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    Uttarakhand Weather: उत्तराखंड में भारी बर्फबारी से पैदा हुई दुश्वारियां नहीं हुई कम

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Sat, 11 Jan 2020 08:25 PM (IST)

    उत्तराखंड में मौसम साफ हुए दो दिन हो गए हैं लेकिन भारी बर्फबारी से उपजी दुश्वारियां कम नहीं हो रही हैं। पहाड़ों में बर्फ और पाले के कारण सड़कें खतरनाक हो गई हैं।

    Uttarakhand Weather: उत्तराखंड में भारी बर्फबारी से पैदा हुई दुश्वारियां नहीं हुई कम

    देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में मौसम साफ हुए दो दिन हो गए हैं, लेकिन भारी बर्फबारी से उपजी दुश्वारियां कम नहीं हो रही हैं। पहाड़ों में बर्फ और पाले के कारण सड़कें खतरनाक हो गई हैं। इन सड़कों पर फिसलकर 38 लोग घायल हो गए। यहां मोटर और पैदल मार्गों पर बर्फ के बाद पाला जमने से फिसलन बनी हुई है।

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    स्थानीय प्रशासन व पुलिस टीमें सड़कों पर मिट्टी और चूना डालकर सफर को सुरक्षित बनाने में जुटे हुए हैं। इसके अलावा प्रदेशभर में 100 के करीब मोटर मार्गों पर आवाजाही अवरुद्ध है। जबकि साढ़े नौ सौ से अधिक गांवों में बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित है। पर्यटक स्थलों में ठहरे करीब 50 पर्यटक सड़कें बंद होने के कारण वापस नहीं लौट पा रहे हैं। मसूरी धनोल्टी मार्ग बर्फबारी के कारण तीन दिन से अवरुद्ध है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार फिलहाल 11 और 12 जनवरी को आसमान साफ रहेगा, हालांकि 13 जनवरी से एक बार फिर मौसम करवट बदल सकता है।

    उत्तराखंड में तीन दिन हुई भारी बारिश और बर्फबारी के बाद से पहाड़ों में मुश्किलें बढ़ गई हैं। बर्फ के बाद अब पाला पहाड़ों में हादसों का सबब बन रहा है। सड़कों पर गिरे पाले के जमने से वाहन फिसल रहे हैं और दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। पौड़ी जनपद के पाटीसैंण बाजार के पास सड़क पर पाले के कारण एक कार फिसलकर खड्ड में गिर गई, जिसमें सवार पांच लोग घायल हो गए। उधर, नई टिहरी में सड़कों के साथ पैदल रास्ते भी लोगों के लिए मुसीबत बन गए हैं।

    बीते दो दिनों में पाले में फिसल कर लगभग 32 लोग घायल हो चुके हैं। इनमें ज्यादातर दोपहिया वाहन चालक शामिल हैं, जबकि दो लोगों के हाथ में फ्रैक्चर हो गया। इधर, मसूरी के पास भी एक वाहन चालक पाले में फिसलने से घायल हो गया। स्थानीय प्रशासन पैदल व मोटर मार्गों पर चूना व मिट्टी डलवाकर सुरक्षित आवाजाही कराने के प्रयास में जुटा है।

    इसके अलावा पहाड़ों में सड़क मार्ग बंद होने के साथ ही बिजली-पानी को भी लोग तरस रहे हैं। जिला प्रशासन और संबंधित विभाग अपने-अपने क्षेत्रों में सड़कें खुलवाने समेत क्षतिग्रस्त विद्युत व पेयजल लाइनों को दुरुस्त करने मेें जुटे हैं।

    गढ़वाल मंडल के चमोली, पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग जनपदों में करीब साढ़े नौ सौ गांव ऐसे हैं, जहां अभी तक विद्युत सप्लाई बाधित है। इसके अलावा साढ़े चार सौ से अधिक गांवों में पेयजल का संकट बना हुआ है। अधिकांश गांवों में लोग बर्फ पिघलाकर पानी पी रहे हैं। प्रदेशभर में अभी भी छोटे-बड़े करीब 100 मार्ग अवरुद्ध हैं, जिन्हें खोलने के लिए बीआरओ और लोनिवि जेसीबी लगाकर जुटे हुए हैं। औली में बर्फबारी के बाद जोशीमठ-औली मोटर मार्ग बंद है और 20 से अधिक पर्यटक वाहन लौट नहीं पा रहे हैं।

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    ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर लामबगड़ में लगातार पहाड़ी से पत्थर बरस रहे हैं। उधर, कुमाऊं मंडल के नैनीताल, बागेश्वर और अल्मोड़ा के दूरदराज इलाकों में बारिश और बर्फबारी के कारण ध्वस्त हुई बिजली आपूर्ति शुक्रवार को भी सुचारू नहीं हो सकी। नैनीताल में विद्युत आपूर्ति ठप होने से पूरे शहर में अंधेरा पसरा हुआ है। जबकि, पिथौरागढ़ में थल मुनस्यारी मार्ग लगातार पांचवें दिन भी बंद है।

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