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Uttarakhand Budget 2021 Update: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 57400.32 करोड़ का कर मुक्त बजट किया पेश, जानिए क्‍या है नई घोषणाएं

Uttarakhand Budget Session 2021 मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को विधानसभा में वर्ष 2021-22 के लिए 57400.32 करोड़ का कर मुक्त और राजस्व सरप्लस बजट पेश किया। सरकार ने विकास कार्यों खासतौर पर सड़कों व पुलों के निर्माण व रखरखाव को बजट पोटली खोल दी है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 09:02 AM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 11:00 PM (IST)
Uttarakhand Budget 2021 Update: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने  57400.32 करोड़ का कर मुक्त बजट किया पेश, जानिए क्‍या है नई घोषणाएं
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विधानसभा में57400.32 करोड़ का कर मुक्त और राजस्व सरप्लस बजट पेश किया।

राज्य ब्यूरो, गैरसैंण: Uttarakhand Budget Session 2021 मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को विधानसभा में वर्ष 2021-22 के लिए 57400.32 करोड़ का कर मुक्त और राजस्व सरप्लस बजट पेश किया। सरकार ने विकास कार्यों, खासतौर पर सड़कों व पुलों के निर्माण व रखरखाव को बजट पोटली खोल दी है। लोक निर्माण कार्यों के लिए 2369 करोड़ बजट रखा गया है। कक्षा एक से आठवीं तक सभी विद्यार्थियों को मुफ्त जूता और स्कूल बैक देने की घोषणा की गई है। शहरी क्षेत्र में हर घर में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट सर्व समावेशी है। इसमें किसानों, युवाओं, महिलाओं, गरीबों व वंचितों समेत तमाम तबकों का ख्याल रखा गया है। 

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विधानसभा बजट सत्र के चौथे दिन गुरुवार शाम चार बजे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बतौर वित्त मंत्री दूसरा बजट पेश किया। प्रदेश की भाजपा सरकार का यह पांचवां बजट है। गैरसैंण में पेश किया गया यह तीसरा बजट है। वर्ष 2021-22 के लिए कुल 57400.32 करोड़ के बजट में कुल प्राप्तियां 57024.22 करोड़ रहने का अनुमान है। नए बजट में समेकित निधि का घाटा पूरा करने के लिए 650 करोड़ रुपये लोक लेखा से समायोजित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि नए बजट में कोई राजस्व घाटा अनुमानित नहीं है। 114.93 करोड़ का राजस्व सरप्लस रहने का अनुमान है। 

बजट में किसानों पर विशेष फोकस करते हुए 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का संकल्प दोहराया गया है। इसके लिए परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत 87.56 करोड़ रुपये रखे गए हैं। साथ में गन्ना मूल्य के भुगतान के लिए भी 245 करोड़ की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना में 20 करोड़ व एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना में 12 करोड़ का प्रविधान है। प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना के लिए बजट में 25 करोड़ दिए गए हैं। दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के लिए 47 करोड़ दिए गए हैं। 

पेयजल योजनाओं को बड़ी धनराशि

पेयजल व सिंचाई योजनाओं को खासी तवज्जो मिली है। जमरानी परियोजना के लिए 240 करोड़ व सौंग पेयजल योजना के लिए 150 करोड़ रुपये बजट में रखे गए हैं। जल जीवन मिशन-ग्र्रामीण के लिए 667.76 करोड़, पेरी अर्बन योजना के लिए 380 करोड़ व नाबार्ड के तहत पेयजल योजनाओं के लिए 180 करोड़ की व्यवस्था की गई है। बजट में हरिद्वार व ऋषिकेश को पूरी तरह सीवरेज योजना के दायरे में लेने को जर्मन विकास बैंक केएफडब्ल्यू से वित्तपोषित 1200 करोड़ रुपये के प्रस्ताव पर एमओयू की जानकारी भी दी गई है। कुंभ के बाद यह कार्य प्रारंभ होगा। बजट में इसके लिए 80 करोड़ का प्रविधान किया गया है। 

बजट में पर्यावरण संरक्षण

बजट में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के लिए भी धन दिया गया है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना के तहत ठोस व तरल कूड़ा प्रबंधन को 101.31 करोड़ का प्रविधान है। पौधारोपण के लिए 50.29 करोड़ और कैंपा के तहत वन व पर्यावरण को क्षति की प्रतिपूर्ति को बजट में 295 करोड़ का बंदोबस्त किया गया है। जाइका के माध्यम से ईको-रेस्टोरेशन कार्य के लिए 110 करोड़ रखे गए हैं। 

