5.5 करोड़ साल नहीं और भी पहले हुई थी हिमालय की उत्पत्ति, सामने आया नया फैक्ट; अपनी GK करें अपडेट
वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के अध्ययन में पता चला है कि अरुणाचल हिमालय (ट्रांस हिमालय) 8 करोड़ साल पहले ही अस्तित्व में आ गया था। अरुणाचल प्रदेश में मिली मिग्माटाइट चट्टानों की आयु 7 से 8 करोड़ साल पुरानी पाई गई है। यह अध्ययन हिमालय की उत्पत्ति को लेकर नई जानकारी प्रदान करता है। यह खोज वाडिया संस्थान के वैज्ञानिकों ने की है।

सुमन सेमवाल, देहरादून। अब तक यही माना जाता रहा है कि हिमालय की उत्पत्ति करीब 05 से 5.5 करोड़ साल पहले हो गई थी।
वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान का ताजा अध्ययन यह बताता है कि अरुणाचल हिमालय (ट्रांस हिमालय) 08 करोड़ साल पहले तक ही अस्तित्व में आने लगा था। क्योंकि, अध्ययन के दौरान अरुणाचल प्रदेश हिमालय क्षेत्र में ऐसी मिग्माटाइट चट्टानें मिली हैं, जिनकी आयु 07 से 08 करोड़ साल पुरानी पाई गई है। वहीं, कुछ अध्ययन में तिब्बत क्षेत्र में मिग्माटाइट चट्टानें (गैंगडीज बैथोलिथ) इसी आयु के आसपास की पाई गई हैं।
पहली बार मिग्माटाइट चट्टानों पर यह अध्ययन
हिमालय की आयु को लेकर पहली बार अरुणाचल प्रदेश की मिग्माटाइट चट्टानों पर यह अध्ययन वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वरिष्ठ विज्ञानी विकास अदलखा और उनकी टीम ने किया। वरिष्ठ विज्ञानी अदलखा के अनुसार अरुणाचल प्रदेश की लोहित और दिबांग घाटी की मिग्माटाइट चट्टानों की यूरेनियम लेड डेटिंग कराई गई। जिसमें पता चला कि इनकी आयु करीब 07 से आठ करोड़ साल पुरानी है।
यानी कि अरुणाचल प्रदेश में ट्रांस हिमालय की उत्पत्ति इंडियन प्लेट के यूरेशियन प्लेट के नीचे समुद्र की गहराई वाले भाग (सब-डक्शन) में धंसने के दौरान ही होने लगी थी। यहां ओसनिक लिथोस्फियर जब मेल्ट होने के बाद ठंडा होकर ठोस अवस्था में आया तो उसकी आयु 15.4 करोड़ से 07 करोड़ साल तक की पाई गई। मिग्माटाइट और ओसनिक लिथोस्फियर की समानता ने इस नई अवधारणा को और बल देने का काम किया।
बाकी हिमालययी क्षेत्र में तब उठाव (अपलिफ्ट) हुआ, जब ऊपरी भाग में प्लेटों की यह टकराहट हुई। क्योंकि, हिमालय के अधिकतर भाग में यह घटना 5.5 से 05 करोड़ साल पहले हुई। यहां की मिग्माटाइट चट्टानों की डेटिंग की अवधि इसी के बीच की रिकार्ड की गई है। जिसमें पश्चिमी और नेपाल हिमालय के भाग शामिल हैं। इस क्षेत्र में हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं ने मुख्य रूप उठाव 02 करोड़ साल पहले तक प्राप्त किया। हिमालय के निर्माण की प्रक्रिया अब भी गतिमान है।
वेस्टर्न हिमालयन आर्क की लगभ यही कहानी
वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वरिष्ठ विज्ञानी विकास अदलखा के अनुसार तिब्बत, लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक 2400 किलोमीटर की वेस्टर्न हिमालयन आर्क है। तिब्बत हिमालय में भले ही पूर्व में कुछ अध्ययन किए जा चुके हैं, लेकिन अरुणाचल प्रदेश में पहली बार मिग्माटाइट चट्टानों पर अध्ययन किया गया है। यहां के नतीजे यह बताने के लिए काफी हैं कि हिमालय की उत्पत्ति 07 से 08 करोड़ साल पहले होने की अवधारणा सही है।
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