ठंड शुरू होते ही घुटने और कमर दर्द की बढ़ी परेशानी, अस्थि रोग विभाग में ओपीडी हुई दोगुनी
देहरादून में ठंड बढ़ने से गठिया और कमर दर्द के मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। जोड़ों में दर्द और अकड़न से चलना-फिरना मुश्किल हो गया है। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जोड़ों के दर्द के मरीज दोगुने हो गए हैं। चिकित्सकों ने शरीर को गर्म रखने, व्यायाम करने और संतुलित आहार लेने की सलाह दी है।

राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पंजीकरण काउंटर पर पर्चा बनवाने के लिए घंटों लाइन में खड़े होकर थक गए जिसके बाद जमीन पर बैठकर अपने नंबर के इंतजार करते हुए। जागरण
जागरण संवाददाता, देहरादून। ठंड का मौसम शुरू हो चुका है। इस सीजन में गठिया और कमर के पुराने दर्द के मरीजों की समस्या बढ़ती है। जोड़ों में दर्द और अकड़न से मरीजों के लिए चलना, उठना और बैठना तक दूभर हो जाता है। सुबह-शाम बढ़ती ठंड के चलते वायरल संक्रमण के साथ अर्थराइटिस (जोड़ों का दर्द) के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है।
राजकीय दून मेडिकल कालेज अस्पताल में अस्थि रोग विभाग की ओपीडी में सामान्य दिनों के मुकाबले इन दिनों जोड़ों के दर्द के मामले दोगुने आ रहे हैं। सोमवार को भी यहां ओपीडी 300 पार रही। वहीं चिकित्सकों का कहना है कि सर्दी के मौसम में शरीर का तापमान गिरने से खून का संचार धीमा पड़ता है। ऐसे में जोड़ों के आसपास की मांसपेशियां और ऊतक सख्त हो जाते हैं, जिसके चलते अकड़न, सूजन और दर्द होता है। जिन मरीजों को पुरानी चोट लगी हो उनमें भी दर्द बढ़ जाता है।
सर्दी आते ही जोड़ों का दर्द परेशान करने लगता है। खासकर बुजुर्गों, गठिया के मरीजों और पुराने चोट वाले लोगों के लिए ये मौसम मुश्किल भरा होता है। तापमान गिरने के साथ शरीर की मांसपेशियां और जोड़ों की नसें सिकुड़ जाती हैं, जिससे जकड़न, सूजन और दर्द बढ़ने लगता है।
राजकीय दून मेडिकल कालेज अस्पताल के अस्थि रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डा. अनिल जोशी बताते हैं कि इन दिनों जोड़ों के दर्द वालों की संख्या भी काफी बढ़ती जा रही है। खासकर कमर और घुटनों के दर्द के मरीज अधिक मिल रहे हैं। बदलता मौसम जोड़ों पर सबसे अधिक प्रभाव डालता है, ऐसे में सतर्क जरूरी है। ऐसे में समय में खुद को गर्म रखना, नियमित रूप से हल्का व्यायाम और स्ट्रेचिंग करना, गर्म सिकाई करना और संतुलित आहार लेना शामिल है।
आजकल अस्पताल में ऐसे मरीज ज्यादा आ रहे हैं जिनके जोड़ों में दर्द, सूजन और सुबह उठने पर जकड़न बनी रहती है। कई मरीज तो सुबह बिस्तर से उठने या गिलास तक उठाने में भी असमर्थ होते हैं। कुछ देर जोड़ों को हिलाने से आराम मिलता है, लेकिन यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहे तो इसे नजर अंदाज नहीं करना चाहिए।
इन बातों का रखें ध्यान
- ठंडी हवाओं में रक्त संचार धीमा पड़ने से छोटे जोड़ अधिक प्रभावित होते हैं, बचाव के लिए पर्याप्त कपड़े पहने।
- रात में सोने से पहले हल्के गुनगुने पानी से सिकाई से जोड़ों में जकड़न कम होती है और मांसपेशियों को आराम मिलता है।
- आहार में कैल्शियम, विटामिन डी, ओमेगा-3 फैटी एसिड और प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करें। दूध, दही, पनीर, हरी सब्जियां, बादाम, अखरोट, अलसी के बीज, और मछली जोड़ों को मजबूत बनाते हैं।
- यदि लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करना हो तो बीच-बीच में खड़े होकर हल्का स्ट्रेच जरूर करें।
- पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने से शरीर में डिहाइड्रेशन हो सकता है, जिससे जोड़ों में लुब्रिकेशन कम हो जाता है और दर्द बढ़ सकता है।
- हिटिंग पैड अथवा गर्म पानी के तौलिए से जोड़ों को सेंकने से लाभ मिलता है।
- गठिया से ग्रसित मरीजों इन दिनों सीढ़ी चढ़ने और उतरने से बचें, कमर दर्द वाले वजन कम ही उठाएं।
- तला-भुना और गरिष्ट भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे वजन बढ़ने के साथ दर्द की समस्या भी बढ़ेगी।
- नियमित रूप से व्यायाम करने से जोड़ों में लचीलापन बना रहता है। समय पर दवा का सेवन करें।
- सर्दियों के मौसम में सबसे जरूरी है कि शरीर को ठंड से बचाकर रखा जाए।
- शरीर, खासकर घुटनों, कोहनी, कंधों और कमर को गर्म रखें। ठंडी हवा और कम तापमान जोड़ों की सूजन और दर्द को बढ़ा सकते हैं।
- घर से बाहर निकलते समय ऊनी कपड़े, गर्म मोजे और नीकैप पहनें। ठंडी हवा सीधे शरीर पर न लगे।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।