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    देहरादून: शासन से मंजूरी के बाद भी ग्रेविटी रोपवे योजना पर नहीं शुरू हुआ कार्य, बदल सकती थी गांवों के विकास की तस्वीर

    Updated: Sun, 31 Dec 2023 02:14 PM (IST)

    उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में अक्सर भारी वर्षा के कारण भूस्खलन होता है। जिस वजह से रास्ते लंबे समय तक बंद रहते हैं। इस कारण बागवानों की फसलें मंडी तक समय पर नहीं पहुंच पाती है और सड़क ठीक होने तक खराब हो जाती है। इसके लिए विभाग की ओर से राज्य बागवानी मिशन के तहत ग्रेविटी रोपवे योजना को शुरू करने का निर्णय लिया गया था।

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    शासन से मंजूरी के बाद भी ग्रेविटी रोपवे योजना पर नहीं शुरू हुआ कार्य

    जागरण संवाददाता, देहरादून। शासन से मंजूरी मिलने के बाद भी उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की ओर से अभी तक ग्रेविटी रोपवे योजना पर कार्य शुरू नहीं किया जा सका। जबकि इस कार्य को अक्टूबर में शुरू करने की बात कही जा रही थी। लेकिन विभागीय अधिकारी योजना को शुरू करने में टालमटोली कर रहे हैं।

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    दरअसल, राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में अक्सर भारी वर्षा के कारण भूस्खलन होता है। जिस वजह से रास्ते लंबे समय तक बंद रहते हैं। इस कारण बागवानों की फसलें मंडी तक समय पर नहीं पहुंच पाती है और सड़क ठीक होने तक खराब हो जाती है। इसके लिए विभाग की ओर से राज्य बागवानी मिशन के तहत ग्रेविटी रोपवे योजना को शुरू करने का निर्णय लिया गया था। इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया। शासन की ओर से इस पर मंजूरी भी दे दी गई।

    इस योजना का कार्य अक्टूबर में शुरू होना था लेकिन विभाग ने इसको ठंडे बस्ते में डाल दिया। अब इस योजना को धरातल पर उताने के नाम पर अधिकारी पल्ला झाड़ रहे हैं। ऊंचाई वाले कई गांव सड़क मार्ग से अछूते हैं। इन गांवों में आलू, राजमा, सेब जैसी नकदी फसलों का अच्छा उत्पादन होता है। लेकिन सड़क तक ढुलान में महंगा पड़ता है।

    कृषि उद्यानिकी को नहीं मिल पाया बढ़ावा

    जनपद उत्तरकाशी में मोरी प्रखंड के सुदूरवर्ती गांवों से तो सड़क तक प्रति खच्चर ढुलान तीन सौ रुपये पड़ता है। ऐसे में इन क्षेत्रों में व्यवसायिक स्तर पर कृषि उद्यानिकी को बढ़ावा नहीं मिल पाया है। इन स्थितियों में ग्रेविटी बेस्ड रोपवे योजना से गांवों के विकास की तस्वीर बदली जा सकती है। पड़ोसी राज्य हिमाचल इसका उपयोग कर रहा है। लेकिन उत्तराखंड में किसानों और बागवानों को अभी इस योजना का लाभ लेने के लिए और इंतजार करना पड़ सकता है।

    इस संबंध में उद्यान विभाग के महानिदेशक रणवीर सिंह चौहना का कहना है कि ग्रेविटी रोपवे योजना शुरू करने के लिए बैठकें हो रही हैं। दो-तीन बैठकों के बाद इस पर कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

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