कोरोना काल में अटाल के शिक्षकों की नई पहल, विद्यार्थियों के घर जाकर उनकी पढ़ाई में कर रहे मदद
जनजातीय क्षेत्र जौनसार-बावर के शिक्षक दूरस्थ गांवों में विद्यार्थियों के घर-घर जाकर उनकी पढ़ाई में मदद कर रहे हैं। शिक्षकों की इस पहल का अभिभावकों ने स्वागत किया है।
चकराता (देहरादून), जेएनएन। कोरोना काल में शिक्षण संस्थाएं बंद होने के कारण जनजातीय क्षेत्र जौनसार-बावर के शिक्षकों ने छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए नई पहल की है। इसके अंतर्गत राजकीय इंटर कॉलेज अटाल के कुछ शिक्षक कनेक्टिविटी की समस्या झेल रहे दूरस्थ गांवों में विद्यार्थियों के घर-घर जाकर उनकी पढ़ाई में मदद कर रहे हैं। शिक्षकों की इस पहल का अभिभावकों ने भी स्वागत किया है। उनका कहना है कि इससे ग्रामीण अंचल की शिक्षा व्यवस्था में समय के साथ नया बदलाव आएगा।
राजकीय इंटर कॉलेज अटाल देहरादून जिले के चकराता ब्लॉक में पड़ता है। विद्यालय के शिक्षक जगमोहन शर्मा, चरण सिंह राणा व अरविंद सिंह बताते हैं कि कोरोना संक्रमण के चलते शिक्षण संस्थानों के बंद पड़े होने से विद्यार्थियों की पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। हालांकि, शिक्षा विभाग ने शिक्षा व्यवस्था के संचालन को ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की है। लेकिन, पहाड़ के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी की बड़ी समस्या है। अटाल कॉलेज में ही 400 से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। बताया कि जिन गांवों में नेटवर्क व्यवस्था से जुड़े विद्यालय के छात्र-छात्राओं को कोर्स पूरा कराने के लिए ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है। लेकिन, इसका लाभ सिर्फ उन्हीं गांवों में छात्र-छात्राओं को मिल रहा है, जहां कनेक्टिविटी है।
ऐसे में कनेक्टिविटी से वंचित गांवों में कोर्स पूरा कराने के लिए छात्र-छात्राओं के घर-घर जाकर उनकी मदद की जा रही है। बताया कि पिछले कुछ दिनों से शिक्षक लगातार भंडियारा, हेडसू, फेडिज आदि गांवों में छात्र-छात्राओं को पढ़ाने जा रहे हैं। इससे उनके अभिभावक भी खासे उत्साहित हैं। बताया कि जब तक विद्यालय खुल नहीं जाते, विद्यार्थियों को डोर-टू-डोर पढ़ाने का कार्य जारी रहेगा।
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