उत्तराखंड में आफत की बारिश, भूस्खलन से बार-बार बाधित हो रहा देहरादून-मसूरी मार्ग; नदी-नाले उफान पर
उत्तराखंड में अगले तीन दिन भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। दून में बादल फटने से नदी-नाले उफान पर आ गए। वहीं चार दर्जन से अधिक मार्गों पर आवाजाही ठप है। पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार भूस्खलन हो रहा है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। Uttarakhand Weather Update उत्तराखंड में बारिश आफत बनकर बरस रही है। देहरादून-मसूरी मार्ग भूस्खलन के चलते ग्लोगी पावर हाउस के पास बार-बार बाधित हो रहा है। यहां मलबा हटाने के लिए दो जेसीबी लगाई गई हैं। राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश का सिलसिला जारी है। वहीं, देर रात भी दून के संतला देवी मंदिर के पास खबड़ावाला में बदल फट गया। इसके अलावा आसपास के इलाकों में भी अतिवृष्टि हुई। करीब तीन घंटे हुई भारी बारिश के कारण नदी, नाले उफना गए और कई पुस्ते बह गए। घरों में पानी घुसने के साथ ही कई जगह पेड़ और विद्युत पोल गिरने की भी सूचना है।
वहीं, पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन के कारण मार्ग बार-बार बाधित हो रहे हैं। चमोली में जोशीमठ-मलारी हाईवे तमाम कोशिशों के बावजूद नहीं खुल पाया। पिछले 11 दिनों से यह मार्ग बंद है। मौसम खराब होने के कारण हेलीकाप्टर भी उड़ान नहीं भर पा रहा है। इसके अलावा कुमाऊं में भी बारिश के कारण दिक्कतें बढ़ी हुई हैं। प्रदेशभर में चार दर्जन से अधिक मार्गों पर आवाजाही ठप है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिन प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी दी है।
सीएम ने लिया अतिवृष्टि से हुए नुकसान का जायजा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में संतला देवी मंदिर के निकट खाबड़वाला गांव में अतिवृष्टि से हुए नुकसान का स्थलीय जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने स्थानीय प्रभावित लोगों से मुलाकात की और उन्हें राहत सामग्री भी वितरित की। मुख्यमंत्री ने भविष्य में इस क्षेत्र में नुकसान न हो, इसके लिए जिलाधिकारी को योजना बनाने के निर्देश दिये। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी भी उपस्थित थे।
बीन नदी उफान पर, आवाजाही बाधित
ऋषिकेश-हरिद्वार के बीच एकमात्र वैकल्पिक मार्ग बैराज-चीला मोटर मार्ग पर बीन नदी में भारी उफान आ जाने से इस मार्ग पर आवाजाही बाधित हो गई है। पुलिस ने दोनों ओर से आने जाने वाले वाहनों को डाइवर्ट करना शुरू कर दिया है।
बीती रात्रि से हो रही भारी बारिश के चलते बीन नदी में जबरदस्त उफान आ गया है। जिससे इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है। ऋषिकेश हरिद्वार के बीच यह मार्ग एक महत्वपूर्ण वैकल्पिक मार्ग है। इसके अलावा इस मार्ग से यमकेश्वर प्रखंड के डंडामंडल क्षेत्र के 62 से अधिक गांव जुड़े हुए हैं। बीन नदी में पानी बढ़ने के कारण इन गांवों का संपर्क भी राजधानी से कट गया है।
फिलहाल पुलिस ने बीन नदी में खतरे को देखते हुए ऋषिकेश से जाने वाले वाहनों को बैराज से ही डाइवर्ट करना शुरू कर दिया है। उधर, चीला में भी वाहनों को आगे बढ़ने से रोका जा रहा है। थाना प्रभारी निरीक्षक लक्ष्मणझूला प्रमोद उनियाल ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से बीन नदी में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है।
मंगलवार को चमोली में नीती घाटी के लिए हेलीकाप्टर दिनभर उड़ान नहीं भर पाया। हालांकि प्रशासन का दावा है कि पैदल मार्ग से एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की मौजूदगी में ग्रामीणों की पैदल आवाजाही कराई जा रही है। बीते दिन हेलीकाप्टर से नीती घाटी में एक फार्मेसिस्ट के साथ दवाएं भेजी गई हैं। मलारी हाईवे बंद होने के कारण भारत-तिब्बत-चीन सीमा से लगे बांपा, गमशाली, नीती, फरकिया, कैलाशपुर, गुरगुटी, जुम्मा, कागा सहित दर्जनभर गांवों की आवाजाही नहीं हो पा रही है। सेना व आइटीबीपी के वाहनों की आवाजाही भी ठप पड़ी हुई है।
देहरादून समेत आसपास के इलाकों में भी मंगलवार को तेज बारिश के दो से तीन दौर हुए। देर रात यहां बादल फटने से मलबा लोगों के घरों में घुस आया और सड़कें तालाब में तब्दील हो गई। घटना में जनहानि की कोई खबर नहीं है।
उधर, कुमाऊं के पिथौरागढ़ जिले के तल्ला जोहार में नई बस्ती के पास थल-मुनस्यारी मार्ग ध्वस्त हो गया है। चीन सीमा का सड़क संपर्क भंग है और जिले में 15 मार्ग बंद हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक अगले तीन दिन देहरादून, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर, पिथौरागढ़ व ऊधमसिंह नगर में कहीं-कहीं तेज बौछार के साथ भारी बारिश हो सकती है। इसको लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
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