Uttarkashi: तीन दिन से दर-दर भटक रही कोमल, सबसे पूछ रही एक ही बात- 'कोई तो बता दे... मेरे शुभम कहां हैं'
उत्तरकाशी में कोमल नेगी नामक महिला अपने पति शुभम नेगी को खोजने के लिए तीन दिनों से भटक रही है। 2024 में शादी के बाद दंपति धराली में शुभम के होटल में नई जिंदगी शुरू करने की योजना बना रहे थे लेकिन खीर गंगा में आई बाढ़ में होटल बह गया। तब से शुभम लापता है। कोमल जिला अस्पताल कलेक्ट्रेट और राहत शिविरों में शुभम की तलाश कर रही है।

जागरण टीम, गढ़वाल। आपदा के बाद से हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल है, लेकिन कुछ चेहरे ऐसे भी हैं, जिनको आंखों में प्रश्न है कि उनके अपने लौटकर कब आएंगे। ऐसी ही कहानी है कोमल नेगी की, जो बीते तीन दिन से पति शुभम नेगी की तलाश में दर-दर भटक रही है।
शुभम और कोमल का विवाह वर्ष 2024 में हुआ था। धराली में शुभम का पुश्तैनी घर है और साथ ही एक होटल भी। खीर गंगा के सैलाब में शुभम का होटल भी समा गया। तब से अब तक न ते शुभम का कोई पाता है।
कोमल जिला अस्पताल से लेकर कलेक्ट्रेट, कंट्रोल रूम और मातली हेलीपेड से लेकर राहत शिविरों तक के चक्कर काट रही है। जो भी मिलता है, उससे यही पूछती है कि प्लीज आपको मेरे पति शुभम के बारे में कुछ पता चले तो बताना।
सुरेंद्र का कहीं अता-पता नहीं
गुमशुदा लोगों में गणेशपुर निवासी सुरेंद्र राणा का नाम भी शामिल है। सुरेंद्र पराली में खच्चर चलाने को काम करते थे। बलवीर सिंह रामा कहते हैं कि उनके बहनोई सुरेंद्र की अब तक कोई जानकारी नहीं मिली है। मंगलवार सुबह 11 बजे उनकी सुरेंद में अंतिम बार बात हुई थी। इसके बाद से फोन बंद है।
भटक रहे श्रमिक, कहीं से राहतभरा जवाब नहीं
फंसे लोगों से उनके स्वजन का संपर्क भी नहीं हो रहा है। स्वजन उत्तरकाशी के कंट्रोल रूम से लेकर हेलीपैड और जिला अस्पताल तक भटक रहे हैं। इनमें पटना (धार) निवासी सांवा देवी कहती है कि मेरे पति व्यास साहनी होटल बनाने का काम करते हैं। जब त्रासदी आई, तब उन्होंने फोन पर कहा कि धराली में बहुत बड़ी घटना हुई है। हम वहां देखने जा रहे हैं। उनके साथ पाण, राभू, प्रेम साहनी, श्रीराम, कृष्ण गुड्डू आदि भी थे।
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