Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हाईटेंशन लाइन से टेंशन में ग्रामीण, जर्जर विद्युत लाइन को बदलने की मांग

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Thu, 18 Jun 2020 05:56 PM (IST)

    जौनसार-बावर परगने के पांच बिजलीघरों को पावर सप्लाई करने वाली हाईटेंशन लाइन के कई जगह पेड़ों के बीच गुजरने से लोग परेशान हैं। ...और पढ़ें

    Hero Image
    हाईटेंशन लाइन से टेंशन में ग्रामीण, जर्जर विद्युत लाइन को बदलने की मांग

    चकराता (देहरादून) जेएनएन। जौनसार-बावर परगने के पांच बिजलीघरों को पावर सप्लाई करने वाली हाईटेंशन लाइन के कई जगह पेड़ों के बीच गुजरने से लोग परेशान हैं। मौसम खराब होने व आंधी चलने से क्षेत्र में घंटों बिजली गायब रहती है। करंट के डर से ग्रामीण पशुओं के लिए पास के जंगल से चारापत्ती काट कर नहीं ला पा रहे हैं। लोगों ने पेड़ों की लॉपिंग कराने व पुरानी हो चुकी जर्जर विद्युत लाइन को बदलने की मांग की है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जौनसार-बावर के करीब पांच सौ गांवों व तोक-मजरों में बिजली देने को ऊर्जा निगम ने साहिया, चकराता, सावड़ा, त्यूणी व लाखामंडल में पांच बिजलीघर बनाए हैं। जिससे सैकड़ों ग्रामीण परिवारों को बिजली सप्लाई होती है। जौनसार के चार बिजलीघर पछवादून के ढकरानी पावर हाउस से जुड़े हैं। जबकि लाखामंडल बिजलीघर को जिला उत्तरकाशी के पावर हाउस से बिजली सप्लाई होती है। 

    दशकों पुरानी 33 केवीए व 11 केवीए हाईटेंशन लाइन पेड़ों के बीच से होकर गुजर रही है। कालसी से त्यूणी के बीच बिछाई गई करीब दो सौ किमी लंबी हाईटेंशन लाइन का अधिकांश हिस्सा जंगल में पेड़ों के बीच से होकर गुजरती है। क्षेत्रपंचायत सदस्य विक्रम सिंह पंवार, सामाजिक कार्यकर्ता रोहन राणा, ग्रामीण युवा समिति के अध्यक्ष बसंत बाबू शर्मा, भरत सिंह राणा व रमेश चौहान आदि का क हना है कि दशकों पहले ऊर्जा निगम ने क्षेत्र में विद्युत लाइन बिछाई थी। जो समय के साथ जर्जर हो चुकी है। 

    जंगल व पेड़ों के बीच से गुजर रही पुरानी हाईटेंशन लाइन से किसी अनहोनी का खतरा है। लोग काफी समय से कंडम हो चुकी पुरानी विद्युत लाइन को बदलने की मांग करते आ रहे हैं पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। मौसम खराब होने व आंधी चलने से पेड़ की टहनियों से लटकी विद्युत तारें टूटकर जमीन पर गिर जाती है। जिससे क्षेत्र में घंटों बिजली बाधित रहती है। 

    यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में 51 हजार विद्युत मीटर खराब, अब बदलने की तैयारी

    दूरस्थ इलाकों में कई बार हाईटेंशन लाइन टूटने से बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने में दो से तीन दिन का समय लगता है। वहीं, एसडीओ ऊर्जा निगम चकराता अशोक कुमार ने कहा क्षेत्र में जहां भी पुरानी व जर्जर लाइन है उसे बदलने के लिए संबंधित जेई से प्रस्ताव भेजने को कहा गया है। इसके अलावा पेड़ों के बीच से गुजर रही हाईटेंशन की सुरक्षा को नए सिरे से सर्वे कराया जाएगा। जिससे बिजली व्यवस्था बेहतर बनाने को आगे की कार्रवाई की जा सके।

    यह भी पढ़ें: विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम में नही होगा पावर कट, सब स्टेशन बनाने की तैयारी