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उत्तराखंड में महिला उद्यमी दिखा रहीं रोजगार की राह, जानें-कितनी महिलाओं को जोड़ा अपने साथ

महिलाएं उद्यमिता के क्षेत्र में अपने हुनर के दम पर बेरोजगारों का करियर संवार रही हैं। वर्तमान में 201 महिलाओं ने अपने उद्योग स्थापित किए हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 01 Sep 2020 08:31 AM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2020 12:10 PM (IST)
उत्तराखंड में महिला उद्यमी दिखा रहीं रोजगार की राह, जानें-कितनी महिलाओं को जोड़ा अपने साथ
उत्तराखंड में महिला उद्यमी दिखा रहीं रोजगार की राह, जानें-कितनी महिलाओं को जोड़ा अपने साथ

देहरादून, अशोक केडियाल। सूबे की महिलाएं उद्यमिता के क्षेत्र में अपने 'हुनर' के दम पर बेरोजगारों का करियर संवार रही हैं। वर्तमान में प्रदेश में 201 महिलाओं ने अपने उद्योग स्थापित कर न केवल अपनी आय बढ़ा रही हैं, बल्कि दर्जनों बेरोजगार युवाओं को अपने यहां नौकरी देकर उनको अपना करियर बनाने का मौका भी दिया है। इन महिलाओं की कर्मठता से एक अगस्त 2020 तक 1130 बेरोजगारों को घर के समीप रोजगार मिला हैं। इन उद्यमी महिलाओं को उद्योग विभाग की ओर से विशेष प्रोत्साहन योजना का लाभ भी दिया गया। 

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खुद में प्रतिभावान यह महिलाएं अन्य के लिए रोल मॉडल हैं। सरकारी नौकरी और बेहतर क्षेत्र में करियर बनाने का मोह छोड़कर राज्य की यह ऊर्जावान महिलाएं अब औद्योगिक कारोबार में अपना करियर संवार रही हैं। एक अगस्त 2020 तक प्रदेश में 201 महिलाओं ने एमएसएमई के तहत उद्योग स्थापित किए। इन उद्योगों में 32.92 करोड़ से अधिक निवेश किया गया है। महिला उद्यमियों को राज्य के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम संस्थान (एमएसएमई) से 9.20 करोड़ की सब्सिडी दी जा चुकी है। इससे यह अपने आसपास की अन्य महिलाओं और युवा बेरोजगारों को भी उद्यमिता से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं।

महिला योजना के दिखाई नई राह

राज्य में महिला उद्यमियों के लिए विशेष प्रोत्साहन योजना सबसे पहले 15 अगस्त 2015 को शुरू की गई थी। इस योजना में महिलाओं को उद्योग स्थापित करने को ऋण दिया जाता है, जिसमें 20 से लेकर 25 फीसद तक सब्सिडी दी जाती है। विशेष प्रोत्साहन योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं में उद्यमिता और कौशल विकास का सृजन करना है। जिससे महिलाएं अपना उद्यम स्थापित कर आत्मनिर्भर बनें और समाज में रोजगार प्रदाता बनकर अन्य को भी रोजगार के अवसर पैदा करें। 

उत्तराखंड के चार मुख्य जिलों में देहरादून में 51, उधमसिंहनगर में 48, हरिद्वार में 34 और नैनीताल में 23 महिला उद्यमी हैं। देहरादून में सिद्दकी सिस्टर्स के नाम से पहचान बना चुकी अनिला और साइना सिद्दकी हैंडीक्राफ्ट के सामान की स्टॉल लगाकर स्वयं के रोजगार के साथ अन्य को भी स्वरोजगार से जोड़ रही हैं।

आप भी बन सकती हैं महिला उद्यमी

महिला उद्यमी से आशय ऐसी महिला से है, जिन्होंने स्वयं के स्वामित्व में उद्यम स्थापित किया हो। साथ ही स्थापित उद्योग के निवेश में उनकी हिस्सेदारी कम से कम 51 फीसद हो। उत्तराखंड में आने वाले पांच सालों में महिला उद्यमियों की संख्या एक हजार पर हो जाएगी।

यह आंकड़े हैं उत्साह वर्धक

-उत्तराखंड में महिला उद्यमी: 201

-कुटीर और लघु, मध्यम उद्यमिता में निवेश: 32 करोड़, 92 लाख, 21 हजार

-सरकार से मिला अनुदान: नौ करोड़, 20 लाख, 11 हजार रुपये

- पूंजीगत सब्सिडी योजना की लाभार्थी महिलाएं : 86

-ब्याज सब्सिडी योजना की लाभार्थी महिलाएं: 115

-पंजीगत सब्सिडी में निवेश: 17 करोड़, दो लाख, एक हजार रुपये

-ब्याज उपादान योजना में निवेश: 15 करोड़, 32 लाख, 19 हजार रुपये

उद्योगों में इनका हो रहा कारोबार

महिला उद्यमी स्वामित्व वाली इकाइयों में फूड प्रोसेसिंग वर्क, कपड़ों की रंगाई, स्कूली ड्रेस तैयार, चटनी अचार, बिस्किट, बैकरी उद्योग, कैरी बैग, ऊन और धागा, घर के सजावटी सामान, फर्नीचर उद्योग, कृषि उपकरण, दवा उद्योग, फेस क्रीम, आकर्षक उपहार शामिल हैं।

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उद्योग निदेशक सुधीर चंद्र नौटियाल का कहना है कि प्रदेश सरकार की ओर से महिला उद्यमियों को हरसंभव मदद दी जा रही है। मैदानी जिलों से ही नहीं दूरदराज के पहाड़ी इलाकों से भी महिलाएं उद्यमिता में रुचि ले रही हैं। आने वाले दो वर्षों में उत्तराखंड की महिला शक्ति उद्यमिता में और बेहतर कार्य करेगी, इसकी पूरी उम्मीद है। नवाचार में भी महिलाएं आगे आ रहीं हैं।

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