Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चमोली आपदा : आंखों में अब भी उमड़ रहा तबाही का मंजर

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Mon, 08 Feb 2021 12:48 PM (IST)

    रैणी गांव में धौलीगंगा नदी में आए भारी सैलाब का मंजर देखने वाले ग्रामीणों की आंखों में अब भी दहशत हैं। सुबह साढ़े 10 बजे हुए इस हादसे का जिक्र करते ही उनकी आवाज कांपने लगती है। कई ग्रामीण बताते हैं कि उन्होंने पहली बार तबाही का ऐसा मंजर देखा।

    Hero Image
    रैणी में धौलीगंगा नदी में आए भारी सैलाब का मंजर देखने वाले ग्रामीणों की आंखों में अब भी दहशत हैं।

    रणजीत रावत, जोशीमठ। रैणी गांव में धौलीगंगा नदी में आए भारी सैलाब का मंजर देखने वाले ग्रामीणों की आंखों में अब भी दहशत हैं। सुबह साढ़े 10 बजे हुए इस हादसे का जिक्र करते ही उनकी आवाज कांपने लगती है। कई ग्रामीण बताते हैं कि उन्होंने पहली बार तबाही का ऐसा मंजर देखा। उनके कानों में अभी भी नदी में आए सैलाब की गड़गड़ाहट और मदद को आवाज लगाने वालों की चीख-पुखार गूंज रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इंटरनेट मीडिया पर वीडियो वायरल होते ही उड़ी ग्रामीणों की नींद

    हिमखंड टूटने के बाद आई बाढ़ की सूचना इंटरनेट मीडिया पर वायरल होते ही नदी घाटी वाले क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई। इसके बाद प्रशासन ने जिले में हाई अलर्ट घोषित कर नदी किनारे रहने वाले ग्रामीणों से घर खाली करने की अपील की। इसके बाद लोग घरों से निकल गए। हालांकि चमोली कस्बे में दोपहर तक पानी पहुंचने तक नदी का जल स्तर खतरे से नीचे ही रहा।

    देखते-देखते बह गया पुल

    55 वर्षीय तपोवन के पूर्व प्रधान हरक सिंह बताते हैं, सुबह 10:30 बजे धौलीगंगा में पानी का बहाव देखकर लग रहा था जैसे किसी ज्वालामुखी से लावा निकल रहा हो। मैं तपोवन बाजार से यह नजारा देख रहा था। देखते ही देखते सैलाब भंग्यूल पुल को बहा ले गया। तपोवन-विष्णुगाड़ परियोजना में प्रतिदिन 200 के करीब कर्मचारी काम करते हैं।

    पहली बार देखा ऐसा सैलाब

    तपोवन निवासी 58 वर्षीय श्याम धोनी हादसे की आंखों देखी का हाल सुनाते हुए कहते हैं, सुबह जब गड़गड़ाहट की तेज आवाज आई तो उन्हें लगा कि कोई हेलीकॉप्टर जा रहा है। उन्होंने आसमान में देखा तो कुछ नजर नहीं आया। इसी बीच देखा कि सभी लोग नदी की ओर भाग रहे थे। मैं भी नदी की तरफ देखने गया।

    बैराज पर मची थी चीख-पुकार, सब जान बचाने को भाग रहे थे

    तपोवन बाजार निवासी 66 वर्षीय मुकेश कोषवाल इस खौफनाक मंजर का जिक्र करते हुए बताते हैं, जब हादसा हुआ वो चाय की दुकान पर बैठे थे। इसी दौरान भयंकर गड़गड़ाहट की आवाज आई। अन्य लोग सड़क से भागकर नदी की ओर गए तो साथ वो भी दौड़ पड़े। सामने बैराज पर चीख-पुकार मची थी। सब अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहे थे।

    यह भी पढ़ें-चमोली में बाढ़ से ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को नुकसान, यहां फंसे थे 16 लोग

    Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें

    comedy show banner