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बर्फबारी के चलते बदरीनाथ में भारी पड़ सकती है यात्रा व्यवस्थाओं की धीमी चाल

बदरीनाथ धाम की यात्रा शुरू होने में अब सिर्फ आठ दिन बचे हैं लेकिन यात्रा तैयारियां अभी भी आधी-अधूरी हैं। ऐसे में समय पर व्यवस्थाएं जुटाना चुनौती भरा है।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 02 May 2019 09:03 AM (IST)Updated: Thu, 02 May 2019 04:17 PM (IST)
बर्फबारी के चलते बदरीनाथ में भारी पड़ सकती है यात्रा व्यवस्थाओं की धीमी चाल
बर्फबारी के चलते बदरीनाथ में भारी पड़ सकती है यात्रा व्यवस्थाओं की धीमी चाल

देहरादून, देवेंद्र रावत। बदरीनाथ धाम की यात्रा शुरू होने में अब सिर्फ आठ दिन बचे हैं, लेकिन यात्रा तैयारियां अभी भी आधी-अधूरी हैं। ऐसे में यदि कपाट खुलने के मौके पर यात्रियों की संख्या में इजाफा होता है तो उनके ठहरने की व्यवस्था चरमरा सकती है। 

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हालांकि, श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति का दावा है कि यात्रियों को किसी तरह की दिक्कत पेश नहीं आने दी जाएगी। धाम में यात्रा तैयारियों पर नजर डालें तो मंदिर की साफ-सफाई के साथ रंग-रोगन भी कर दिया गया है। मंदिर समिति की आधी से अधिक धर्मशालाएं भी यात्रियों के स्वागत को तैयार हैं।

उम्मीद है कि इस बार कपाट खुलने के मौके पर 15 हजार से अधिक यात्री धाम में मौजूद रहेंगे, जिन्हें ठहराना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। कारण, अधिकतर धर्मशालाओं के संचालक अभी तक बदरीनाथ धाम नहीं पहुंचे हैं। 

रोटेशन चिकित्सकों के भरोसे यात्रा व्यवस्था 

इस बार स्वास्थ्य विभाग बदरीनाथ यात्रा रूट पर आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने जा रहा है। इसके तहत यात्रा रूट पर 13 विशेषज्ञ चिकित्सकों समेत कुल 30 चिकित्सक तैनात करने की मांग की गई है, जो रोटेशन के आधार पर सेवाएं देंगे। 

हकीकत यह है कि चमोली जिले में अब तक सिर्फ तीन चिकित्सकों की ही रोटेशन के आधार आमद हुई है। हालांकि, बदरीनाथ धाम स्थित चिकित्सालय में एक विशेषज्ञ चिकित्सक समेत दो चिकित्सकों की तैनाती कर दी गई है। चिकित्सा विभाग हृदय रोग जांच के लिए जिले में ऑटोमेटिक ईसीजी मशीन भी उपलब्ध करा रहा है। इन्हें बदरीनाथ, गोङ्क्षवदघाट, जोशीमठ, पीपलकोटी, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग, गौचर व गोपेश्वर में तैनात चिकित्सक भी संचालित कर सकते हैं। 

अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. दिनेश चौहान ने बताया कि फिलहाल विभाग दस मशीनों की खरीद कर चुका है। साथ ही यात्रा रूट पर चिकित्सा स्टाफ की भी तैनाती की जा रही है। 

बदरीनाथ के आधे हिस्से में पानी की सप्लाई शुरू 

धाम में ज्यादातर पेयजल लाइन सुचारु कर दी गई हैं। लेकिन, बदरीनाथ मुख्य मार्ग को छोड़कर कई अन्य स्थानों पर पानी की आपूर्ति की जानी बाकी है। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता प्रवीन कुमार सैनी ने बताया कि हाइवे पर स्थित सार्वजनिक पेयजल टंकियों में भी आपूर्ति सुचारु कर दी गई है। साथ ही संस्थान के श्रमिक और तकनीकी फिटर भी धाम में तैनात हैं। अब विभाग को कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं का इंतजार है। 

ऊर्जा निगम ने बहाल की विद्युत आपूर्ति 

ऊर्जा निगम की ओर से धाम में मुख्य लाइन सहित प्रमुख स्थानों पर विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी गई है। हालांकि, उपभोक्ताओं ने अभी कनेक्शन सुचारू नहीं किए हैं। निगम के अधिशासी अभियंता कैलाश कुमार ने बताया कि यात्रा रूट पर सभी जगह आपूर्ति सुचारु है। 

