कोरोनाकाल में EPFO ने शुरू की ई-नॉमिनेशन सेवा, अब घर बैठे करें पीएफ और पेंशन का क्लेम
कोरोनाकाल में डिजिटल इंडिया के महत्व को ध्यान में रखते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने ई-नॉमिनेशन सेवा की शुरू की है। इससे कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में नॉमिनी को घर बैठे ही पीएफ और पेंशन का भुगतान हो सकेगा।
जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोनाकाल में डिजिटल इंडिया के महत्व को ध्यान में रखते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने ई-नॉमिनेशन सेवा की शुरू की है। इससे कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में नॉमिनी को घर बैठे ही पीएफ और पेंशन का भुगतान हो सकेगा। इसके लिए नॉमिनी को ईपीएफओ की वेबसाइट पर फॉर्म भरने के साथ ही विस्तृत जानकारी देनी होगी।
ईपीएफओ डिजिटलाइजेशन की ओर एक कदम बढ़ाते हुए ई-नॉमिनेशन की सुविधा दे रहा है। इससे नॉमिनी के लिए भविष्य निधि व पेंशन का क्लेम हासिल करना पहले से आसान, पारदर्शी हो गया है। अब उन्हें ईपीएफओ कार्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे। कोरोना काल में यह बेहद उपयोगी कदम है। हालांकि, देखा गया है कि कर्मचारियों में ई-नॉमिनेशन के प्रति जागरूकता कम होने के कारण वह वक्त रहते दाखिल नहीं कर पाते और दुर्भाग्यपूर्ण रूप से मृत्यु की स्थिति में परिवार को क्लेम हासिल करने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
ईपीएफओ के क्षेत्रीय आयुक्त मनोज यादव ने बताया कि ई-नॉमिनेशन को लेकर कर्मचारियों को जागरूक करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस संबंध में पंजीकृत नंबरों पर एसएमएस भी भेजे जाएंगे। बताया कि ईपीएफओ के यूनिफाइड पोर्टल पर मेंबर लॉग-इन कर अपने नॉमिनी का विवरण भर सकते हैं। यह बेहद आसान प्रक्रिया है।
सीमित संख्या में बन रहे मृत्यु प्रमाण पत्र से बढ़ रही परेशानी
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच ने नगर निगम में सीमित संख्या में मृत्यु प्रमाण पत्र बनने से हो रही परेशानी को महापौर सुनील उनियाल गामा के समक्ष रखा। महापौर ने समस्या के जल्द निस्तारण का भरोसा दिलाया।
मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने महापौर और नगर स्वास्थ्य अधिकारी आरके सिंह को फोन कर बताया कि मृत्यु के बाद स्वजन को इसकी सूचना कार्यालयों में तत्काल सूचना देनी होती है, लेकिन विलंब से हो रहे कार्य के चलते उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
आजकल अधिकतर लोग उत्तर प्रदेश व अन्य जिलों से मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए निगम में आ रहे हैं। लोग मात्र 25 प्रमाण पत्र की शर्त के चलते दो-दो दिन चक्कर काटकर वापस जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि महापौर और नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने प्रमाण पत्र जारी करने में तेजी का आश्वासन दिया है।
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