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वैक्सीन ने किया बचाव, सामान्य स्थिति में मरीज; वैक्सीन से मरीज को कोरोना से लड़ने में मिलती है मदद

कोरोना संक्रमित आइएफएस अधिकारियों और तिब्बती कालोनी के लोग को कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक लग चुकी हैं। ऐसे में इन सभी की स्थिति सामान्य है। अभी तक किसी को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत भी नहीं पड़ी है।

By Sumit KumarEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 04:29 PM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 06:21 PM (IST)
वैक्सीन ने किया बचाव, सामान्य स्थिति में मरीज; वैक्सीन से मरीज को कोरोना से लड़ने में मिलती है मदद
कोरोना संक्रमित आइएफएस अधिकारियों और तिब्बती कालोनी के लोग को कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक लग चुकी हैं।

जागरण संवाददाता, देहरादून: कोरोना संक्रमित आइएफएस अधिकारियों और तिब्बती कालोनी के लोग को कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक लग चुकी हैं। ऐसे में इन सभी की स्थिति सामान्य है। अभी तक किसी को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत भी नहीं पड़ी है। चिकित्सकों की सलाह है कि कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन की दोनों खुराक जरूर लें। जिला सर्विलांस अधिकारी डा. राजीव दीक्षित ने बताया कि कोरोना संक्रमित मिले सभी मरीजों की हिस्ट्री जांची गई है।

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पता लगा है कि इन सभी को वैक्सीन की दोनों खुराक लग चुकी हैं। उनका कहना है कि वैक्सीन लगने के बाद भी व्यक्ति संक्रमित हो सकता है, लेकिन जोखिम कम रहता है। वैक्सीन से मरीज को कोरोना से लडऩे में मदद मिलती है। ऐसे मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत कम पड़ रही है। अगर अस्पताल में भर्ती कराना भी पड़ा तो आइसीयू या वेंटिलेटर पर जाने की दर बहुत ही कम है। उनका कहना है कि वैक्सीन लगे व्यक्ति को कोरोना से खतरा निश्चित तौर पर कम रहेगा। चिंता इस बात की है कि बुजुर्गों, गंभीर बीमारी से ग्रसित लोग और बच्चे, जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी है, उनके लिए जोखिम बढ़ सकता है। इसके अलावा मास्क जरूर लगाएं और भीड़भाड़ से बचें।

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दून अस्पताल प्रशासन अलर्ट

कोरोना संक्रमितों की संख्या बढऩे से दून मेडिकल कालेज अस्पताल प्रशासन भी सतर्क हो गया है। बता दें, कोरोना का पहला मामला दून में ही सामने आया था। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी का प्रशिक्षु आइएफएस संक्रमित मिला था। इसके बाद मामले लगातार बढ़ते रहे। ऐसे में अस्पताल को कोविड अस्पताल में तब्दील किया गया था। चिकित्सा अधीक्षक डा. केसी पंत ने बताया कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। अगर एक साथ अधिक मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होती है तो इसके लिए भी अस्पताल तैयार है।

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