बर्फबारी ने बढ़ाई मुश्किलें 

बदरीनाथ धाम में शीतकाल के दौरान हुई भारी बर्फबारी से परिसंपत्तियों को काफी नुकसान पहुंचा है, जिनकी मरम्मत में समय लग सकता है। लेकिन, जिस तरह अब तक रुक-रुककर बर्फबारी हो रही है, उससे यात्रियों के सामने मुश्किलें पेश आ सकती हैं। मौसम की इसी बेरुखी के चलते अभी तक अधिकतर व्यवसायी बदरीनाथ धाम नहीं पहुंचे हैं। इसके अलावा हनुमानचट्टी से बदरीनाथ धाम के बीच कई स्थानों पर यात्रियों को हिमखंडों के बीच से गुजरना पड़ेगा। 

संचार सेवाएं बहाल 

बदरीनाथ धाम में बीएसएनएल की मोबाइल सेवा सुचारू रहने से लोगों को काफी मदद मिली है। लेकिन, अभी निजी क्षेत्र की मोबाइल कंपनियों ने अपनी सेवाएं शुरू नहीं की हैं। 

परेशानी का सबब बनेंगे हाइवे के डेंजर जोन 

बदरीनाथ हाइवे के चौड़ीकरण के कार्य से कई स्थानों पर भूस्खलन जोन उभर आए हैं। दशकों से परेशानी का सबब बने लामबगड़ भूस्खलन जोन का भी 98 करोड़ की लागत से हो रहा स्थायी ट्रीटमेंट कार्य भी अभी पूरा नहीं हो पाया है। ऐसे में बारिश के दौरान हाइवे पर आवाजाही अवरुद्ध होने के प्रबल आसार बने हुए हैं। 

सभी तैयारी पूरी करने का दावा 

श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के सीईओ बीडी सिंह के मुताबिक, इस बार बदरीनाथ धाम में यात्रियों की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है। कपाट खुलने के उत्सव में भाग लेने के लिए यात्री खासे उत्साहित हैं। मंदिर समिति की ओर से कपाट खोलने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सिर्फ कुछ ही धर्मशालाओं में रंग-रोगन होना बाकी है।

बेहतर की जा रही हैं सुविधाएं 

जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस. भदौरिया के अनुसार, बदरीनाथ धाम के अधिकतर हिस्सों में पेयजल व विद्युत आपूर्ति सुचारू है। प्रशासन ने समय से यात्रा व्यवस्थाएं जुटाने का कार्य पूरा कर लिया है। यात्रियों को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए मूलभूत सुविधाओं को और बेहतर किया जा रहा है। 

बदरी-केदार को 2018 में मिला 12.16 करोड़ का दान

बदरीनाथ और केदारनाथ धाम को वर्ष 2018-19 में 12.16 करोड़ रुपये का दान मिला है। राज्य गठन से लेकर अब तक दान के रूप में मिली यह राशि सर्वाधिक है। इसके अलावा बदरी-केदार को अब तक 46.56 किलो सोना और 3831 किलो चांदी प्राप्त हो चुकी है। साथ ही मंदिर को बड़ी मात्रा में अशर्फियां, सोने-चांदी की गिन्नियां आदि भी मिले हैं। यह जानकारी आरटीआइ में बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने दी है।

आरटीआइ में प्राप्त रिकॉर्ड के अनुसार, राज्य गठन के समय वर्ष 2001-02 में मंदिर समिति को महज 01.10 करोड़ रुपये की आय प्राप्त होती थी। वर्ष 2004-05 तक यह आंकड़ा इसी राशि के इर्द-गिर्द घूमता रहा। इसके बाद धीरे-धीरे कर दान की राशि का आंकड़ा बढ़ता रहा। 

हालांकि, जब वर्ष 2013 में आपदा आई तो वर्ष 2014-15 में दान की राशि का आंकड़ा 1.86 करोड़ रुपये पर सिमट गया था। फिर वर्ष 2017-18 में दान की राशि 10 करोड़ रुपये को पार कर गई और पिछले वित्तीय वर्ष में 12 करोड़ रुपये से अधिक की आय दान में मिली, जो कि अब तक का रिकॉर्ड भी है।  

केदारनाथ धाम के लिए राशन भेजा

श्री बर्फानी हर हर महादेव सेवा दल की ओर से केदारनाथ यात्रा में यात्रियों के लिए भंडारे की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए बुधवार को राशन भेजा गया। दल के उत्तराखंड प्रभारी सुभाष जसोरिया ने बताया कि हर वर्ष दल की ओर से चारधाम में श्रद्धालुओं की सेवा के लिए राशन भेजा जाता है। इस मौके पर प्रेमनगर स्थित दल के कार्यालय से सामान लदे ट्रकों को रवाना किया गया।इस दौरान सेवा दल के प्रधान जनक राज बसंत, हरीश सलूजा, जगदीश गिरोटी, विक्की खन्ना, नरेंद्र सचदेवा, राम राज, तलविंद्र सचदेवा, नीरज आदि मौजूद रहे।

