ईपीएफओ देहरादून के नए क्षेत्रीय आयुक्त विश्वजीत सागर ने कहा- हक मारने वाली कंपनियां रहेंगी राडार पर
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) देहरादून के नए क्षेत्रीय आयुक्त विश्वजीत सागर ने कहा कि कर्मचारियों का हक मारने वाली कंपनियां उनके राडार पर रहेंगी। कर्मचारियों का पीएफ समय से जमा कराने के लिए सरकारी व गैर सरकारी ठेकेदारों पर पैनी नजर रहेगी।
जागरण संवाददाता, देहरादून। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) देहरादून के नए क्षेत्रीय आयुक्त विश्वजीत सागर ने कहा कि कर्मचारियों का हक मारने वाली कंपनियां उनके राडार पर रहेंगी। कर्मचारियों का पीएफ समय से जमा कराने के लिए सरकारी व गैर सरकारी ठेकेदारों पर पैनी नजर रहेगी। कर्मचारियों को फायदा दिलाना और सर्विस टू सस्क्राइबर उनकी प्राथमिकता है। पूर्व क्षेत्रीय आयुक्त मनोज यादव ने गुजरात स्थानांतरण होने पर बुधवार को नए क्षेत्रीय आयुक्त विश्वजीत सागर को कार्यभार सौंपा।
नए क्षेत्रीय आयुक्त विश्वजीत सागर ने अपनी प्राथमिकताएं गिनाते हुए कहा कि हर व्यक्ति, जिसे पीएफ मिलना चाहिए, उसे पीएफ दिलाया जाएगा। स्थानीय स्तर पर जो समस्याएं हैं, उन्हें भी दूर किया जाएगा। क्षेत्रीय आयुक्त ने कहा कि अगर किसी कर्मचारी को लगता है कि कंपनी व ठेकेदार उनका पीएफ जमा नहीं कर रहा है तो वे शिकायत कर सकते हैं। तत्काल समाधान किया जाएगा।
सितंबर तक केवाईसी कराना अनिवार्य
क्षेत्रीय आयुक्त ने बताया कि सितंबर माह तक अनिवार्य रूप से नियोक्ताओं को अपने समस्त स्टाफ का आधार केवाईसी कराना होगा। ये उनकी जिम्मेदारी है। ऐसा नहीं करने पर उन्हें डिफाल्टर घोषित किया जाएगा। साथ ही उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। क्षेत्रीय आयुक्त ने कहा कि वह पिछले वर्षों की फाइल खंगालेंगे। इससे उन्हें डिफाल्टर की सूची मिल जाएगी। जिन पर उनकी पैनी नजर रहेगी।
प्रिंसिपल एम्प्लायर पोर्टल पर पंजीकरण जरूरी
क्षेत्रीय आयुक्त विश्वजीत सागर ने बताया कि सभी ठेकेदारों और कंपनियों को प्रिंसिपल एम्प्लायर पोर्टल पर अनिवार्य रूप से अपना पंजीकरण कराना होगा। किसी भी स्तर से जानकारी मिलने पर पंजीकरण नहीं मिलने पर कंपनी व ठेकेदार पर पेनाल्टी लगाई जाएगी। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को भविष्य निधि की योजनाओं का लाभ देने का निर्णय किया था। यह प्रक्रिया शुरू हो गई है।
ईपीएफओ ने उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग को पत्र लिखकर बच्चों का विवरण मांगा था। आयोग की ओर से 90 बच्चों की सूची दी गई। इसमें से 37 बच्चे ऐसे हैं जो कोरोनाकाल में अनाथ हुए हैं। इनमें से एक बच्चे के पिता का पीएफ अकाउंट मिल गया है। जिसे लाभ देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द ही अन्य बच्चों को भी सुविधा का लाभ दिया जाएगा।
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