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जियोस्पैटियल पोर्टल से जुड़ेगा उत्तराखंड, इससे आपातकालीन स्थिति में मिलेगी राहत

उत्‍तराखंड भी नेशनल डेटाबेस फॉर इमरजेंसी मैनेजमेंट के जियोस्पैटियल पोर्टल से जुड़ेगा। इससे आपातकालीन स्थिति में कम समय में आमजन को राहत मिल सकेगी।

By Edited By: Published: Thu, 12 Jul 2018 03:01 AM (IST)Updated: Fri, 13 Jul 2018 05:18 PM (IST)
जियोस्पैटियल पोर्टल से जुड़ेगा उत्तराखंड, इससे आपातकालीन स्थिति में मिलेगी राहत
जियोस्पैटियल पोर्टल से जुड़ेगा उत्तराखंड, इससे आपातकालीन स्थिति में मिलेगी राहत

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: आपदा की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड के लिए राहतभरी खबर। नेशनल डेटाबेस फॉर इमरजेंसी मैनेजमेंट के जियोस्पैटियल पोर्टल से राज्य भी जुड़ेगा। इससे आपातकालीन स्थिति में कम समय में आमजन को राहत मिल सकेगी।

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उत्तराखंड स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी, आपदा न्यूनीकरण प्रबंधन केंद्र और इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गनाइजेशन की ओर से बुधवार को यहां आयोजित कार्यशाला में इस पोर्टल की कार्यप्रणाली के बारे में अधिकारियों को जानकारी दी गई।

कहा कि इस पोर्टल के जरिए सरकार और अधिकारियों को आपदा से पूर्व व आपदा के बाद अहम निर्णय लेने में भी मदद मिलेगी। सचिवालय में आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञ डॉ.के रमा मोहन राओ ने बताया कि इस पोर्टल की मदद से प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही डीएम, सरपंच, ग्राम पंचायत, तहसील व ब्लाक स्तर के अधिकारी, आपदा प्रबंधन, सेना से जुड़े लोग विभिन्न जानकारियां हासिल कर सकेंगे।

मसलन, आपदा के समय कहां लोग फंसे हैं, नजदीकी अस्पताल कौन सा है, कौन सी फोर्स मदद के लिए पहुंच सकती है, कौन से मार्गों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा जा सकता है, ऐसी जानकारी उन्हें बचाव एवं राहत कार्यों में मददगार साबित होगी। यह रिस्पांस टाइम को भी कम करेगा। सचिव आपदा प्रबंधन अमित नेगी ने इस तकनीकी को महत्वपूर्ण बताते हुए पांच दिवसीय प्रशिक्षण का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि यह तकनीकी निचले स्तर तक के कार्मिकों तक पहुंचनी चाहि‍ए।

अपर सचिव आपदा प्रबंधन सविन बसंल ने बताया कि विभाग ने इंडियन इंस्टीट्यूट आफ रिमोट सेंसिंग के साथ एमओयू का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने बताया कि हरिद्वार में भी जल्द ही जीआइएस (जियो इन्फार्मेटिक्स सिस्टम) लैब की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। कार्यशाला में विभिन्न विभागों के 30 अधिकारियों ने भाग लिया।

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