चमोली में नंदा हिमखंड टूटने के बाद तबाही, नदी किनारे के गांवों को कराया गया खाली; यूपी तक अलर्ट
चमोली में नंदा हिमखंड टूटने के बाद कई इलाकों तबाही आई है। ऋषिगंगा और फिर धौलीगंगा पर बना हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध भी टूट गया है। इससे गंगा और उसकी सहायक नदियों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। नदी के किनारे गांवों को खाली कर दिया गया है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड चमोली में नंदा हिमखंड टूटने के बाद कई इलाकों तबाही आई है। ऋषिगंगा और फिर धौलीगंगा पर बना हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध भी टूट गया है। इससे गंगा और उसकी सहायक नदियों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। इससे गंगा के किनारे वाले गांवों को खाली कर दिया गया है। साथ ही अलर्ट भी जारी कर दिया गया है। वहीं, केंद्रीय जल आयोग ने अपनी सभी चौकियों पर अलर्ट जारी किया है। ऋषिकेश तथा हरिद्वार में कुछ घंटे के भीतर इस पानी के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है।
टिहरी में अलर्ट
चमोली में बांध टूटने से नदी में जलस्तर बढ़ने की आशंका को देखते हुए टिहरी में प्रशासन ने कीर्तिनगर, देवप्रयाग में नदी किनारे अलर्ट जारी किया। देवप्रयाग संगम पर भी लोगों की आवाजाही बंद कर दी गई है, वही नदी किनारे जितनी भी बस्तियां हैं सभी में लोगों को ऊंचाई वाले इलाकों में जाने के लिए कहा गया है। प्रशाशन द्वारा नदी किनारे खनन पट्टों पर कार्य कर रहे लोगों को हटाया जा रहा है।
हरिद्वार में अलर्ट
हरिद्वार में मेला अधिकारी दीपक रावत और जिलाधिकारी सी रविशंकर ने अलर्ट जारी किया। नदी किनारे सभी क्षेत्रों में बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है। लोगों को समय रहते सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दी गई है। जिलाधिकारी श्री रविशंकर ने गंगा किनारे सभी क्षेत्रों को खाली करने के और खाली कराने के निर्देश जारी किए हैं। डूब क्षेत्र में रहने वाले सभी लोगों को सुरक्षित इलाकों के स्कूल व अन्य सरकारी इमारतों में शिफ्ट किया जा रहा है। सभी गंगा घाटों को खाली करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
इसके अलावा नदी किनारे हो रहे सभी कार्यों को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। कार्य कर रहे, कर्मियों को जगह खाली करने के आदेश दिए गए हैं। हरिद्वार शहर को सुरक्षित रखने के लिए गंगा नहर को तत्काल प्रभाव से बंद करने के निर्देश उत्तराखंड सिंचाई विभाग और उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग को दिए गए हैं, स्थिति पर नजदीक नजर रखी जा रही है और सभी को अलर्ट कर दिया गया है। पूरी प्रशासनिक मशीनरी इस कार्य में लग गई है। स्नान करने आए लोगों को स्नान छोड़कर गंगा घाटों को खाली करने को कहा जा रहा है।