो रोग को था। तीन पन्नों वाले पत्र में आगे भी उन्होंने इसी तरह तंज कसे हैं।

प्रदेश में डेंगू का आंकड़ा 13 सौ के पार

डेगू का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। ऐसा कोई दिन नहीं जब डेंगू के नए मरीज सामने नहीं आ रहे हैं। ताजा रिपोर्ट में राज्य में डेगू मरीजों की संख्या 13 सौ के आंकड़े को पार कर गई है। जिन 20 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है वह सभी देहरादून के रहने वाले हैं। इस तरह देहरादून में डेगू पीड़ितों की संख्या बढ़कर 821 पहुंच गई है। वहीं, नैनीताल में 423, हरिद्वार में 39, ऊधमसिंह नगर में 26, टिहरी में 13 और पौड़ी में एक मरीज को डेंगू का डंक लग चुका है। 

डेंगू के बढ़ते मामले देख स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं। विभागीय अधिकारियों को सूझ नहीं रहा है कि आखिर इस बीमारी की रोकथाम व बचाव के लिए और क्या उपाय अमल में लाए जाएं। ऐसे में अब महकमा भी मौसम के रुख पर निर्भर है। क्योंकि वातावरण में जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी तो डेंगू की बीमारी फैलाने वाले मच्छर एडीज की सक्रियता भी कम होने लगेगी। 

इससे पहले मच्छर जिस तरह कहर बरपा रहा है वह चिंतनीय है। देहरादून व नैनीताल जनपद में इस बार डेंगू का प्रकोप ज्यादा है। शुरुआती चरण में डेगू का मच्छर एक सीमित क्षेत्र में ही अपना असर दिखा रहा था। पिछले एक माह में तो मच्छर तेजी से पैर पसारे हैं। इससे मैदानी क्षेत्र ही नहीं, बल्कि पहाड़ भी प्रभावित हुआ है। 

आम हो या फिर खास हर कोई मच्छर की चपेट में आने से नहीं बच रहा है। बीमारी की रोकथाम व बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम ने जो तैयारियां की हैं वह नाकाफी साबित हो रही हैं। 

1141 घरों का सर्वे, 53 में मिला लार्वा 

विभागीय टीमों ने मोथरोवाला, बद्रीश कॉलोनी आदि क्षेत्रों का दौरा किया है। इस दौरान 1141 घरों का सर्वे किया गया। इनमें 53 घरों में डेगू मच्छर का लार्वा मिला है, जिसको मौके पर ही नष्ट किया गया। साथ ही लोगों को जानकारी दी गई कि अपने आसपास स्वच्छता बनाए रखें और खाली बर्तनों में पानी जमा नहीं होने दें। 

भाजपा नेता भी डेंगू की चपेट में 

आम हो या फिर खास हर कोई डेगू की चपेट में है। स्थिति ये आ गई है कि भाजपा के नेता भी अब एडीज मच्छर के डंक से बच नहीं पा रहे हैं। बताया जा रहा है कि भाजपा के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र भंडारी समेत पांच-छह अन्य नेताओं को डेंगू हुआ है। प्राथमिक उपचार के बाद सभी नेता घर में आराम कर रहे हैं। जिस तरह भाजपा के कई नेता डेंगू की चपेट में आए हैं, उससे माना जा रहा है कि पार्टी के बलबीर रोड स्थित कार्यालय परिसर में भी डेंगू का मच्छर सक्रिय है। 

वहीं कई विभागों के उच्चाधिकारियों व कर्मचारियों को भी डेंगू का डंक लग चुका है। यहां तक कि अस्पतालों में मरीजों का उपचार करने वाले चिकित्सक व अन्य स्टाफ भी इससे अछूते नहीं हैं।

राज्यपाल से की मरीजों को उपचार नहीं मिलने की शिकायत

देहरादून व अन्य जनपदों में डेंगू के बढ़ते मामलों व इस बीमारी से पीड़ित मरीजों को समुचित उपचार नहीं मिलने की शिकायत राज्यपाल से की गई है। राजपुर रोड के पूर्व विधायक राजकुमार के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल के प्रशासनिक अधिकारी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा और हस्तक्षेप की मांग की। 

पूर्व विधायक ने कहा कि देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, टिहरी आदि जिलों में डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में बेड उपलब्ध नहीं है। वहीं अस्पतालों में फैली गंदगी बीमारियों को न्यौता दे रही हैं। दून अस्पताल में छह माह से सीटी स्कैन मशीन खराब पड़ी है। 

कई जगह मरीजों को बाहर से महंगी दवा खरीदने के लिए बाध्य किया जा रहा है। इमरजेंसी में भी चिकित्सकों की कमी है। उन्होंने मांग की है कि राज्यपाल इस मामले में हस्तक्षेप कर सरकार को निर्देश दें कि डेंगू व अन्य संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएं। ज्ञापन देने वालों में पार्षद निखिल कुमार, सलीन सिंह, योगेश चौहान आदि शामिल रहे। 

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शिविर में 500 लोगों की जांच 

होम्योपैथी विभाग द्वारा निश्शुल्क चिकित्सा शिविर लगाया गया। जिसमें पांच सौ से अधिक लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई। प्राथमिक विद्यालय महात्मा गांधी बस्ती में आयोजित शिविर में निदेशक होम्योपैथी डॉ. राजेंद्र सिंह, जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी डॉ. जेएल फिरमाल के नेतृत्व में अन्य चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ भी मौजूद रहा। 

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लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर उन्हें दवा दी गई। होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. चारू गहलोत ने लोगों को डेंगू की बीमारी के बचाव की जानकारी दी। बताया कि अपने आसपास स्वच्छता बनाए रखें और खाली बर्तनों में पानी जमा नहीं होने दें। डेंगू की बीमारी में होम्योपैथिक दवा की महत्ता के बारे में भी जानकारी दी गई। राजपुर रोड के पूर्व विधायक राजकुमार, विजय प्रकाश, नीरज नेगी, मीना बिष्ट, निखिल कुमार, जहांगीर खान आदि भी उपस्थित रहे। 

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