Uttarakhand Budget 2021: औद्योगिक विकास से बनेगा 'आत्मनिर्भर उत्तराखंड'
सरकार सूबे में औद्योगिक विकास से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ाने की योजना पर कार्य कर रही है बल्कि उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी ठोस कदम बढ़ा रही है। इसके लिए सरकार का सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यमिता (एमएसएमई सेक्टर) पर विशेष ध्यान है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। सरकार सूबे में औद्योगिक विकास से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ाने की योजना पर कार्य कर रही है, बल्कि उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी ठोस कदम बढ़ा रही है। इसके लिए सरकार का सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमिता (एमएसएमई सेक्टर) पर विशेष ध्यान है। प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर में तीन साल के भीतर ही 3,241 करोड़ का निवेश हो चुका है। इन उद्योगों में 78778 को रोजगार मिला हुआ है।
गुरुवार को गैरसैंण में बजट प्रस्तुत करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि वर्ष 2018 में सरकार की ओर से अंतरराष्ट्रीय निवेश मेला आयोजित किए जाने के बाद उत्तराखंड में 507 उद्योग स्थापित किए जा चुके हैं। इनमें 25 हजार करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। साथ ही इन उद्योगों से 62428 व्यक्तियों को रोजगार मिला है। इसके अलावा हरिद्वार में 96 एकड़ भूमि पर मेडिकल डिवाइसेस पार्क, काशीपुर में 41 एकड़ भूमि पर एरोमा पार्क और सेलाकुई के समीप 75 एकड़ भूमि पर फार्मा सिटी की स्थापना की जा रही है।
प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण क्लस्टर योजना भी लागू की गई है। इसके लिए काशीपुर में 102 एकड़ भूमि पर एकीकृत औद्योगिक संस्थान स्थापित किया जा रहा है। उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रोत्साहन योजना लागू की जा रही है। साथ ही प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए सरकार 132 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि एमएसएमई के लिए लागू इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत राज्य के 39817 खाताधारकों को 1,407 करोड़ रुपये वितरण किया जा चुका है।
इन योजनाओं पर सरकार का फोकस
स्टार्टअप, सूचना, संचार, प्रौद्योगिकी व इलेक्ट्रॉनिक नीति, पर्यटन, आयुष, सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण नीति, एरोमा पार्क नीति, वृहद औद्योगिक पूंजी निवेश, रोजगार प्रोत्साहन नीति, जैव प्रौद्योगिकी नीति, चीड़ की पत्तियों व बायोमास से ऊर्जा उत्पादन।
बजट पर राय
इंडस्ट्री एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार का बजट संतुलित है। हालांकि, सरकार ने बजट में एमएसएमई सेक्टर के लिए किसी रियायत का प्रविधान नहीं किया है। इससे कोरोनाकाल में आर्थिक घाटा झेल रहे उद्योगों को पटरी पर लाने के लिए उद्यमियों को दिक्कतों का सामना आगे भी करना पड़ेगा।
इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन उत्तराखंड के अध्यक्ष राकेश भाटिया कहते हैं कि बजट में उद्यमियों के लिए बहुत बड़ी राहत जैसी कोई बात नहीं है। अन्य सेक्टरों के साथ औद्योगिक विकास को भी गतिमान करने की व्यवस्था की गई है। नए उद्यमियों को आकर्षित करने की योजना बनाई जानी चाहिए थी। एमएसएमई सेक्टर कोरोना के प्रभाव से अभी उबरा नहीं है।
फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री उत्तराखंड के संरक्षक अनिल मारवाह का कहना है कि फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री कोरोनाकाल से पहले से घाटे में चल रहे हैं। कोरोनाकाल में कई उद्योग बंद हो गए। जीएसटी से भी उद्योगों पर भार बढ़ा है। राज्य सरकार को फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के उत्थान के लिए कुछ उपाय करने चाहिए थे।
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