Forest guard recruitment exam: वेस्ट यूपी से जुड़े परीक्षा में नकल के तार, एक-दो दिन में हो सकता है पर्दाफाश
आयोग की परीक्षाओं में हुई नकल के तार वेस्ट यूपी से जुड़ रहे हैं। जांच के लिए सीओ सिटी शेखर चंद सुयाल के नेतृत्व में बनी एसआइटी ने एक बड़े गिरोह को पकड़ा है।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग की परीक्षाओं में हुई नकल के तार वेस्ट यूपी से जुड़ रहे हैं। जांच के लिए सीओ सिटी शेखर चंद सुयाल के नेतृत्व में बनी एसआइटी ने एक बड़े गिरोह को पकड़ा है। पुलिस सूत्रों की मानें तो गिरोह का सरगना भी पुलिस ने पकड़ लिया है। इन सभी से पूछताछ की जा रही है। पुलिस एक या दो दिन में इसका पर्दाफाश कर सकती है।
साल 2018-19 में आयोग की ओर से विभिन्न पदों पर प्रतियोगी परीक्षा करवाई गई थी। जिसमें नकल होने की बात सामने आई थी। इस मामले में डालनवाला, रायपुर और रुद्रपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। हाल में हुई वन आरक्षी परीक्षा में नकल की बात सामने आने पर डीजीएलओ ने पूर्व में हुई परीक्षाओं की जांच करने के लिए एसआइटी गठित करने को कहा था। इस मामले में डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने एसआइटी गठित की थी। एसआइटी ने जब मामले की जांच शुरू की तो नकल करवाने के तार वेस्ट यूपी से जुड़े। पुलिस सूत्रों की मानें तो एसआइटी ने वेस्ट यूपी में जाकर गिरोह से जुड़े करीब एक दर्जन लोगों को पकड़ा है। जल्द ही टीम गिरोह के सदस्यों को लेकर उत्तराखंड पहुंचेगी।
यह था मामला
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से 21 जनवरी 2018 को सहायक अध्यापक एलटी और 6 मई को कनिष्ठ सहायक डाटा एंट्री ऑपरेटर की लिखित परीक्षा कराई गई थी। जांच में पाया गया कि उधम सिंह नगर में 22 अभ्यर्थियों ने सुनियोजित ढंग से कॉपी में छेड़छाड़ की है। इसके बाद सभी अभ्यर्थियों का परीक्षा परिणाम रोक दिया। इस मामले में रुद्रपुर में मुकदमा दर्ज किया गया।
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वहीं, आयोग ने 12 नवंबर 2017 को दून में टेक्नीशियन पद के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन किया था। जिसका परिणाम 12 फरवरी 2019 को जारी किया गया। परिणाम जारी होने के बाद आयोग को सूचना मिली कि कुछ अभ्यर्थियों की ओर से ओएमआर शीट में परीक्षा के बाद छेड़छाड़ की गई है। जांच में 6 अभ्यर्थियों की मूल ओएमआर और द्वितीय प्रति में अंतर पाया गया, यह मुकदमा रायपुर थाने में दर्ज है। वहीं, 25 नवंबर 2018 को कनिष्ठ सहायक स्नातक स्तर और समान अहर्ता वाले अन्य पदों की लिखित परीक्षा कराई गई थी। इस परीक्षा में एक अभ्यर्थी की मूल ओएमआर शीट और उसकी द्वितीय प्रति में अंतर पाया गया, यह मामला नगर कोतवाली में दर्ज किया गया।
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डीआइजी अरुण मोहन जोशी का कहना है कि नकल की जांच करने के लिए एसआइटी गठित की गई है। टीम छापेमारी कर रही है। फिलहाल अभी इतना ही बताया जा सकता है।