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    Uttarkashi Cloudburst: राहत बचाव कार्यों को झोंकी गई चौतरफा ताकत, हेली सेवाएं बनीं उम्मीद

    Updated: Wed, 06 Aug 2025 08:22 PM (IST)

    उत्तरकाशी के धराली में आपदा के बाद राहत कार्य जारी है। सेना एनडीआरएफ और एसडीआरएफ बचाव में जुटे हैं। हेलीकॉप्टर से बचाव कार्य किया जा रहा है जिससे कई लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। खराब मौसम और सड़क बाधित होने से बचाव कार्य में बाधा आ रही है। राहत सामग्री वितरित की जा रही है और लापता लोगों की तलाश जारी है।

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    मौसम की चुनौतियों के बीच हेली रेस्क्यू बना उम्मीद की किरण.

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। उतरकाशी के धराली में मौसम की चुनौतियों के बीच सरकार ने राहत बचाव कार्यों के लिए चौतरफा ताकत झोंक दी है। सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत तमाम एजेंसियां राहत व बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। वहीं हेलीकाप्टर भी आपदा राहत एवं बचाव अभियान में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

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    उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के हेलीकाप्टरों ने मुख्यमंत्री को ग्राउंड जीरो तक पहुंचाने के अलावा ही जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमों को घटनास्थल तक पहुंचाया साथ ही इन हेलीकाप्टरों द्वारा सेना के एक लेफ्टिनेंट कर्नल समेत 10 जवानों को थराली से रेस्क्यू किया। सेना के दो घायलों को भी हेलीकाप्टर की मदद से ही हायर सेंटर भेजा गया है।

    वहीं, धराली में भारतीय सेना, आइटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ समेत अन्य एजेंसियां प्रभावितों को क्षेत्र से बाहर निकाल रही हैं। साथ ही धराली गांव के ध्वस्त हुए घरों व मलबों में लापता व्यक्तियों की तलाश जारी है। यद्यपि, मौसम खराब होने व रास्ता खराब होने के कारण इस समय छह सौ से अधिक राहत कर्मी अभी रास्तों में ही फंसे हुए हैं।

    धराली में बीते रोज आई आपदा के बाद से ही मशीनरी सक्रिय हो गई थी। पहले दिन धराली के आसपास के इलाकों में तैनात सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस एवं अन्य एजेंसियों ने राहत बचाव कार्य शुरू कर दिया था। सुबह जब थोड़ा मौसम खुला तो एजेंसियों ने राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया था। इसके साथ ही यूकाडा द्वारा तैनात किए गए हेली ने कुल सात फेरे लिए।

    वहीं, धराली में मलबा साफ करने के साथ ही लापता व्यक्तियों की खोज जारी थी। दोपहर तक 150 से अधिक व्यक्तियों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया था। यहां, राहत सामग्री भी वितरित की गई। हालांकि, धराली तक पहुंचने वाले मार्ग के जगह-जगह प्रभावित होने के कारण राहत एवं बचाव दलों को सड़क मार्ग से घटनास्थल तक पहुंचने में खासी परेशानी हो रही है।

    भटवाड़ी में बंद सड़क को खोलने का कार्य चल रही हे। हर्षिल व पापडग़ाड़ में मार्ग बंद है। उत्तरकाशी तक की सड़क खुली हुई है। गंगनानी तथा लिंचा पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। यहां बैलीब्रिज बनाने का कार्य चल रहा है। यहां सड़क खोलने का कार्य सीमा सुरक्षा बल (बीआरओ) कर रहा है। लोक निर्माण विभाग ने भी इसमें पूरा सहयोग देते हुए उत्तरकाशी से पौकलैंड, ट्रेलर व अन्य मशीनरी उपलब्ध कराई। ऋषिकेश से भी पोकलैंड व अन्य मशीनों को भेजा गया।

    खराब मौसम के कारण लैंड नहीं कर पाया एमआई-17

    केंद्र सरकार ने आपदा राहत एवं बचाव कार्यों के लिए वायु सेना के जरिये चंडीगढ़, सरसावा व आगरा से दो चिनूक हेलीकाप्टर, व दो एमआई-17 हेलीकाप्टर तैनात करने को कहा था। इनमें से दो चिनूक और सेना के तीन पांच एएन-32 हेलीकाप्टर जौलीग्रांट पहुंच चुके हैं। वहीं, एमआई-17 हेलीकाप्टर खराब मौसम के कारण लैंड नहीं कर पाया और उसे वापस सरसावा बेस लौटना पड़ा। गुरुवार को मौसम साफ होते ही एमआइ्र-17 की लैंडिंग के प्रयास किए जाएंगे।

    राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में बनी रेस्क्यू अभियान की रणनीति

    बुधवार को सचिवालय में प्रभारी मुख्य सचिव का पदभार देख रहे प्रमुख सचिव आरके सुधांशु की अध्यक्षता में राहत एवं बचाव कार्यों को लेकर रणनीति बनाई गई।

    बैठक में सड़कों को खोलने के लिए बीआरओ तथा लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की गई और सभी विकल्पों पर विचार किया गया। खराब मौसम के बीच हेली सेवाओं का प्रयोग किस प्रकार किया जाए और मार्ग बाधित होने के कारण उत्पन्न चुनौतियों के बीच उपकरणों व बचाव दलों को आगे बढ़ाने के विषय पर भी चर्चा हुई।

    आपदा राहत, बचाव व खोज में लगे दल

    - राजपूताना रायफल्स के 150 जवान तथा घातक बटालियन के 12 जवान ग्राउंड जीरो में मौजूद

    - आइटीबीपी के अधिकारी, डाक्टर व जवान समेत 100 कार्मिक राहत, बचाव कार्यों में जुटे।

    - ग्राउंड जीरो में एसडीआरएफ के छह जवान तैनात

    - सेना के 40 जवान नेलांग से पैदल रवाना। 50 जवानों की मेडिकल टीम टेकला तक पहुंची।

    - आइटीबीपी के 130 अतिरिक्त जवान घटनास्थल के लिए रवाना

    - एसडीआरएफ के 10 जवान सेटेलाइट फोन के साथ पहुंचे भटवाड़ी। सात जवान सेटेलाइट फोन के साथ गंगोत्री में मौजूद।

    - एसडीआरएफ की छह डाग स्क्वाड टीमें उजैली पहुंची।

    - एनडीआरएफ के 64 जवान पापडग़ाड़ में फंसे, 15 आगे बड़े। दो टीमें जौलीग्रांट में स्टैंडबाई में।

    - गंगोत्री फायर सर्विस यूनिट के चार जवाबन मौके पर मौजूद। तीन टीमें उत्तरकाशी में तैनात।

    - स्वास्थ्य विभाग के 26 विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम रास्ते में फंसी। दून जिला चिकित्सालय, दून मेडिकल कालेज और एम्स मेडिकल कालेज ऋषिकेश में बैड किए गए आरक्षित।