Uttarakhand Weather Update उत्तराखंड में फिर बदलेगा मौसम, बारिश और ओलावृष्टि की संभावना
Uttarakhand Weather Update राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक प्रदेश में कई स्थानों पर तेज हवा चलने के साथ ही गरज के साथ बौछारें और ओलावृष्टि की संभावना है।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में भले ही दिन भर चटख धूप रही, लेकिन पर्वतीय इलाकों में दोपहर बाद मौसम ने करवट बदल दी। बदरीनाथ, केदारनाथ और हेमकुंड की पहाड़ियों में हल्की बर्फबारी भी हुई। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, रविवार को भी प्रदेश में कई स्थानों पर तेज हवा चलने के साथ ही गरज के साथ बौछारें और ओलावृष्टि की संभावना है।
अप्रैल से शुरू बारिश का क्रम मई में भी बना हुआ है। बारिश और ओलावृष्टि से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं। आने वाले दिनों में भी मौसम से राहत मिलने की संभावना कम ही नजर आ रही है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार रविवार को प्रदेश के मैदानी इलाकों में 50 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। वहीं पहाड़ी इलाकों में गरज के साथ तेज बौछार और कुछ स्थानों पर ओले भी गिर सकते हैं।
विभिन्न शहरों में तापमान
- शहर------------अधि------------न्यून.
- देहरादून---------32.3----------19.9
- उत्तरकाशी------23.7----------14.7
- मसूरी------------22.4----------12.5
- टिहरी------------22.5----------14.4
- हरिद्वार---------34.2----------23.8
- जोशीमठ---------21.3---------12.2
- पिथौरागढ़-------23.5----------13.8
- अल्मोड़ा---------22.6-----------14.8
- मुक्तेश्वर--------20.8-----------11.3
- नैनीताल---------22.3-----------13.0
- यूएसनगर-------32.4---------19.0
- चम्पावत--------22.1------------11.0
ओलावृष्टि से फल-सब्जी को 10 से 25 फीसद क्षति का अनुमान
एक तो कोरोना संकट और उस पर मौसम की मार। उत्तराखंड के किसान भी इस दोहरी मार से दो-चार हो रहे हैं। ओला व अतिवृष्टि से राज्यभर में फल-सब्जी के साथ ही रबी की मुख्य फसल गेहूं समेत अन्य फसलों को नुकसान पहुंचा है। औद्यानिकी को लेकर कराए गए प्रारंभिक आकलन के मुताबिक फल-सब्जी को 10 से 25 फीसद तक नुकसान पहुंचने का अनुमान है। हालांकि, एक-दो दिन में सभी जिलों से समग्र रिपोर्ट मिलने के बाद ही सही तस्वीर सामने आएगी। वहीं, रबी की फसलों को पहुंची क्षति का आकलन अभी चल रहा है। उधर, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि कृषि और बागवानी को पहुंची क्षति की रिपोर्ट मिलने के बाद किसानों को राहत देने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।
लॉकडाउन के कारण कृषि कार्यों में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए सरकार ने राहत दी, मगर फसल कटाई में श्रमिक न मिलने पर दिक्कतें आईं। जैसे-तैसे रबी की मुख्य फसल गेहूं की कटाई शुरू की गई तो बाद मौसम ने दुश्वारियां बढ़ा दीं। अप्रैल से अब तक अंतराल में हो रही ओलावृष्टि और अतिवृष्टि ने बागवानी के साथ ही रबी की फसलों को नुकसान पहुंचाया है।
हालांकि, गेहूं की कटाई तो अधिकांश हिस्से में हो चुकी है, मगर पछेती प्रजाति के गेहूं की कटाई अभी चल रही है और उसे क्षति पहुंची है। अलबत्ता, बागवानी को ज्यादा नुकसान पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। ओलावृष्टि से सेब, आडू्, पुलम, आम, लीची के साथ ही फल-सब्जी की फसलें जगह-जगह बर्बाद हो गईं। इस संबंध में शासन के निर्देश पर उद्यान विभाग ने प्रारंभिक आकलन कराया तो इसमें फल-सब्जी को 10 से 25 फीसद क्षति होने का अनुमान लगाया गया है।
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हालांकि सभी जिलों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। उद्यान विभाग के अपर निदेशक रतन कुमार के मुताबिक एक-दो दिन में सभी जिलों से ब्लाकवार रिपोर्ट मिलने के बाद ही बागवानी को क्षति की सही तस्वीर सामने आएगी। दूसरी तरफ, कृषि महकमा भी रबी की फसल को पहुंचे नुकसान का आकलन कराने में जुटा है।
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