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सरकार और आंदोलनकारियों के बीच मध्यस्थ बनने को तैयार: विनोद चमोली

आंदोलनकारी एवं धर्मपुर विधायक विनोद चमोली ने कहा कि गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाकर सरकार ने एक कदम आगे बढ़ाया। राज्य आंदोलनकारियों के मसलों पर मध्यस्थ बनने की बात भी कही।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Wed, 11 Mar 2020 12:39 PM (IST)Updated: Wed, 11 Mar 2020 12:39 PM (IST)
सरकार और आंदोलनकारियों के बीच मध्यस्थ बनने को तैयार: विनोद चमोली
सरकार और आंदोलनकारियों के बीच मध्यस्थ बनने को तैयार: विनोद चमोली

देहरादून, जेएनएन। गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किए जाने के बाद वरिष्ठ आंदोलनकारी एवं धर्मपुर विधायक विनोद चमोली शहीद स्मारक पहुंचे और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान महापौर सुनील उनियाल गामा और भाजपा महानगर अध्यक्ष सीताराम भट्ट ने भी शहीदों को नमन किया।

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पारंपरिक ढोल दमाऊ के साथ विधायक कार्यकर्ताओं संग शहीद स्थल में पहुंचे। शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद उन्होंने कहा कि गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाकर सरकार एक कदम आगे बढ़ाया है। राज्य आंदोलनकारियों के लंबित मसलों पर मध्यस्थ बनने की बात भी उन्होंने कही। 

उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत से उनकी बात हुई थी। वह आंदोलनकारियों के मसले पर वार्ताकार हैं। 12 मार्च के बाद मुख्यमंत्री के साथ बातचीत होनी है और वह इसमें आंदोलनकारियों का पक्ष रखेंगे। उन्हें पूरा विश्वास है कि राज्य सरकार आंदोलनकारियों की मांगों पर जल्द सकारात्मक निर्णय लेगी। ॉ

इस दौरान महानगर महामंत्री रतन सिंह चौहान, भाजपा नेता महेश पांडेय, क्लेमेनटाउन कैंट बोर्ड के उपाध्यक्ष सुनील कुमार, नगर निगम के पार्षद सतीश कश्यप, राजपाल सिंह पयाल, नीरज सेठी, मंडल अध्यक्ष धर्मपाल सिंह रावत, पार्षद देवेंद्र पाल सिंह आदि मौजूद रहे।

महापौर व विधायक के समक्ष आंदोलनकारियों ने जताई नाराजगी

शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे धर्मपुर विधायक विनोद चमोली के समक्ष उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रतिनिधिमंडल ने अपनी नाराजगी जाहिर की। कहा कि राज्य आंदोलनकारियों की मांगों का अभी तक निस्तारण नहीं हुआ है।

उन्होंने विधायक को ज्ञापन देकर कहा कि राज्य सरकार जल्द मांग पूरी करे, अन्यथा अप्रैल माह से आंदोलनकारी सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने आठ सूत्रीय ने मांगपत्र पढ़ा। रामलाल खंडूड़ी ने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही एक विधिक पैनल बनाए, ताकि मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा मिले। 

यह मांग रखी

मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा मिले।

राज्य आंदोलनकारियों के दस फीसदी शिथिलता का एक्ट।

 चिन्हिकरण के लंबित मामलों के निस्तारण,एक समान पेंशन व सम्मान परिषद का गठन।

स्थाई राजधानी गैरसैंण बने।

समूह- ग की परीक्षा में बाहरी लोगों की भर्तियों पर रोक व फारेस्ट भर्ती रद करें। 

राज्य में लोकायुक्त का गठन। 

राज्य के भू-कानून में शीघ्र बदलाव कर भू-खरीद पर रोक।

राज्य में भविष्य में होने वाल परिसीमन क्षेत्रफल के आधार पर किया जाए।

छात्रों एवं आंदोलनकारियों पर जनहित की मांग पर लगे मुकदमे वापस लें।

भाजपा ही बनाएगी गैरसैंण को स्थायी राजधानी

गैरसैंण को प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किए जाने पर मुद्दे पर आयोजित एक प्रेस वार्ता में धर्मपुर विधायक विनोद चमोली ने कहा कि पहाड़ को विकसित करना है तो आपको पहाड़ की तरफ जाना ही होगा। इसका कोई और विकल्प नहीं है। कहा कि राज्य गठन के 19 साल बाद अब पहाड़ के विकास का रोडमैप तैयार होगा। उन्होंने कहा कि गैरसैंण में आधारभूत सुविधाएं विकसित होने के बाद भाजपा ही यकीनन इसे स्थायी राजधानी भी घोषित कर देगी। 

कचहरी रोड स्थित एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में चमोली ने कहा कि लंबे संघर्ष के बाद अलग राज्य उत्तराखंड का गठन हुआ। तब से ही लगातार गैरसैंण को राजधानी बनाने की मांग उठती रही है। अब जबकि ग्रीष्मकालीन राजधानी के जरिए सरकार ने इस ओर कदम बढ़ा दिए हैं, हम सभी राज्य आंदोलनकारियों की तरफ से मुख्यमंत्री को आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्रियों का भी धन्यवाद दिया।  

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कहा कि इन सभी की बदौलत हम इस मुकाम तक पहुंचे हैं। विपक्ष की मंशा पर सवाल उठाते कहा कि गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने पर कांग्रेस के विधायकों ने इस फैसले का स्वागत तक नहीं किया। उत्तरांचल से उत्तराखंड नाम करने पर विपक्ष की भूमिका में रही भाजपा ने एक स्वर में इसका स्वागत किया था। उन्होंने कहा कि छह माह के भीतर सरकार गैरसैंण के विकास का ब्लूप्रिंट तैयार कर लेगी और जिस दिन लगा कि वहां अवस्थापना सुविधाएं पर्याप्त हैं, उसे स्थाई राजधानी भी घोषित कर देगी।

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