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    Year Ender 2025: औद्योगिक विकास में उत्तराखंड ने लगाई छलांग, राज्य गठन के समय थे 14,163 उद्योग; अब हुए 93,887

    By VIKAS GUSAINEdited By: Sunil Negi
    Updated: Wed, 31 Dec 2025 03:00 AM (IST)

    उत्तराखंड ने राज्य गठन के 25 वर्षों में औद्योगिक विकास में उल्लेखनीय प्रगति की है। उद्योगों की संख्या 14,163 से बढ़कर 93,887 हो गई है, जिसमें 55.58 हज ...और पढ़ें

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    सांकेतिक तस्वीर

    विकास गुसाईं, जागरण देहरादून: उत्तराखंड ने राज्य गठन के बाद 25 वर्ष में औद्योगिक विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है। वर्ष 2000-2001 में जहां राज्य में मात्र 14,163 हजार उद्योग थे, वहीं आज यह संख्या बढ़कर 93,887 पहुंच गई है। इसमें बड़े उद्योग एवं सूक्ष्म, लघु और मध्यम (एमएसएमई) इकाइयां शामिल हैं।

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    इन उद्योगों में लगभग 55.58 हजार करोड़ से अधिक का निवेश हुआ है, जिससे पांच लाख 91 हजार से अधिक व्यक्तियों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है। इसके अलावा गत वर्ष हुए वैश्विक निवेशक सम्मेलन में एक लाख करोड़ से अधिक के करार धरातल पर उतर चुके हैं। उत्तराखंड इस वर्ष अपना रजत जयंती वर्ष मना रहा है।

    छोटे से इस पर्वतीय राज्यों को 25 वर्ष पूरे हो चुके हैं। विषम भौगोलिक परिस्थिति वाले इस उत्तराखंड में भले ही पर्यटन व तीर्थाटन आर्थिकी का एक बड़ा जरिया रही हैं लेकिन यह औद्योगिक जगत में भी तेजी से अपनी पहचान स्थापित कर रहा है।

    इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गत वर्ष हुए वैश्विक निवेशक सम्मेलन में 3.56 लाख करोड़ से अधिक के औद्योगिक करारों पर हस्ताक्षर किए गए। इसमें देश विदेश के औद्योगिक समूहों ने रुचि दिखार्ई।

    इनमें से अब एक लाख करोड़ रुपये के करार धरातल पर उतर चुके हैं। इनमें सबसे अधिक करार विनिर्माण यानी उत्पादन क्षेत्र के हैं। साथ ही ऊर्जा, वैकल्पिक ऊर्जा, पर्यटन, शिक्षा, उद्योग, स्वास्थ्य, फार्मा, आयुष, औद्यानिकी व सेवा क्षेत्र में भी धरातल पर काम हो रहा है।

    ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के दौरान हुए एमओयू

    • ऊर्जा :1,03,459 करोड़ के 157 एमओयू (रोजगार 8,472)
    • उद्योग : 78,448 करोड़ के 658 एमओयू, (रोजगार 44,663)
    • आवास : 41,947 करोड़ के 125 एमओयू, (रोजगार 5,172)
    • पर्यटन : 47,646 करोड़ के 437 एमओयू, (रोजगार 4694)
    • उच्च शिक्षा : 6,675 करोड़ के 28 एमओयू, (रोजगार 4428)
    • अन्य : 79,518 करोड़ के 374 एमओयू, (रोजगार 13898)

    घर पर स्वरोजगार से थमेगा पलायन

    राज्य में अक्षय ऊर्जा, हर्बल एवं एरोमेटिक्स उद्यानिकी और फूलों की खेती, पर्यटन, रिवर राफ्टिंग, एडवेंचर, तीर्थाटन जैसे सेवा क्षेत्र के ग्रीन उद्योग स्थापित होने से आने वाले समय में न केवल उत्तराखंड के पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा, बल्कि पहाड़ों से पलायन भी रोकने में भी यह उद्योग सहायक सिद्ध होंगे।

    युवाओं को अपने घर के नजदीक ही रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। मलारी से लेकर हर्षिल, पिथौरागढ़, बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री जैसे विख्यात धार्मिक स्थलों में सेवा क्षेत्र के उद्योगी के स्थापित होने से हजारों युवाओं को घर बैठक रोजगार और स्वरोजगार से जुडऩे का मौका मिल रहा है।

    इंडस्ट्रीयल कारिडोर औद्योगिक विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

    उत्तराखंड में औद्योगिक विकास को नई गति देने के लिए राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक कारिडोर की स्थापना की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की गई है। इस क्रम में ऊधमसिंह नगर जनपद के खुरपिया फार्म क्षेत्र में भूमि चिह्नित की गई है।

    प्रस्तावित औद्योगिक कारिडोर से राज्य में निवेश को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर सृजित होने की उम्मीद है। सरकार का उद्देश्य इस औद्योगिक कारिडोर के माध्यम से आधुनिक औद्योगिक ढांचा विकसित करना है, जिससे विनिर्माण, प्रसंस्करण और सेवा क्षेत्र को मजबूती मिल सके।

    खुरपिया फार्म क्षेत्र का चयन भौगोलिक स्थिति, परिवहन सुविधाओं और उपलब्ध भूमि को ध्यान में रखते हुए किया गया है। इससे उद्योगों को सड़क, रेल और अन्य आधारभूत सुविधाओं से बेहतर जुड़ाव मिलेगा।

    कौशल विकास पर जोर दे रही सरकार

    उद्योगों को कुशल कामगार मिले, इस दिशा में सरकार तेजी से कार्य कर रही है। राज्य में युवाओं को कौशल विकास से जोड़ने के लिए देवभूमि उद्यमिता संस्थान उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों को नवाचार से जोड़ रहा है।

    सभी आइटीआइ एवं पालीटेक्निक के छात्र-छात्राओं को कौशल विकास का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उद्योगों की जरूरतों के अनुरूप आइटीआइ का सिलेबस तैयार किया जा रहा है ताकि उद्योगों को कुशल और दक्ष मानव शक्ति मिले।

    ये हैं चुनौतियां

    • औद्योगिक क्षेत्रों में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति
    • औद्योगिकी क्षेत्रों में संपर्क मार्ग और नाले-नालियों का निर्माण
    • कई औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था
    • औद्योगिक क्षेत्रों में महिला छात्रावास का निर्माण

    उम्मीदें

    • पर्वतीय क्षेत्रों में छोटे उद्योगों को मिलेगी गति
    • लैंड बैंक की स्थापना की दिशा में बढ़ेंगे कदम
    • एमएसएमई के क्षेत्र में तेजी से होगा कार्य
    • स्थानीय निवासियों को मिलेगा रोजगार, रुकेगा पलायन
    • औद्योगिक हब के रूप में पहचान बनाएगा उत्तराखंड

    राज्य में एमएसएमई की स्थिति

    जनपद उद्योग रोजगार निवेश (करोड़ में)
    नैनीताल 6437 29,494 1669.16
    यूएस नगर 12,385 84,500 4836.30
    अल्मोड़ा 5874 15,355 344.40
    पिथौरागढ़ 4697 11,462 180.17
    बागेश्वर 2915 6814 110.97
    चंपावत 2894 8730 134.34
    देहरादून 12,197 80,999 2019.79
    पौड़ी  8905 32158  988.03
    टिहरी 8623 25694 859.09
    चमोली 4520 10,309 173.02
    उत्तरकाशी 5395 11565 264.74
    रुद्रप्रयाग 3585 10,127 309.40
    हरिद्वार 15,170 1,32,863  5741.71

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