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    चमोली में बाढ़ से ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को नुकसान

    By Sumit KumarEdited By:
    Updated: Mon, 08 Feb 2021 11:57 AM (IST)

    चमोली जिले के रैंणी गांव में वर्ष 2005-06 में राकेश मेहरा ने ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट का निर्माण शुरू कराया था। तब लुधियाना के इस व्यवसायी ने पावर प्रोजेक्ट निर्माण के लिए पंजाब नेशनल बैंक से 135 करोड़ रुपये का कर्ज भी लिया था।

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    कंपनी की ओर से वर्ष 2020 में प्रोजेक्ट से फिर से विद्युत उत्पादन शुरू कराया।

    संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: चमोली जिले के रैंणी गांव में वर्ष 2005-06 में राकेश मेहरा ने ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट का निर्माण शुरू कराया था। तब लुधियाना के इस व्यवसायी ने पावर प्रोजेक्ट निर्माण के लिए पंजाब नेशनल बैंक से 135 करोड़ रुपये का कर्ज भी लिया था।

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    15 अगस्त 2011 में जब इस परियोजना का उद्घाटन होना था उसी दिन नहर में भूस्खलन की वजह से इसके एमडी राकेश मेहरा की मौत हो गयी। इसके बाद वर्ष 2015 की आपदा में यह परियोजना बह गई थी, जिसके बाद बैंक की ओर से इस परियोजना को बंद कर दिया तथा ऋण की रकम वसूली न होने पर इसे नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी। इसके बाद वर्ष 2018 में बैंक की ओर से इस परियोजना की नीलामी गई, जिसे हरियाणा के कुंदन ग्रुप ने खरीदा। इसके बाद कंपनी की ओर से वर्ष 2020 में प्रोजेक्ट से फिर से विद्युत उत्पादन शुरू कराया। 

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    बताया जा रहा है कि इस परियोजना से प्रति माह 1.40 करोड़ रुपये की बिजली ऊर्जा निगम को बेची जाती थी। वर्तमान में यह परियोजना चालू है। चूंकि कुंदन ग्रुप हरियाणा द्वारा यह परियोजना 135 करोड़ में ली गई थी। लिहाजा अब परियोजना के नष्ट होने से पौने दो अरब रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। हालांकि प्रशासन ने अभी परियोजना को हुए नुकसान का आंकलन शुरू नहीं किया है।

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