बुनियादी ढांचे पर जोर, सड़कों के लिए खुली धन की पोटली

बुनियादी ढांचे और अवस्थापना विकास पर सरकार ने खास जोर दिया है। लोक निर्माण विभाग के तहत पूंजीगत परिसंपत्तियों के लिए 1511.29 करोड़, राज्य में मार्गों के समुचित वार्षिक रखरखाव को 385.27 करोड़ का प्रविधान है। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में मोटर मार्गों व सेतुओं के कार्य के लिए नाबार्ड पोषित योजना में 330 करोड़ रुपये रखे गए हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 954.75 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। मुजफ्फरनगर रेल लाइन निर्माण परियोजना को 70 करोड़ व उड्डयन विकास व विस्तार को 181 करोड़ खर्च किए जाएंगे। 

स्वास्थ्य सेवा को मजबूत करने की मुहिम

कोरोना संकट काल में स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने की मुहिम जारी रहेगी। इसके लिए विश्व बैंक की सहायता से चिह््िनत जिला चिकित्सालयों को क्लस्टर पद्धति के अनुसार विकसित करने को बजट में 200 करोड़ की व्यवस्था की गई है। अटल आयुष्मान योजना के संचालन को 150 करोड़ रुपये, चिकित्सा व परिवार कल्याण को 3319.63 करोड़ का प्रविधान किया गया है। 

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सामाजिक सुरक्षा पेंशन को तवज्जो

सामाजिक सुरक्षा पेंशन को सरकार ने अपनी प्राथमिकता में रखा है। इसके लिए समाज कल्याण विभाग को 1152.88 लाख रुपये का बजट दिया गया है। अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति के लिए 25.65 करोड़ रखे गए हैं। रोजगार के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 40 करोड़ की राशि दी गई है। विश्वबैंक पोषित उत्तराखंड वर्कफोर्स डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत 140 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। 

बजट के प्रमुख बिंदु: 

  • वर्ष 2021-22 के लिए 57400.32 करोड़ का बजट, कुल प्राप्तियां 57024.22 करोड़ अनुमानित, 114.93 करोड़ का राजस्व सरप्लस रहने की संभावना 
  • कुल व्यय में 44036.32 करोड़ राजस्व लेखे और 13364.01 करोड़ पूंजी लेखे का का व्यय अनुमानित
  • राजस्व आय 44151.24 करोड़, कर राजस्व 20195.43 करोड़ व करेत्तर राजस्व 23955.81 करोड़ रहने का अनुमान
  • 8984.53 करोड़ राजकोषीय घाटा, यह सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 3.23 फीसद है, राजस्व घाटे का अनुमान नहीं 
  • वेतन-भत्तों पर 16422.51 करोड़, पेंशन व अन्य सेवानिवृत्तिक लाभ पर 6400.19 करोड़ अनुमानित खर्च
  • ब्याज भुगतान पर 6052.63 करोड़ और ऋणों के भुगतान पर 4241.57 करोड़ खर्च होने का अनुमान

बजट में नई घोषणाएं: 

  • माध्यमिक शिक्षा में संसाधन जुटाने व शैक्षिक सुधार के लिए एडीबी के माध्यम से 39.70 करोड़ होंगे खर्च
  • जल जीवन मिशन के तहत शहरी क्षेत्रों में प्रत्येक घर को पानी की आपूर्ति होगी सुनिश्चित, 30.15 करोड़ की व्यवस्था
  • नलकूपों, नहरों, झीलों व बांधों के रखरखाव को 118 करोड़ रुपये, नलकूपों व नहरों के निर्माण को 150 करोड़
  • किसाऊ, लखवाड़ और त्यूणी-आराकोट जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण को 30 करोड़
  • महिला सुरक्षा को न्यायवाद के दौरान महिलाओं की आर्थिक मदद को 3.60 करोड़ 
  • प्रदेश में महिला मंगल दल व युवक मंगल दल को सहायता के लिए 15 करोड़
  • एससी-एसटी अत्याचार निवारण और जनजाति शोध संस्थान एवं संग्रहालय के संचालन को धन की व्यवस्था
  • चौखुटिया में हवाई पट्टी बनाने को 20 करोड़
  • साइंस सिटी व विज्ञान केंद्रों की स्थापना को 23.15 करोड़
  • प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के संचालन को 5.53 करोड़
  • प्रत्येक पंचायत में भवन की व्यवस्था को 20 करोड़। 

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