उत्तराखंड के बाबी का भारतीय जूनियर हाकी टीम में चयन, वर्ल्ड कप में खेलते आएंगे नजर
बाबी सिंह धामी का चयन भारतीय जूनियर हाकी टीम में हुआ है। आगामी जूनियर हाकी विश्व कप में बाबी सिंह भारतीय टीम में खेलते नजर आएंगे। जूनियर हाकी वर्ल्ड कप का आयोजन 24 नवंबर से पांच दिसंबर तक भुवनेश्वर में होना है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कालेज के पूर्व छात्र बाबी सिंह धामी का चयन भारतीय जूनियर हाकी टीम में हुआ है। आगामी जूनियर हाकी विश्व कप में बाबी सिंह भारतीय टीम में खेलते नजर आएंगे। जूनियर हाकी वर्ल्ड कप का आयोजन 24 नवंबर से पांच दिसंबर तक भुवनेश्वर में होना है।
महाराणा प्रताप स्पोट्र्स कालेज के प्रधानाचार्य राजेश कुमार ममगाईं ने बताया कि बाबी सिंह धामी मूल रूप से पिथौरागढ़ के कत्यानी गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने वर्ष 2012 में महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कालेज में कक्षा छह में दाखिला लिया था। स्पोट्र्स कालेज के हाकी प्रशिक्षक सुरेश बौठियाल व पंकज रावत ने बाबी सिंह को हाकी की बारीकियां सिखाई। उन्होंने बताया कि कक्षा 12 में पढ़ाई के दौरान बाबी का चयन भारतीय खेल प्राधिकरण सोनीपत में हो गया था। इसके बाद उनका चयन जूनियर राष्ट्रीय हाकी प्रशिक्षण शिविर के लिए हुआ।
क्विज में ग्लोरियल इंटर कालेज डीडीहाट के छात्र अव्वल
राजीव गांधी नवोदय विद्यालय स्थित वर्चुअल स्टूडियो से राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में राज्य स्तरीय सामान्य ज्ञान क्विज का आयोजन किया गया, जिसमें ग्लोरियल इंटर कालेज डीडीहाट के छात्र दिव्यम जोशी, कमल उपाध्याय व अनुश्री पोखरिया प्रथम स्थान पर रहे। राजकीय इंटर कालेज बागेश्वर के भाष्कर अंठोला, नरेंद्र असवाल व आयुष को दूसरा स्थान मिला। वहीं, राजकीय इंटर कालेज चौरा हवालबाग के अविरल जोशी, शुभम बिष्ट व दीपक सिंह बिष्ट को तीसरा स्थान मिला।
प्रतियोगिता का उद्घाटन शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने किया। उन्होंने कहा कि बच्चे साहस के साथ हर चुनौती का सामना करने को तैयार रहें। कोरोनाकाल में दूरस्थ क्षेत्रों के छात्रों को वर्चुअल लैब के माध्यम से इस आयोजन से जोडऩा सराहनीय पहल है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट में उत्तराखंड को शिक्षा में देशभर में चतुर्थ स्थान मिला है। भविष्य में इसे प्रथम स्थान पर लाने का संकल्प हमें लेना होगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी ने बच्चों को पढ़ाई के साथ प्रतियोगी परीक्षणों के लिए भी तैयार रहने को कहा।
उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षणों के लिए इस प्रकार की क्विज बहुत उपयोगी है। मुख्य प्रतियोगिता में बहुविकल्पीय प्रश्न, विजुअल राउंड, रैपिड फायर राउंड, स्पीच राउंड व वीडियो राउंड के जरिए प्रतिभागियों के ज्ञान को परखा गया। यह आयोजन मुख्य संयोजक मुख्य शिक्षाधिकारी डा. मुकुल सती के निर्देशन में संपन्न हुआ। इस दौरान प्राथमिक शिक्षा निदेशक रामकृष्ण उनियाल, संयुक्त निदेशक भूपेंद्र सिंह नेगी, क्विज के राज्य समन्वयक देवानंद देवली उपस्थित रहे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।