Cantt Board Meeting: कैंट बोर्डों का विलय संभव, दून में मिलीजुली राय
एक साल के एक्सटेंशन के बाद देश के 62 कैंट बोर्डों का कार्यकाल 10 फरवरी को समाप्त हो रहा है। इस बीच केंद्र सरकार इस प्रस्ताव पर तेजी से काम कर रही कि सभी कैंट बोर्डों को संबंधित नगर निकायों जैसे-नगर निगम या नगर पालिका में मर्ज कर दिया जाए।

जागरण संवाददाता, देहरादून। एक साल के एक्सटेंशन के बाद देश के 62 कैंट बोर्डों का कार्यकाल 10 फरवरी को समाप्त हो रहा है। इस बीच केंद्र सरकार इस प्रस्ताव पर तेजी से काम कर रही है कि सभी कैंट बोर्डों को संबंधित नगर निकायों जैसे-नगर निगम या नगर पालिका में मर्ज कर दिया जाए। क्लेमेनटाउन कैंट बोर्ड की बैठक में भी इस प्रस्ताव पर चर्चा हुई और इसका मिलाजुला असर दिखा। स्पष्ट है कि अब केंद्र सरकार इस दिशा में कभी भी बड़ा निर्णय ले सकती है।
शनिवार को हुई बोर्ड बैठक में अध्यक्ष ब्रिगेडियर रवि डिमरी ने इस पर राय मांगी कि कैंट बोर्ड को नगर निगम में मर्ज किया जाना चाहिए या यथावत रखा जाना चाहिए। पूर्व उपाध्यक्ष सुनील कुमार समेत सभासद रामकिशन यादव, टेक बहादुर, शाइना अख्तर ने कहा कि सिविल क्षेत्रों के विकास के लिए कैंट बोर्ड को नगर निगम का हिस्सा बनाना उचित होगा। वहीं, मौजूदा उपाध्यक्ष भूपेंद्र कंडारी समेत मो. तासीन अली, बीना नौटियाल ने कहा कि कैंट बोर्डों को यथावत रखना सही होगा। अध्यक्ष ब्रिगेडियर डिमरी ने कहा कि बोर्ड सदस्यों के सुझाव से रक्षा मंत्रालय को लिखित में अवगत करा दिया जाएगा। इसके अलावा बोर्ड बैठक में बोर्ड चिकित्सालय को आधुनिक सुविधाओं के विकास के लिए पीपीडी मोड में दिए जाने का प्रस्ताव पास किया गया। साथ ही 40 आवासीय मानचित्र भी मुहर लगाई गई।
बैठक में उपाध्यक्ष कंडारी ने इस बात का विरोध किया कि वायु सेना ने पोस्ट ऑफिस मार्ग को पैदल यात्रियों के लिए प्रतिबंधित किया है। उन्होंने मांग उठाई कि लॉकडाउन से पहले की स्थिति बहाल की जाए। बैठक में बोर्ड के सीईओ अभिषेक राठौर, कर्नल आशीष प्रसाद, कर्नल अजय सिंह, कर्नल नवीन मिश्रा, कर्नल रंचित श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।
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