उत्तराखंड: 11 फरवरी को भंग हो जाएंगे कैंट बोर्ड, रक्षा मंत्रालय ने जारी किया आदेश
उत्तराखंड के नौ कैंट बोर्ड सहित देशभर की 56 छावनी परिषद का कार्यकाल 11 फरवरी को समाप्त हो जाएगा। कैंट बोर्ड भंग करने का रक्षा मंत्रालय ने आदेश जारी कर दिया। बता दें देश के 56 छावनी परिषद में छह साल पहले चुनाव के बाद बोर्ड का गठन हुआ था।

जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड के नौ कैंट बोर्ड सहित देशभर की 56 छावनी परिषद का कार्यकाल 11 फरवरी को समाप्त हो जाएगा। कैंट बोर्ड भंग करने का रक्षा मंत्रालय ने आदेश जारी कर दिया है। बता दें कि देश के 56 छावनी परिषद में छह साल पहले चुनाव के बाद बोर्ड का गठन हुआ था। पांच वर्ष पूरे होने पर इन्हें छह महीने का एक्सटेंशन दिया गया। छह माह बाद दूसरा एक्सटेंशन दिया गया। यह अवधि 10 फरवरी को पूरी होना जा रही है।
छावनी अधिनियम के तहत बोर्ड को दो बार ही बढ़ाया जा सकता है। ऐसे में अब 10 फरवरी को देशभर के 56 कैंट बोर्ड में चुने गए बोर्ड भंग हो जाएंगे। उत्तराखंड में नौ कैंट बोर्ड हैं, जिनमें देहरादून में चार गढ़ी कैंट, क्लेमेनटाउन कैंट, चकराता और लंढौर के अलावा रुड़की, लैंसडोन, नैनीताल, रानीखेत और अल्मोड़ा शामिल हैं।
क्लेमेनटाउन छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी अभिषेक राठौर ने इस संबंध में आदेश जारी होने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस स्टेट्स से एडिशनल डीजी कैंट दमन सिंह ने आदेश जारी किया है। बोर्ड भंग होने के बाद छावनी परिषद के निर्वाचित सभासदों व उपाध्यक्षों की शक्तियां खत्म हो जाएंगी और नए बोर्ड के गठन के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू होगी।
माना जा रहा है कि मई या जून में कैंट बोर्ड के चुनाव हो सकते हैं। हालांकि यह तय नहीं है कि छावनी परिषदों के आगामी चुनाव कैंट एक्ट-2006 के अनुसार होते हैं या फिर संशोधित कैंट एक्ट-2020 के अनुसार। रक्षा मंत्रालय इस पर जल्द ही निर्णय लेगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।