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शिशु निकेतन में बालक और बालिकाओं के लिए एक ही शौचालय

नारी निकेतन और बाल संरक्षण गृहों में महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा को लेकर प्रदेश सरकार सतर्क हो गई है। उत्तराखंड में इन संरक्षण केंद्रों का निरीक्षण थर्ड पार्टी से कराया जाएगा।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 08 Aug 2018 09:23 AM (IST)Updated: Thu, 09 Aug 2018 08:38 AM (IST)
शिशु निकेतन में बालक और बालिकाओं के लिए एक ही शौचालय
शिशु निकेतन में बालक और बालिकाओं के लिए एक ही शौचालय

देहरादून, [जेएनएन]: बाल एवं महिला विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य ने बुधवार को राजकीय शिशु निकेतन, बालिका निकेतन और नारी निकेतन का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने निरीक्षण से पूर्व ही व्यवस्थाएं दुरुस्त कर ली थीं। बावजूद इसके, कई खामियां छिपाए नहीं छिपीं। शिशु निकेतन में बालक और बालिकाओं के लिए एक ही शौचालय, दिव्यांग बच्चों की सुविधाओं का अभाव और छोटे-बड़े बच्चों को एक साथ रखने समेत कई खामियां मिलीं। इस पर रेखा आर्य ने अधिकारियों को व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए। 

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रेखा आर्य ने सबसे पहले शिशु निकेतन का निरीक्षण करते हुए बच्चों के रहने, खाने, स्वच्छता, शौचालय, शिक्षा समेत अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने इन व्यवस्थाओं पर संतोष जताया। लेकिन, उन्होंने बालक और बालिकाओं के लिए एक ही शौचालय होने पर आपत्ति जताई। साथ ही अलग शौचालय बनाने के निर्देश भी दिए। बता दें कि शिशु निकेतन में 14 साल तक के बच्चे रहते हैं। यहां दिव्यांग बच्चों की भाषा समझने के लिए भी किसी विशेष शिक्षक की व्यवस्था नहीं हो पाई है। इस पर उन्होंने शिक्षक की नियुक्ति के भी निर्देश दिए। हालांकि बालिका निकेतन में हुए निरीक्षण में स्थिति सामान्य पाई गई।

116 संवासिनियों के लिए 90 बेड

नारी निकेतन में राज्यमंत्री रेखा आर्य के निरीक्षण के दौरान व्यवस्थाओं की पोल खुल गई। निरीक्षण में पाया गया कि संवासिनियों के लिए पर्याप्त बेड की व्यवस्था नहीं है। वहां कुल 116 संवासिनियों पर महज 90 बेड ही हैं।मुंडन किए बच्चे नजर आए

शिशु निकेतन में मुंडन किए बच्चे नजर आए। अधिकांश बच्चों के सिर के बाल मुंडे हुए थे, जबकि कुछ बच्चों के शरीर पर एलर्जी भी नजर आई। बता दें कि पिछले माह किशोर न्याय बोर्ड और जिला बाल कल्याण समिति के औचक निरीक्षण के दौरान भी बच्चों के मुंडन व एलर्जी की बात सामने आई थी

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