एप में दर्ज होगा यात्रा पर जाने वाले वाहनों का ब्योरा 

उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) की एप में इस वर्ष प्रतिदिन यात्रा पर जाने वाली बसों का पूर्ण विवरण दर्ज होगा। आयुक्त गढ़वाल मंडल वीबीआरसी पुरुषोत्तम ने आरटीओ देहरादून को निर्देशित किया कि प्रत्येक बस का नंबर, मालिक, चालक-परिचालक का नाम और यात्री विवरण यूटीडीबी को प्रतिदिन उपलब्ध कराने की व्यवस्था करें। 

अक्षय तृतीया के दिन सात मई से चार धाम यात्रा का शुभारंभ होने जा रहा है। ऋषिकेश से प्रतिवर्ष यात्रा का संचालन होता है। बुधवार को मंडलायुक्त डॉ. वीबीआरसी पुरुषोत्तम ने बस टर्मिनल कंपाउंड स्थित पर्यटन कार्यालय में स्थानीय प्रशासन और प्रमुख विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की। 

उन्होंने कहा कि इस वर्ष यात्रा को सुरक्षा की दृष्टि से व्यवस्थाओं में परिवर्तन लाने की कोशिश की गई है। यात्रा पर जाने वाली प्रत्येक बस का डाटा प्रतिदिन यूटीडीबी की एप में अपडेट कराया जाएगा। नगर निगम के मुख्य नगर आयुक्त चतर ¨सह चौहान को उन्होंने पूरे यात्रा काल में क्षेत्र में सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बस में डस्ट बैग लगाने के साथ प्रत्येक यात्री को वोमिट बैग उपलब्ध कराए जाएं। 

उन्होंने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को ऋषिकेश में वनवे व्यवस्था बनाने के लिए शीघ्र होमवर्क कर प्लान तैयार करने के निर्देश दिए। बैठक में एडीएम प्रशासन रामजी शरण शर्मा, उप जिलाधिकारी ऋषिकेश प्रेमलाल, आरटीओ दिनेश पाठोइ, एआरटीओ डॉ. अनीता चमोला, परिवहन कर अधिकारी प्रथम पंकज श्रीवास्तव, परिवहन निगम के सहायक प्रभारी विपिन चौधरी, एसएसआइ मनोज नैनवाल आदि मौजूद रहे। 

ग्रीन कार्ड बनाने के लिए काउंटर संख्या बढ़ेगी 

सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय ने इस वर्ष ग्रीन कार्ड बनाने के लिए तीन काउंटर की व्यवस्था की है। आरटीओ देहरादून ने आयुक्त गढ़वाल मंडल को जानकारी दी कि बीते वर्ष 12700 ग्रीन कार्ड पूरे राज्य में बनाए गए थे। ऋषिकेश केंद्र में तीन काउंटर बनाए गए हैं। इस व्यवस्था को नाकाफी बताते हुए मंडलायुक्त ने मई और जून माह के लिए चार काउंटर लगाने के निर्देश दिए। 

एआरटीओ ने बताया कि 15 अप्रैल से ग्रीन कार्ड बनाने का कार्य शुरू किया गया था, अब तक 282 ग्रीन कार्ड बनाए जा चुके हैं। सुबह 8:00 बजे से रात्रि 8:00 बजे तक ग्रीन कार्ड बनाए जाएंगे। राज्य के वाहनों के लिए दो माह के लिए ग्रीन कार्ड जारी होगा। 

मंडलायुक्त ने किया बीटीसी का निरीक्षण  

आयुक्त गढ़वाल मंडल बीबीआरसी पुरुषोत्तम ने चार धाम यात्रा संचालन केंद्र बस अड्डा कंपाउंड का निरीक्षण किया। उन्होंने यात्री सहायता केंद्र में उपस्थित से जानकारी हासिल की। संयुक्त रोटेशन की टिकट खिड़की पर उन्होंने रेलिंग लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने समूचे क्षेत्र में यात्रियों के लिए छाया, पंखे और पानी की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक स्क्रीन के जरिये ऋषिकेश यात्रा केंद्र में श्रद्धालुओं को हमेशा चार धाम यात्रा के मौसम और सड़कों की स्थिति की जानकारी निरंतर मिलती रहेगी।

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