टिन शेड में रहने को मजबूर सीनियर महिला टीम की कप्तान अंजू तोमर, अब घर मुहैया कराएगी सीएयू
उत्तराखंड की सीनियर महिला टीम की कप्तान अंजू तोमर परिवार समेत टिन शेड में रहने को मजबूर हैं। वजह है उनकी खराब आर्थिक स्थिति। अब क्रिकेट एसोसिएशन आफ उत्तराखंड (सीएयू) ने अंजू की मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं।

जागरण संवाददाता, देहरादून। इस सत्र में विपक्षी गेंदबाजों के पसीने छुड़ाने वाली उत्तराखंड की सीनियर महिला टीम की कप्तान अंजू तोमर परिवार समेत टिन शेड में रहने को मजबूर हैं। वजह है उनकी खराब आर्थिक स्थिति। अब क्रिकेट एसोसिएशन आफ उत्तराखंड (सीएयू) ने अंजू की मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं। अंजू और उनके परिवार को रहने के लिए सीएयू मकान उपलब्ध कराने जा रही है।
सीएयू के सचिव महिम वर्मा ने बताया कि एसोसिएशन के सदस्यों ने अंजू की आर्थिक स्थिति के बारे में उन्हें अवगत कराया है। एसोसिएशन ने फैसला किया है कि अंजू व उनके परिवार के रहने के लिए किराये पर एक मकान की व्यवस्था की जाएगी। इसका खर्च सीएयू वहन करेगी। सर्वे चौक के आसपास क्षेत्र में मकान की तलाश की जा रही है।
सीनियर वनडे ट्राफी में शानदार प्रदर्शन
मूल रूप से चकराता निवासी अंजू के पिता सर्वे आफ इंडिया में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। अंजू का परिवार देहरादून के जैैंतनवाला में टिन शेड वाले पैतृक मकान में रहता है। अंजू ने इस वर्ष सीनियर महिला वनडे ट्राफी में शानदार बल्लेबाजी करते हुए पांच मैच में 283 रन बनाए। वह लीग मैच में सबसे अधिक रन बनाने वाली खिलाड़ी भी रहीं।
दून में करें आइएएस-पीसीएस की तैयारी
आइएएस और पीसीएस की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं को अब बड़े शहरों की दौड़ लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एसएसएम शारदा एजुकेशन के संस्थापक अभिषेक अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एक अनुभवी शिक्षकों की टीम का चयन किया है। जो खुद उनके नेतृत्व में एडवांस लेवल तक की शिक्षा में छात्रों का मार्गदर्शन करेगी। अभिषेक ने बताया कि एसएसएम शारदा एजुकेशन आइएएस, पीसीएस की तैयारी कर रहे छात्रों में सकारात्मक अध्ययन, नैतिकता पैदा करता है, ताकि वह यूपीएससी की तैयारी के किसी भी स्तर पर निराश महसूस न करें।
अब छात्र-छात्राओं को अपने ही राज्य में यूपीएससी की तैयारी कराई जाएगी। जिससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्र-छात्राओं को काफी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सिविल सेवा में सर्वोत्तम का चयन किया जाता है। ऐसे में संस्थान में उम्मीदवार की व्यक्तिगत विशेषताओं जैसे परिश्रम की क्षमता, दृढ़ता, संचार कौशल, स्मृति की शक्ति, एकाग्रता, ध्यान, योजना, लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्धता आदि को भी तराशा जाता है।

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