उत्तराखंड में 51 हजार विद्युत मीटर खराब, अब बदलने की तैयारी
प्रदेश में इन दिनों 51 हजार से अधिक घरों में लगे विद्युत मीटर तकनीकी खराबी के कारण बंद पड़े हैं। इसमें आधे से अधिक मीटर तो पिछले तीन महीने से अधिक समय से बंद हैं।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में इन दिनों 51 हजार से अधिक घरों में लगे विद्युत मीटर तकनीकी खराबी के कारण बंद पड़े हैं। इसमें आधे से अधिक मीटर तो पिछले तीन महीने से अधिक समय से बंद हैं। ऐसे में उत्तराखंड पावर कार्पोशन की टेंशन बढ़ गई है।
लॉकडाउन-3 में विद्युत मीटरों की रीडिंग की मिली छूट के बाद जब मीटर रीडरों ने घर-घर जाकर बिल बनाना शुरू किया तो यह स्थिति सामने आई। अब निगम इन मीटरों को बदलने की तैयारी कर रहा है। ऊर्जा निगम की ओर से जून में करीब 12 लाख 74 हजार 270 घरेलू विद्युत कनेक्शनों को मई महीने का बिल जारी किया गया।
इसमें नौ लाख पांच हजार 120 को मीटर रीडिंग के आधार पर बिल जारी हुए। दो लाख 64 हजार 805 को नान रीडिंग यानी एनआर में औसत बिल भेजे गए। वहीं, 36 हजार 722 घर मीटर रीडर को बंद मिले।
इसके साथ ही जो सबसे परेशान करने वाली बात यह है कि इस दौरान 51 हजार 533 विद्युत मीटर खराब मिले। इसमें से आधे से अधिक मीटर लॉकडाउन लगने के पहले से खराब थे। निगम की ओर से इन उपभोक्ताओं को पिछले महीनों के विद्युत बिल के औसत के हिसाब से बिल भेजा है।
डिवीजनों से मांगी रिपोर्ट
ऊर्जा निगम ने राज्य के सभी डिवीजनों से खराब विद्युत मीटरों, उन्हें बदलने के लिए उपलब्ध मीटर और बदलने में हो रही देरी के संबंध में जानकारी मांगी है। निगम की मानें तो एल एंड टी, जीनस और सिक्योर समेत चार कंपनियां निगम को मीटर की आपूर्ति करती हैं।
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मीटरों के पर्याप्त स्टॉक का दावा
उत्तराखंड पावर कार्पोरेशन लिमिटेड के प्रवक्ता एके सिंह के मुताबिक, मौजूदा समय में विद्युत मीटरों का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है। खराब विद्युत मीटरों को बदलने की कार्रवाई युद्धस्तर पर चल रही है। निगम के पास विद्युत मीटर पर्याप्त संख्या में मौजूद हैं।
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