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    नगर निगम के शीशमबाड़ा प्लांट के विरुद्ध धरने पर बैठे ग्रामीण Dehradun News

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Thu, 13 Feb 2020 09:10 PM (IST)

    नगर निगम के शीशमबाड़ा स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के विरोध में सेलाकुई क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीणों ने पर्यावरण निदेशालय के बाहर धरना शुरू कर द ...और पढ़ें

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    नगर निगम के शीशमबाड़ा प्लांट के विरुद्ध धरने पर बैठे ग्रामीण Dehradun News

    देहरादून, जेएनएन। नगर निगम के शीशमबाड़ा स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के विरोध में सेलाकुई क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीणों ने पर्यावरण निदेशालय के बाहर धरना शुरू कर दिया है। ग्रामीणों ने सरकार, पर्यावरण विभाग व नगर निगम के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। आरोप है कि पर्यावरण विभाग की सांठगांठ के चलते शीशमबाड़ा प्लांट बिना एनओसी संचालित किया जा रहा। रैमकी कंपनी व नगर निगम के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। ग्रामीणों ने प्लांट बंद करने की मांग की है।

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    शीशमबाड़ा में प्लांट की अव्यवस्थाओं की वजह से उठ रही दुर्गंध से आसपास के हजारों ग्रामीणों का सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है। हालात ये हैं कि, प्लांट से उठ रही दुर्गंध और इससे संक्रमण के खतरे को देखते हुए उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस भेजा हुआ है। यह पूछा गया है कि बोर्ड की ओर से दुर्गंध को रोकने के लिए क्या प्रयास किए गए। प्लांट से उठ रही दुर्गंध से वहां का जन-जीवन प्रभावित हुआ है। आरोप है कि नजदीक के सभी शिक्षण संस्थानों में बच्चे मॉस्क लगा पढ़ाई कर रहे हैं। बच्चों को कक्षा के अंदर सांस लेने में भी परेशानी हो रही। आरोप है कि दुर्गंध की वजह से कई बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया है। बीते दिनों इसी विरोध में प्लांट के बाहर आगजनी हुई थी। जिसके बाद डीएम को वहां धारा-144 लागू करनी पड़ी।

    बुधवार को गुस्साए ग्रामीणों ने पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण निदेशालय के बाहर 24 घंटे का धरना शुरू कर दिया जो गुरुवार की दोपहर 12 बजे तक चलेगा। इस दौरान यह चेतावनी दी गई कि यदि जल्द ही प्लांट पर पर्यावरण प्रदूषण विभाग ने ताला नहीं जड़ा तो ग्रामीण मुख्यमंत्री आवास व विधानसभा के बाहर अनिश्चितकाल के लिए आंदोलन शुरू कर देंगे। बुधवार को प्रदर्शन के दौरान विनोद चौहान, लक्ष्मी अग्रवाल, सुधीर रावत, पार्षद उर्मिला थापा, नीलम थापा, सुमन, आशा रावत, पूनम पंवार, रीता शर्मा निरंजन चौहान समेत सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।

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    एनओसी बिना चल रहा प्लांट

    शीशमबाड़ा में दो साल पहले शुरू हुआ सूबे का पहला सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एंड रिसाइक्लिंग प्लांट पिछले पांच माह से बिना एनओसी चल रहा है। प्लांट के संचालन के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से हर वर्ष कंसर्न टू ऑपरेट एनओसी जरूरी होती है, लेकिन इस बार बोर्ड ने प्लांट को एनओसी नहीं दी है। प्लांट को दी एनओसी अगस्त-2019 में खत्म हो चुकी है। इसके बाद प्लांट अवैध रूप से संचालित हो रहा। एनओसी न देने के पीछे प्लांट में चल रही गड़बडिय़ां वजह बताईं जा रहीं हैं। यही वजह है कि ग्रामीण इस प्लांट को बंद करने की मांग कर रहे।

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